सौ साल पुराने भवन का मामला बम्बई उच्च न्यायलय ने दिए ध्वस्त करने का आदेश कहा कभी भी अनहोनी हो सकती है

बंबई उच्च न्यायालय ने बृह्नमुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) को दक्षिण मुंबई स्थित 100 साल पुरानी जर्जर इमारत को ध्वस्त करने की अनुमति दे दी है. साथ ही इमारत में रहने वालों को परिसर खाली करने का निर्देश दिया है. न्यायमूर्ति आर.डी.धनुका और न्यायमूर्ति कमल खाता की पीठ ने बीएमसी की तकनीकी परामर्श समिति (टीएससी) के फैसले को कायम रखा जिसके मुताबिक इमारत जर्जर हो चुकी है व खतरनाक अवस्था में है जिसकी वजह से उसे ध्वस्त करने की जरूरत है.

सौ साल पुराने भवन का मामला बम्बई उच्च न्यायलय ने दिए ध्वस्त करने का आदेश कहा कभी भी अनहोनी हो सकती है
हाइलाइट्सबम्बई हाई कोर्ट ने सौ-साल पुरानी बहुमंजिला ईमारत ध्वस्त करने का आदेश दिया है. यह इमारत दक्षिण मुंबई के व्यस्त भुलेश्वर इलाके में है.अदालत ने कहा है कि यहां कभी भी अनहोनी हो सकती है. अदालत ने अपने फैसले में कहा कि बीएमसी का इमारत ढाहने का फैसला सही है. मुंबई. बंबई उच्च न्यायालय ने बृह्नमुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) को दक्षिण मुंबई स्थित 100 साल पुरानी जर्जर इमारत को ध्वस्त करने की अनुमति दे दी है. साथ ही इमारत में रहने वालों को परिसर खाली करने का निर्देश दिया है. उच्च न्यायालय ने संबंधित आदेश 11 अगस्त को पारित किया, जिसकी प्रति सोमवार को उपलब्ध हुई. अदालत ने रेखांकित किया कि ‘एच एन पेटिट विडो होम’ (विधवाश्रम) नामक इमारत व्यस्त मार्ग पर स्थित है और किसी भी अवांछित घटना से यहां जनहानि हो सकती है. न्यायमूर्ति आर.डी.धनुका और न्यायमूर्ति कमल खाता की पीठ ने बीएमसी की तकनीकी परामर्श समिति (टीएससी) के फैसले को कायम रखा जिसके मुताबिक इमारत जर्जर हो चुकी है व खतरनाक अवस्था में है जिसकी वजह से उसे ध्वस्त करने की जरूरत है. समिति की रिपोर्ट के आधार पर बीएमसी ने इस साल अप्रैल में इमारत के मालिक को परिसर खाली करने का नोटिस जारी किया था. हालांकि, इमारत में रह रहे कुछ लोगों और भूतल पर दुकान चला रहे कुछ किरादारों ने इमारत खाली करने से इनकार कर दिया था और उच्च न्यायालय का रुख किया था. उनका तर्क था कि इमारत में कुछ मामूली मरम्मत की जरूरत है. गौरतलब है कि भूतल सहित छह मंजिला इमारत करीब 100 साल पुरानी है और इसका इस्तेमाल विधवाश्रम के तौर पर होता था. इमारत की दयनीय अवस्था को देखते हुए इसमें रहने वाली विधवाओं को वर्ष 2019 में अन्य विधवाश्रम में स्थानांतरित किया गया. अक्टूबर 2021 में नगर निकाय के टीएसी ने ढांचागत ऑडिट किया और इस नतीजे पर पहुंचा कि इमारत जर्जर अवस्था में है और गिर सकती है. इसलिए यह न केवल उसमें रह रहे लोगों के लिए बल्कि वहां से गुजरने वालों के लिए भी खतरा पैदा कर सकती है. रिपोर्ट में कहा गया कि इमारत को यथाशीघ्र ध्वस्त किया जाना चाहिए. उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में रेखांकित किया कि टीएसी ने सही राय दी है और वह अलग राय देने का इच्छुक नहीं है. गौरतलब है कि यह इमारत दक्षिण मुंबई के व्यस्त भुलेश्वर इलाके में है. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: Bombay high court, MumbaiFIRST PUBLISHED : August 16, 2022, 17:49 IST