इस सांसद का हाथ पकड़कर आगे ले आए अखिलेश पत्नी भाई और चाचा को छोड़ा पीछे

इस सांसद का हाथ पकड़कर आगे ले आए अखिलेश पत्नी भाई और चाचा को छोड़ा पीछे
18वीं लोकसभा के पहले संसद सत्र में आज कई नजारे देखने को मिले. जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित तमाम नवनिर्वाचित सांसद सदन में शपथ ले रहे थे, वहीं विपक्षी दल मिलकर संविधान बचाने की दुहाई दे रहे थे. विपक्षी खेमे अलग ही उत्साह देखने को मिला. कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस सहित इंडिया गठबंधन के तमाम दल संसद के बाहर संविधान की प्रति हाथों में लेकर घूम रहे थे. सबसे ज्यादा उत्साह समाजवादी पार्टी के खेमे में देखने को मिला. यहां सपा मुखिया अखिलेश यादव, उनकी पत्नी डिंपल यादव सहित समाजवादी पार्टी के सभी 37 सांसद संसद परिसर में एकजुट दिखाई दिए. उनके साथ सपा के राज्यसभा सांसद और अखिलेश यादव के चाचा राम गोपाल यादव भी थे. ये सभी सांसद हाथों में संविधान की प्रतियां लिए हुए थे. जब ये सांसद संसद भवन के अंदर जा रहे थे तो सबसे आगे अखिलेश यादव, डिंपल यादव और राम गोपाल यादव तथा अन्य महिला सांसद थीं. तभी अखिलेश यादव अपनी पत्नी और चाचा को आगे छोड़ते हुए पीछे मुड़े और तीसरी लाइन में खड़े अयोध्या के सांसद अवधेश प्रसाद का हाथ पकड़कर उन्हें आगे लाए और अपने साथ खड़ा किया. अखिलेश यादव अवेधश प्रताप का हाथ पकड़कर ही संसद भवन के अंदर गए. अखिलेश यादव ने मीडिया के सामने अवेधश प्रसाद का परिचय कराया. इतना ही नहीं जब अखिलेश कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे आदि से मिल रहे थे, तब भी उन्होंने अवधेश प्रसाद को अपने साथ रखा. नई लोकसभा के पहले सत्र में फैजाबाद सीट से जीत कर आए सांसद अवधेश प्रसाद को अखिलेश यादव ने विशेष महत्व दिया. अपने साथ संदन में अंदर ले गए और साथवाली सीट पर बिठाया. जबकि डिंपल यादव अखिलेश के पीछे वाली सीट पर बैठी थीं. सांसद अवधेश प्रसाद ने मीडिया से बात करते हुए कहा- मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान प्रभु श्रीराम की मर्यादाओं को अश्रुण रखते हुए पूरे देश में उनकी मर्यादाओं को कायम करूंगा. और वहां के देवतुल्य मतदाताओं की उम्मीदों पर खरा उतरूंगा. अखिलेश यादव द्वारा अवधेश प्रसाद को इस तरह महत्व दिए जाने को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. कहा जा रहा है कि अखिलेश यादव की नजर अब दलित समुदाय पर है. वे मायावती के खेमे में सेंध लगाकार दलित वोटरों को अपने पक्ष में करने का प्रयास कर रहे हैं. चूंकि अवधेश प्रसाद दलित वर्ग के पासी समुदाय से आते हैं. ऐसे में अवधेश को सबसे आगे रखकर अखिलेश यह मैसेज देना चाहते हैं कि समाजवादी पार्टी में दलितों और गैर यादवों को भी पूरा सम्मान दिया जाता है. राम मंदिर की लहर में अवधेश ने भेदा बीजेपी का किला बता दें कि इस साल 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पूरे देश में यही मैसेज गया कि इस बार चुनावों में बीजेपी जीत के रिकॉर्ड कायम करेगी. पूरे देश में राम मंदिर निर्माण के उत्साह को देखते हुए ही बीजेपी ने 400 पार का नारा दिया था. लेकिन 4 जून को चुनाव परिणामों ने सारे उत्साह पर पानी फेर दिया. उत्तर प्रदेश तो दूर बीजेपी को अयोध्या में ही करारी हार का समाना करना पड़ा. अयोध्या वाली फैजाबाद सीट पर बीजेपी का चारों खाने चित करने वाले समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद पूरे प्रदेश में एक हीरो बनकर उभरे. Tags: Akhilesh yadav, Ayodhya News, Parliament sessionFIRST PUBLISHED : June 24, 2024, 15:21 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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