विश्‍वासघात करने वालों को उनकी जगह दिखाएं शरद पवार ने भरी हुंकार

Maharashtra Chunav: महारष्‍ट्र विधानसभा चुनाव के लिए 20 नवंबर को वोटिंग होनी है. इससे पहले सभी दलों के स्‍टार प्रचारक ने चुनाव प्रचार अभियान में सबकुछ झोंक दिया है. चाचा शरद पवार और भतीजे अजित पवार के बीच चल रही चुनावी जंग पर सबकी निगाहें टिकी हैं.

विश्‍वासघात करने वालों को उनकी जगह दिखाएं शरद पवार ने भरी हुंकार
पुणे. नेशनलिस्‍ट कांग्रेस पार्टी (एसपी) सुप्रीमो शरद पवार ने 20 नवंबर हो होने जा रहे विधानसभा चुनाव में मतदाताओं से अजित पवार के नेतृत्व में बगावत करने वालों को न केवल हराने बल्कि बुरी तरह से हराने की अपील की है. शरद पवार ने सोलापुर जिले के माढा में जनसभा को संबोधित करते हुए दल-बदल की एक घटना को याद किया, जिसके कारण लगभग पांच दशक पहले उन्हें विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद खोना पड़ा था. उनके दृढ़ संकल्प के कारण उन सभी लोगों की हार हुई जिन्होंने उनके साथ विश्वासघात किया था. शरद पवार ने कहा, ‘साल 1980 के चुनाव में हमारी पार्टी से 58 लोग चुनाव जीते और मैं विपक्ष का नेता बना. मैं विदेश गया था और जब वापस आया तो मुझे एहसास हुआ कि मुख्यमंत्री एआर अंतुले साहब ने कोई चमत्कार कर दिया है और 58 में से 52 विधायकों ने पाला बदल लिया है. मैंने विपक्ष के नेता का पद खो दिया.’ जनसभा को संबोधित करते हुए NCP(SP) प्रमुख शरद पवार ने कहा, ‘मैंने (उस समय) कुछ नहीं किया. मैंने सिर्फ राज्यभर में लोगों से संपर्क करना शुरू किया और तीन साल तक कड़ी मेहनत की. अगले चुनावों में मैंने उन सभी 52 विधायकों के खिलाफ युवा उम्मीदवार खड़े किए, जिन्होंने मुझे छोड़ दिया था. मुझे महाराष्ट्र के लोगों पर गर्व है कि मुझे छोड़ने वाले सभी 52 विधायक हार गए.’ महाराष्ट्र चुनाव में बैग चेकिंग पर सियासत तेज, उद्धव के बाद गडकरी, शिंदे और अजित पवार की भी चेकिंग ‘जिन लोगों ने विश्‍वासघात किया…’ देश के दिग्‍गज नेताओं में शुमर शरद पवार (83) ने 1967 में 27 वर्ष की आयु में विधायक बनने के बाद से एक अपराजित नेता के रूप में अपनी स्थिति को बताते हुए कहा कि मेरे अपने अनुभव हैं. उन्होंने कहा, ‘जिन लोगों ने विश्वासघात किया है, उन्हें उनकी जगह दिखानी चाहिए. उन्हें सिर्फ हराएं ही नहीं, बल्कि बुरी तरह हराएं.’ बता दें कि इस बार के विधानसभा चुनाव में शरद पवार और अजित पवार के दिलचस्‍प मुकाबला देखा जा रहा है. लोकसभा चुनाव में बाजी शरद पवार के हाथ लगी थी, ऐसे में विधानसभा चुनाव में अजित पवार कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं. शरद पवार की पार्टी का विभाजन पिछले साल जुलाई में अजित पवार और 8 विधायक महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल हो गई थी, जिसके बाद शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का विभाजन हो गया था. चुनाव आयोग ने बाद में अजित पवार गुट को पार्टी का नाम और ‘घड़ी’ चुनाव चिह्न आवंटित कर दिया, जबकि पवार ने अपने गुट का नाम NCP (शरदचंद्र पवार) रखा गया. शरद पवार की पार्टी को ‘तुरही बजाता हुआ व्यक्ति’ का चुनाव चिह्न आवंटित किया गया था. Tags: Maharashtra Elections, Maharashtra News, National NewsFIRST PUBLISHED : November 17, 2024, 23:48 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed