Sunday Special: भारत ने अमेरिकी वैक्सीन निर्माताओं Pfizer और Moderna के दबाव को कैसे किया नाकाम पढ़ें

इस साल, पूरा भारत, डब्ल्यूएचओ के 4.7 मिलियन अतिरिक्त कोविड मौतों के अनुमान के विरोध में एक साथ आया. केंद्र सरकार अपने रुख पर अड़ी रही कि ऐसा करना विश्व स्वास्थ्य संगठन के दायरे से बाहर था और अगर उसे ऐसा करना था, तो वर्ल्ड हेल्थ असेंबली में रिकॉर्ड पर रखते हुए प्रति मिलियन मौतों को दिखाना चाहिए था.

Sunday Special: भारत ने अमेरिकी वैक्सीन निर्माताओं Pfizer और Moderna के दबाव को कैसे किया नाकाम पढ़ें
(अमन शर्मा और हिमानी चंदना की रिपोर्ट) नई दिल्ली: पिछले साल जब कोरोना महामारी अपने चरम पर थी, अमेरिकी फर्मास्युटिकल्स कंपनियों फाइजर और मॉडर्ना ने कुछ कठोर शर्तों के साथ भारत को 30 डॉलर प्रति खुराक में अपनी वैक्सीन की पेशकश की थी. भारत ने इन दोनों वैक्सीन निर्माता कंपनियों से करार करने से मना कर दिया था. कुछ महीने बाद, भारत ने फाइजर और मॉडर्ना से कहा कि वह कोरोना के स्वदेशी टीकों का निर्यात शुरू कर रहा है, अगर वे चाहें तो 2.5 डॉलर प्रति खुराक की दर से खरीद सकते हैं. इस साल, पूरा भारत, डब्ल्यूएचओ के 4.7 मिलियन अतिरिक्त कोविड मौतों (भारत सरकार का आंकड़ा 5 लाख से कुछ अधिक मौतों का है, जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि भारत में कोरोना से 47 लाख के करीब मौतें होने का अनुमान है) के अनुमान के विरोध में एक साथ आया. केंद्र सरकार अपने रुख पर अड़ी रही कि ऐसा करना विश्व स्वास्थ्य संगठन के दायरे से बाहर था और अगर उसे ऐसा करना था, तो वर्ल्ड हेल्थ असेंबली में रिकॉर्ड पर रखते हुए प्रति मिलियन मौतों को दिखाना चाहिए था. up24x7news.com ने शीर्ष सरकारी अधिकारियों से बात की, जिन्होंने इन घटनाओं के बारे में विस्तार से बताया कि कैसे नरेंद्र मोदी सरकार ने ‘राष्ट्रीय हित’ में वैश्विक वैक्सीन दिग्गजों के खिलाफ खड़े होने का फैसला किया. और कैसे कोरोना से होने वाली मौतों के आंकड़ों को लेकर ‘भारत को नीचे रखने’ रखने के WHO के प्रयासों को काउंटर किया. बावजूद इसके कि पश्चिमी देशों की तुलना में भारत ने Covid-19 महामारी के खिलाफ काफी बेहतर लड़ाई लड़ी. पिछले साल उस समय को याद करें जब कोरोना की दूसरी लहर भारत के साथ-साथ दुनिया के बाकी हिस्सों में कहर ढा रही थी. शीर्ष सरकारी अधिकारियों ने उन दिनों को याद करते हुए up24x7news.com को बताया कि कैसे फाइजर और मॉडर्ना के टीके खरीदने के लिए सरकार पर भारी दबाव बनाया जा रहा था, जबकि विदेशी निर्माताओं ने टीके की प्रत्येक खुराक के लिए $30 की पेशकश की थी. एक सूत्र ने कहा, ‘सरकार जानती थी कि वह इतने महंगे टीकों को प्रत्येक भारतीय को नहीं दे पाएगी.’ लेकिन जिस चीज ने भारत को ज्यादा परेशान किया वह थी उन टीकों की स्थिति. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: Coronavirus, Moderna, PfizerFIRST PUBLISHED : July 10, 2022, 11:21 IST