क्या है 47 साल पुराना सच भारत में क्यों भटक रही यह डच महिला
क्या है 47 साल पुराना सच भारत में क्यों भटक रही यह डच महिला
नीदरलैंड की रहने वाली प्रिया पिछले करीब पांच दशक से भारत में अपनी मां, अपने परिवार और अपनी जड़ों को ढूंढ रही हैं. लेकिन ऐसा क्या है और क्यों है कि वह पता नहीं कर पा रही हैं कि आखिर उनकी मां कौन थीं...
नई दिल्ली: नीदरलैंड की रहने वाली प्रिया भारत में कुछ ढूंढ रही हैं. 47 साल से एक ऐसा सच उनसे छुपा हुआ है जिसने उनकी रातों की नींद हराम कर रखी है. नीदरलैंड के गोएस में पली-बढ़ी प्रिया नौकरशाहों और सिस्टम के झंझट में फंसी ऐसी महिला हैं जिनकी कहानी आंखें नम कर देती है. प्रिया ने अपने जीवन के पिछले 47 साल यह सवाल पूछते हुए बिताए हैं कि वह कौन हैं. वह पिछले दो दशकों से जानना चाहती हैं कि उन्हें किसने जन्म दिया.. उनकी बॉयलॉजिकल मदर कौन हैं. प्रिया की मददगार वकील अंजलि पवार के मुताबिक, यह मामला चाइल्ड ट्रैफिकिंग का भी हो सकता है.
प्रिया को दो साल की आयु में 1979 में एक डच दंपत्ति ने गोद ले लिया था. उन्होंने इनका नाम रखा आइरीन प्रिया कॉर्नेलिया ब्रूयन. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट बताती है कि वह जानना चाहती हैं अपने असली माता पिता के बारे में लेकिन पता नहीं कर पा रही हैं. सरकारी अधिकारी तो उन्हें यह तक कह चुके हैं कि तुम्हें भगवान का शुक्रगुजार होना चाहिए उस लाइफ को लेकर जो आज तुम्हारे पास है.
न कोई दस्तावेज, न कोई रिकॉर्ड, कैसे हो इलाज…
प्रिया के पास जन्म के समय के दस्तावेज नहीं हैं. न ही अडोपेशन से जुडे़ रिकॉर्ड… वह थैलेसीमिया की पेशंट हैं और क्योंकि उनका कोई मेडिकल रिकॉर्ड नहीं है इसलिए उनके इलाज में भी दिक्कत आ रही है. उन्होंने अब इस मामले में कोर्ट का रुख किया है.
अलग अलग अधिकारी और सरकारी एजेंसियां अलग अलग कहानियां सुनाती हैं. किसी ने उन्हें कहा कि वह अनब्याही मां की संतान थीं, किसी ने कहा कि उनकी मां ने उन्हें मानसिक बीमारी के कारण छोड़ दिया. किसी तीसरे ने कहा कि पिता की मृत्यु के कारण मां बेसहारा हो गई थी इसलिए तुम्हें छोड़ दिया.
नीदरलैंड में हो रहीं नस्लभेद की शिकार
नीदरलैंड में अपनी रंगत के कारण नस्लभेद का शिकार रहीं और आज उनके बेटा जो 18 साल का हो चुका है, भी अपनी आइडेंडिटी क्राइसिस से जूझ रहा है. इसलिए वह चाहती हैं कि अपनी जड़ों तक पहुंचें. खुद उनकी मां को भी अब लगता है कि वह किसी और की बच्ची को लेकर आ गई हैं और अब शर्मिंदगी महसूस करती हैं जबकि जिस वक्त उन्होंने प्रिया को गोद लिया, वह सोचती थीं कि एक बच्चे को घर दे रही हैं.
Tags: Child trafficking, Human rights, OMG NewsFIRST PUBLISHED : August 13, 2024, 13:11 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed