18 लाख युवाओं के साथ किसने किया खेल पेपर लीक में किसका हाथ IAS-IPS भी सहमे
18 लाख युवाओं के साथ किसने किया खेल पेपर लीक में किसका हाथ IAS-IPS भी सहमे
bihar police bharti, Bihar Police Constable Paper Leak Case: बिहार पुलिस कांस्टेबल भर्ती पेपर लीक मामले में ईओयू की रिपोर्ट आने के बाद हड़कंप मच गया है. पिछले साल पुलिस कांस्टेबल की नौकरी के लिए कुल 18 लाख युवाओं ने आवेदन किए थे. तमाम ने इसकी परीक्षा भी दी थी, लेकिन ऐन समय पर पेपर लीक हो गया. आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला...
Police Bharti, Bihar Police Constable Paper Leak Case:बिहार पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा के पेपर लीक का मामला एक बार फिर सुर्खियों में है. हाल ही में राज्य सरकार की जांच एजेंसी आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ईओयू की रिपोर्ट में कई बातों का खुलासा हुआ है, जिसके बाद यह मामला काफी चर्चा में है. यह मामला तब और चर्चा में आ गया, जब ईओयू के एडीजी ने प्रदेश सरकार से इस पूरे प्रकरण में बिहार के पूर्व डीजीपी रहे एसके सिंघल (Ex DGP SK Singhal) के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने की अनुशंसा कर दी. एडीजी ने इस संबंध में बिहार के वर्तमान डीजीपी को भी एक पत्र लिखा है. इसके बाद पूरे प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया है और कई आईएएस (IAS)- आईपीएस (IPS) भी इस घटना के बाद सहम गए हैं. आइए जानते हैं आखिर क्या है पूरा मामला?
बिहार में पिछले साल 2023 की शुरूआत में बिहार पुलिस सिपाही की भर्तियां निकाली गईं. कुल 21391 पदों पर बिहार पुलिस में बहाली होनी थी. इसके लिए खाली पदों के लिए बकायदा विज्ञापन संख्या 1/2023 नोटिफिकेशन जारी किया. बिहार पुलिस भर्ती की लिखित परीक्षा एक अक्टूबर 2023 को दो चरणों में हुई भी, लेकिन लिखित परीक्षा से ठीक पहले इसका पेपर और आंसर सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. जिसको लेकर विवाद की स्थिति बन गई. प्रदेश के अलग-अलग जिलों में लगभग 74 मामले दर्ज किए गए.
कब शुरू हुई थी भर्ती प्रक्रिया
बिहार पुलिस कांस्टेबल भर्ती के लिए पिछली साल 20 जून से आवेदन प्रक्रिया शुरू हुई थी, जो 20 जुलाई 2023 तक चली. बिहार पुलिस में कुल 21,391 कांस्टेबल की भर्तियां होनी थीं. इसके लिए 18 लाख आवेदन आए थे, जिसमें से 45 हजार आवेदनों को रद्द कर दिया गया था.
तब शुरू हुई पेपर लीक की जांच
इस घटना के बाद हर तरफ कई तरह के सवाल उठने लगे जिसके बाद सरकार ने प्रदेश सरकार के पूर्व डीजीपी व केंद्रीय चयन पर्षद ( सिपाही भर्ती ) के तत्कालीन अध्यक्ष एसके सिंघल को पद से हटा दिया. उन्हें डीजीपी के पद से रिटायरमेंट के बाद इसका अध्यक्ष बनाया गया था. उन्हें हटाने के बाद सरकार ने इस मामले की जांच कराने का फैसला लिया, जिसके बाद बिहार की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने 31 अक्टूबर को पहली बार FIR दर्ज जांच शुरू कर दी. उस समय डीआईजी मानवजीत सिंग ढिल्लों की अध्यक्षता में एक स्पेशल जांच टीम का गठन किया गया. अब इस टीम ने बिहार सिपाही भर्ती पेपर लीक मामले की जांच पूरी कर ली है और इसकी रिपोर्ट सरकार को सौंपी दी गई है, जिसके बाद कई तरह से सवाल उठने लगे हैं कि क्या इस मामले में दोषियों पर कार्रवाई होगी?
रिपोर्ट में क्या हुआ खुलासा
बता दें कि बिहार पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले में कमेटी ने पूर्व डीजीपी और उस समय के केंद्रीय चयन पर्षद ( सिपाही भर्ती ) के अध्यक्ष एसके सिंघल की भूमिका भी संदिग्ध बताई है. जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि एसके सिंघल ने बतौर अध्यक्ष लापरवाही की. साथ ही परीक्षा के दौरान नियमों एवं मानकों की अनदेखी की. सिंघल ने अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन सही ढंग से नहीं किया, जिसकी वजह से पेपर लीक जैसी घटना सामने आई. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि उनकी लापरवाही से ही एक संगठित गिरोह ने सुनियोजित ढंग से पेपर लीक किया. ईओयू ने अपनी रिपोर्ट में इस बात का भी खुलासा किया है कि पूर्व डीजीपी सिंघल ने जिस प्रिंटिंग प्रेस को टेंडर दिया था वह महज दो साल पुराना था जबकि एसके सिंघल की ओर से इसे चालीस वर्ष पुराना बताकर इसे टेंडर दे दिया गया. आरोप यह भी है कि उन्होंने इसके बदले पेपर छापने वाली कंपनी से कमीशन भी लिए.
Tags: Bihar News, Bihar police, Government jobs, Govt Jobs, Jobs, Paper Leak, Sarkari Naukri, Sarkari ResultFIRST PUBLISHED : September 20, 2024, 15:23 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed