बड़ा ही चमत्कारी है मां का यह मंदिर यहां चढ़ाया जाता है गेहूं जानिए मान्यता
बड़ा ही चमत्कारी है मां का यह मंदिर यहां चढ़ाया जाता है गेहूं जानिए मान्यता
Kannauj Jahara Devi Mandir : मंदिर की ऐसी मान्यता है कि यहां पर गेहूं का अनाज चढ़ता है. जिसके चढ़ाने से खेतों में किसानों के अनाज की कभी कमी नहीं होती.
अंजली शर्मा/ कन्नौज. कन्नौज जिले में जहारा देवी का एक अति प्राचीन मंदिर स्थित है. इस मंदिर की ऐसी मान्यता है कि यहां पर सच्चे मन से की गई मान्यता कभी भी बेकार नहीं जाती. इस मंदिर में अन्न और पैसे का चढ़ावा चढ़ता है. ऐसी भी मानता है कि यहां पर अन्न चढ़ाने से कभी भी किसानों के खेतों में अन्न की कमी नहीं होती. वहीं बीमार मवेशियों के ऊपर से उतारकर अगर यहां पर अन्न चढ़ाया जाता है, तो उन मवेशियों की गंभीर से गंभीर बीमारी भी ठीक हो जाती है. पूरे देश के कोने-कोने से श्रद्धालु यहां पर दर्शन करने आते हैं. भादो में हर शनिवार यहां पर मेला लगता है और बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पर दर्शन करने आते हैं.
क्या है मान्यता
मंदिर की ऐसी मान्यता है कि यहां पर गेहूं का अनाज चढ़ता है. जिसके चढ़ाने से खेतों में किसानों के अनाज की कभी कमी नहीं होती. ऐसी भी मानता है कि जो बीमार जानवर होते हैं उनके ऊपर से उतार कर यहां पर अनाज चढ़ाने से उन जानवरों की बीमारी भी ठीक हो जाती है. वहीं इसके साथ-साथ कई और तरह के अनाज भी चढ़ते हैं, लेकिन सबसे बड़ी मात्रा में यहां पर गेहूं का चढ़ावा और पैसे का चढ़ावा चढ़ता है. देश भर के कोने कोने से श्रद्धालु यहां पर दर्शन करने आते हैं.
देवी रूपी बच्ची
जहारा देवी मुख्य रूप से राजस्थान की देवी के रूप में पूजी जाती है. क्योंकि वहां से एक व्यक्ति के द्वारा एक बच्ची को यहां पर उसके कहने पर लाया गया था. इसके बाद बच्ची यहां पर बैठ गई और वह दोबारा यहां से नहीं उठी. वह एक शीला के रूप में तब्दील हो गई, तब से यहां पर उसके मंदिर की स्थापना कर दी गई. उस बच्ची को जहरा देवी के नाम से जाना गया है. आज भी यहां पर ज्यादातर श्रद्धालु राजस्थान से देवी के दर्शन के लिए आते हैं.
किस जगह है मंदिर
यह प्रसिद्ध मंदिर कन्नौज से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर तलाग्राम क्षेत्र के रोहली गांव में बना हुआ है. वैसे तो यहां पर श्रद्धालुओं का आना साल भर रहता है लेकिन भादो मास के प्रत्येक शुक्रवार और मुख्यता शनिवार को यहां पर मेले का आयोजन होता है. जहां पर दूर दूर से श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं और अन्न और पैसा यहां पर चढाते हैं.
क्या बोले ग्राम प्रधान
रोहली के ग्राम प्रधान लोकल 18 से बात करते हुए बताया कि यह मंदिर बहुत प्राचीन है. करीब 400 साल से यहाँ यह मेला लगता है. इस मंदिर की प्रमुख मान्यता यह है कि यहां पर अन्न और पैसे को चढ़ाया जाता है. ऐसी भी मानता है कि यहां पर अन्न चढ़ाने से कभी भी घर और खेतों में अन्न की कमी नहीं होती. वहीं बीमार जानवरों की बीमारी भी यहां पर ठीक हो जाती है. यहां पर एक देवी रूपी बच्ची आई थी जो कि शीला के रूप में यहां पर विद्यमान हो गई. तब से ही यह मंदिर यहां पर बना हुआ है और जहरा देवी के नाम से जाना जाता है.
क्या बोले श्रद्धालु
लोकल 18 से बात करते हुए श्रद्धालु आदित्य ने बताया कि देश के कोने-कोने से यहां पर श्रद्धालु आते हैं. हम भी हर साल यहां पर दर्शन करने आते हैं अन्न और पैसे का चढ़ावा यहां पर चढ़ता है. बीमार जानवरों के लिए माता की कृपा से ही उनकी बीमारी दूर हो जाती है. वहीं यहां पर अन्न चढ़ाने से कभी भी अन्न की कमी नहीं होती है.
Tags: Hindi news, Local18, Religion 18FIRST PUBLISHED : September 20, 2024, 15:21 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है. Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed