पिथौरागढ़ के लोगों की सुबह भारत तो शाम नेपाल में यह पुल पार करते ही पहुंच जाते हैं पड़ोसी देश
पिथौरागढ़ के लोगों की सुबह भारत तो शाम नेपाल में यह पुल पार करते ही पहुंच जाते हैं पड़ोसी देश
नेपाल के दार्चुला शहर पिथौरागढ़ से 90 किलोमीटर दूर भारत के धारचूला से मात्र पांच मिनट की दूरी पर है. यहां से नेपाल पहुंचने के लिए बस एक पुल पार करना पड़ता है. पुल पार करते ही नेपाल के दार्चुला शहर में आसानी से पहुंचा जा सकता है. यहां नेपाली संस्कृति और सभ्यता के साथ दोनों देशों के मैत्री संबंध देखने को मिलते हैं
हिमांशु जोशी
पिथौरागढ़. उत्तराखंड का पिथौरागढ़ जिला प्राकृतिक सौंदर्य, नदियों और खूबसूरत वादियों के लिए जाना जाता है. इसका दीदार करने देश-विदेश से पर्यटक यहां आते हैं. अगर आप भी पिथौरागढ़ की यात्रा पर आ रहे हैं, तो यहां अनुभव करने के लिए काफी चीजें हैं. जैसे कि यहां से आसानी से पड़ोसी देश नेपाल में घूम-फिर सकते हैं, शॉपिंग कर सकते हैं. एक-दूसरे देश की सभ्यता को जान सकते हैं. सीधे शब्दों में कहें तो आप पिथौरागढ़ से नेपाल की विदेश यात्रा कर सकते हैं जो कि कुछ मिनटों की दूरी के फासले पर स्थित है.
हम बात कर रहे हैं नेपाल के दार्चुला शहर की जो पिथौरागढ़ से 90 किलोमीटर दूर भारत के धारचूला से मात्र पांच मिनट की दूरी पर है. यहां से नेपाल पहुंचने के लिए बस एक पुल पार करना पड़ता है. पुल पार करते ही नेपाल के दार्चुला शहर में आसानी से पहुंचा जा सकता है. यहां नेपाली संस्कृति और सभ्यता के साथ दोनों देशों के मैत्री संबंध देखने को मिलते हैं.
कैलाश मानसरोवर मार्ग पर धारचूला भारत का अंतिम शहर है. यही वजह है कि यहां देश के कोने-कोने से लोग पहुंचते हैं. साथ ही भारतीय पर्यटक नेपाल की यात्रा आसानी से कर सकते हैं. नेपाल से यहां पहुंचे पर्यटकों ने बातचीत में इसे अपना सुखद अनुभव बताया. नेपाली नागरिकों ने दोनों देशों के रोटी-बेटी के संबंधों को बेहद महत्वपूर्ण बताया.
अगर आप धारचूला आए हैं और नेपाल जाना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको अपना आधार कार्ड दिखाकर बस एक पुल पार करना है, जो काली नदी पर बना है. यह काली नदी यहां दोनों देशों का विभाजन करती है. इसको पार करते ही नेपाल के दार्चुला शहर पहुंचा जाता है. यहां से नेपाल की राजधानी काठमांडू की दूरी 960 किलोमीटर है.
यहां की खास बात है कि यहां के लोगों की सुबह भारत में होती हैं तो शाम नेपाल में. दोनों देशों के लोग एक-दूसरे पर निर्भर रहते हैं, चाहे वो व्यापार हो या रोटी-बेटी का संबंध या यहां की मिलती-जुलती सांस्कृतिक सभ्यता. काली नदी इन्हें दो देशों में बांटती है.
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Tags: India nepal, India-Nepal Border, Pithoragarh news, Uttarakhand newsFIRST PUBLISHED : November 08, 2022, 15:49 IST