गुजरात दंगे: एसआईटी की रिपोर्ट को चुनौती देने वाली जकिया जाफरी की याचिका सुप्रीम कोर्ट में खारिज

Gujarat Riots 2002: शीर्ष अदालत ने कहा कि एसआईटी की जांच में कोई दोष नहीं पाया जा सकता और मामले को बंद करने से संबंधित उसकी आठ फरवरी 2012 की रिपोर्ट पूरी तरह से तथ्यों पर आधारित है.

गुजरात दंगे: एसआईटी की रिपोर्ट को चुनौती देने वाली जकिया जाफरी की याचिका सुप्रीम कोर्ट में खारिज
नई दिल्ली. उच्चतम न्यायालय ने 2002 के गुजरात दंगा मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा 64 लोगों को क्लीन चिट दिए जाने को चुनौती देने वाली याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी. यह याचिका गुजरात दंगों में मारे गए कांग्रेस सांसद एहसान जाफरी की पत्नी जकिया जाफरी ने दायर की थी. न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर, न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति सी. टी. रविकुमार की एक पीठ ने मामले को दोबारा शुरू करने के सभी रास्ते बंद करते हुए कहा कि जांच के दौरान एकत्रित की गई समाग्री से मुसलमानों के खिलाफ सामूहिक हिंसा भड़काने के लिए ‘सर्वोच्च स्तर पर आपराधिक षड्यंत्र रचने संबंधी कोई संदेह उत्पन्न नहीं होता है.’ पीठ ने कहा कि जकिया की याचिका सुनवाई योग्य नहीं है. अदालत ने “किसी गुप्त उद्देश्य के लिए मामले को जारी रखने की गलत मंशा का जिक्र करते हुए कहा कि जो प्रक्रिया का इस तरह से गलत इस्तेमाल करते हैं, उन्हें कटघरे में खड़ा करके उनके खिलाफ कानून के दायरे में कार्रवाई की जानी चाहिए.” जकिया जाफरी ने एसआईटी द्वारा प्रधानमंत्री मोदी सहित 64 लोगों को मामले में दी गई क्लीन चिट को चुनौती दी थी. शीर्ष अदालत ने चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में विशेष जांच दल (एसआईटी) के ‘अथक प्रयासों’ के लिए उसकी सराहना की और कहा कि उसने बेहतरीन काम किया है. शीर्ष अदालत ने कहा कि एसआईटी की जांच में कोई दोष नहीं पाया जा सकता और मामले को बंद करने से संबंधित उसकी आठ फरवरी 2012 की रिपोर्ट पूरी तरह से तथ्यों पर आधारित है. पीठ ने मामले को बंद करने संबंधी 2012 में सौंपी गई एसआईटी की रिपोर्ट को स्वीकार करने और उसके खिलाफ दाखिल जाकिया की याचिका को खारिज करने के विशेष मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट के आदेश को बरकरार रखा. जकिया ने हाईकोर्ट के आदेश को दी थी चुनौती जकिया ने उच्च न्यायालय के पांच अक्टूबर, 2017 के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें अदालत ने एसआईटी की रिपोर्ट के खिलाफ उनकी याचिका को खारिज कर दिया था. पीठ ने 452 पृष्ठ के अपने आदेश में कहा, ‘हम मामले की जांच के सिलसिले में कानून के उल्लंघन और अंतिम रिपोर्ट को लेकर मजिस्ट्रेट तथा उच्च न्यायालय के रुख के खिलाफ अपीलकर्ता के प्रतिवेदन से सहमत नहीं हैं.’ ‘जकिया के अलावा किसी ने भी जांच पर सवाल नहीं उठाए’ शीर्ष अदालत ने जकिया की याचिका पर पिछले साल नौ दिसंबर को अपना फैसला सुरक्षित रखा था. शीर्ष अदालत में सुनवाई के दौरान एसआईटी ने कहा था कि जकिया के अलावा किसी ने भी 2002 दंगे मामले में हुई जांच पर ‘सवाल नहीं उठाए’ हैं. इससे पहले जकिया के वकील ने कहा था कि 2006 मामले में उनकी शिकायत है कि ‘एक बड़ी साजिश रची गई, जिसमें नौकरशाही की निष्क्रियता और पुलिस की मिलीभगत थी और अभद्र भाषा एवं हिंसा को बढ़ावा दिया गया.’ ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: Gujarat Riots, Supreme CourtFIRST PUBLISHED : June 24, 2022, 17:32 IST