सर ज्यादा देर नहीं रह पाएंगे जब कंट्रोल रूम के फोन पर ही रोने लगा पायलट

Dibrugarh Train Accident: गोंडा-गोरखपुर रेल खंड के बीच चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्‍सप्रेस ट्रेन हादसे में 12 डिब्‍बे पटरी से उतर गए. अब इस हादसे का एक ऑडियो न्यूज 18 के पास एक्सक्लूसिव आया है. पायलट ने कंट्रोल रूम से मदद की गुहार लगाई थी.

सर ज्यादा देर नहीं रह पाएंगे जब कंट्रोल रूम के फोन पर ही रोने लगा पायलट
नई दिल्ली: गोंडा-गोरखपुर रेल खंड के बीच चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्‍सप्रेस ट्रेन हादसे में 12 डिब्‍बे पटरी से उतर गए. जिसमें दो लोगों की मौत हुई और 24 से ज्‍यादा लोग घायल हुए. हादसे के बाद तमाम तरह की बातें सुर्खियों में है इस बीच ट्रेन हादसे से जुड़ा एक ऑडियो न्यूज 18 के पास एक्सक्लूसिव आया है.माना जा रहा है कि यह ऑडियो लोको पायलट का है. हादसे के बाद ड्राइवर ने कंट्रोल रूम को सूचना दी थी. रोते रोते लोको पायलट ने पूरी सूचना दी थी. पायलट ने कंट्रोल रूम से मदद की गुहार लगाई थी. ट्रेन ड्राइवर त्रिजुगी नारायण ने कंट्रोल में खबर दी थी. लोको पायलट अपने सहायक पायलट राज के साथ इंजन में मौजूद था. लोको पायलट ने योगेश शर्मा से फूट फूटकर रोते हुए सूचना दी थी. पढ़ें- Dibrugarh Train Accident: बड़ा हादसा होने के बाद भी जान-माल का हुआ नुकसान कम, यह रही बड़ी वजह, जानें ऑडियो में पायलट ने क्या-क्या कहा? ऑडियो में पायलट को रोते हुए सुना जा सकता है. तभी आवाज आती है मैं योगेश शर्मा बोल रहा है. आप परेशान मत होईए सारे लोग पहुंच रहे हैं. हालांकि उधर से लागातार रोने की आवाज आती रही. योगेश शर्मा ने लोको पायलट से पूछा आप लोग सुरक्षित हैं. लोको पायलट ने रोते हुए जवाब दिया हां हम सुरक्षित है और सह पायलट भी सुरक्षित हैं. इसके बाद पायलट ने कहा कि बहुत बुरी तरह से ट्रेन हादसा हुआ है. हम ज्यादा देर नहीं रह पाएंगे. न्यूज 18 इंडिया के पास यूपी ट्रेन दुर्घटना का ज्वाइंट नोट न्यूज़ 18 ने दस्तावेज़ में जो निष्कर्ष देखा है, वह ट्रैक में समस्या की पुष्टि करता है जिसके कारण दुर्घटना हुई. निष्कर्ष कहता है रेल ट्रैक को सही तरीके से नहीं बिछाया गया था और यह ठीक से काम नहीं कर रहा था. लाइन पर आईएमआर दोष का पता चला और दोपहर लगभग 1:30 बजे 30 किमी प्रति घंटे की सीमित गति के लिए सावधानी आदेश जारी किया गया और स्टेशन मास्टर मोतीगंज द्वारा इसे 2:30 बजे प्राप्त किया गया. लोको पायलट के बयान के अनुसार, सेक्शन पर ट्रेन की गति लगभग 80 थी जब उसे एक तेज़ कंपन और “खड़-खड़ ध्वनि” महसूस हुई. संयुक्त नोट में कहा गया है कि इंजीनियरिंग विभाग को सावधानी आदेश प्राप्त होने तक ट्रैक की सुरक्षा करनी चाहिए थी और इसलिए वे दुर्घटना के लिए जिम्मेदार हैं. नोट में एक असहमति भी है जहां अनुभाग का एक अधिकारी निष्कर्षों से सहमत नहीं है. Tags: Gonda news, Train accidentFIRST PUBLISHED : July 20, 2024, 13:05 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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