कभी थी आर्थिक तंगी आज डॉक्टर बन गरीबों के बने मसीहा फ्री में करते हैं इलाज

अखिलेश बताते हैं कि जब वो स्कूल में पढ़ाई कर रहे थे, तभी पिताजी की नौकरी छूट गई थी. ऐसे में आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा था. जब उनकी पढ़ाई का खर्चा नहीं चल पाया, तब उन्होंने बच्चों को ट्यूशन पढ़ाकर अपनी पढ़ाई पूरी की थी.

कभी थी आर्थिक तंगी आज डॉक्टर बन गरीबों के बने मसीहा फ्री में करते हैं इलाज
विशाल झा /गाज़ियाबाद : गाज़ियाबाद के मशहूर ज्वॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जन डॉक्टर अखिलेश यादव का सफर उतार-चढ़ाव से भरा हुआ रहा है. विदेश में बेहतर ट्रेनिंग लेने के बाद अपने देश के लोगों को बेहतर इलाज देने का काम आज डॉक्टर अखिलेश कर रहे हैं. लेकिन अगर डॉक्टरी के पेशे में आने से पहले उनकी चुनौतियों भी कुछ कम नहीं थी. बच्चों को ट्यूशन पढ़ाकर की पढ़ाई, सरकारी कॉलेज में मिला दाखिला अखिलेश बताते हैं कि जब वो स्कूल में पढ़ाई कर रहे थे, तभी पिताजी की नौकरी छूट गई थी. ऐसे में आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा था. जब उनकी पढ़ाई का खर्चा नहीं चल पाया, तब उन्होंने बच्चों को ट्यूशन पढ़ाकर अपनी पढ़ाई पूरी की थी. सुबह खुद पढ़ते थे और शाम में बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने के लिए साइकिल से 27 -28 किलोमीटर तक जाना पड़ता था. लोगों को ट्यूशन पढ़ाते -पढ़ाते नॉलेज में काफी ज्यादा वृद्धि हुई और इस कारण से ही एमबीबीएस के सिलेक्शन में आसानी हो गई. डॉक्टरी की पढ़ाई पर ज्यादा पैसे खर्च नहीं हुए. क्योंकि सीपीएमटी टेस्ट क्वालीफाई करके सरकारी कॉलेज में दाखिला मिल गया था. जिसमें उस समय 1 वर्ष की फीस 782 रुपए कुल हुआ करती थी. शुरु से ही था बेस्ट सर्जन बनने का लक्ष्य डॉक्टर अखिलेश बताते हैं कि शुरू से ही उनका लक्ष्य बेस्ट सर्जन बनने का था. जिसके लिए उन्होंने ज्वाइंट रिप्लेसमेंट फील्ड को चुना. अखिलेश उत्तर प्रदेश के पहले और आखिरी ऐसे डॉक्टर हैं, जिन्होंने टोटल नी रिप्लेसमेंट सर्जरी (Total Knee Replacement Surgery ) के फादर कहलाए जाने वाले डॉक्टर सी. एस रनावत के सानिध्य में फैलोशिप ली. इसके बाद जर्मनी, यूनाइटेड किंगडम में भी प्रेक्टिस किया. क्योंकि मकसद यही था कि जब भारत आएं तो, लोगों को बेस्ट ट्रीटमेंट दे सकें. कोविड के समय बने थे फरिश्ता, निशुल्क किया था इलाज डॉ अखिलेश बताते हैं कि कोविड़ महामारी के दौरान सभी के लिए काफी चुनौती भरा समय था. ऐसे में उन मरीजों के साथ ज्यादा समस्या थी, जिनके पास इलाज के लिए पैसे नहीं थे और इलाज की सख्त जरूरत थी. तब मेरे बहुत ही करीबी दोस्त और अभिनेता सोनू सूद ने मुझे फोन करके बोला कि हमें कुछ लोगों की फ्री सर्जरी करनी है, मैंने बिना देरी किए उनकी बातों को स्वीकार किया और फिर हम इस काम में लग गए. कोविड के समय दर्जनों लोगों की निशुल्क सर्जरी की गई और उनको बेहतर ज़िंदगी दी गई. उस वक्त अस्पताल जाना भी किसी चुनौती से कम नहीं था. पर कहते हैं कि लोगों की सेवा के लिए जब कोई काम करो, तो हिम्मत अंदर से आ ही जाती है. वर्तमान में डॉक्टर अखिलेश गरीब मरीजों को बिना कोई फीस के फ्री में कंसल्टेशन देते हैं. इसके अलावा खिलाड़ियों को भी इलाज में भारी डिस्काउंट देते हैं. यदि कोई खिलाड़ी ऐसा आ जाता है, जो खर्च वहन नहीं कर सकता तो उसका निशुल्क इलाज किया जाता है. इसके अलावा लोगों को नी निप्लेसमेंट के बारे में जानकारी देने के लिए उत्तर प्रदेश के कई जिलों में कैंप भी डॉक्टर अखिलेश लगा चुके हैं. जहां लोगों को ज्वॉइंट पेन के बारे में जागरूक करने के साथ ही उनको फिटनेस मंत्र भी दिए जाते हैं. Tags: Hindi news, Local18, Medical18FIRST PUBLISHED : May 10, 2024, 15:34 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed