रोज एक फ्री ऑपरेशन जवानों से नहीं लेते पैसेकुछ ऐसी है डॉ बृजपाल की दरियादिली
रोज एक फ्री ऑपरेशन जवानों से नहीं लेते पैसेकुछ ऐसी है डॉ बृजपाल की दरियादिली
Ghaziabad News: खास बात ये है कि अस्पताल के मुख्य गेट पर एक पोस्टर लगा है, जिसमें लिखा है कि अगर आप देश के जवान हैं तो आपको पैसे देने की जरूरत नहीं है. क्योंकि आपने हमारी फीस बॉर्डर पर अदा कर दी है. इसके अलावा डॉक्टर बृजपाल रोजाना एक फ्री में ऑपरेशन करते हैं.
विशाल झा / गाजियाबाद: शहर के जितने बड़े डॉक्टर उतनी मोटी फीस. अब तक प्रसिद्ध डॉक्टर से इलाज के लिए भी आपने यही बातें लोगों के मुंह से सुनी होंगी. लेकिन, गाजियाबाद के सीनियर ईएनटी सर्जन डॉक्टर बृजपाल त्यागी पर ये बातें लागू नहीं होती. डॉ त्यागी रोजाना एक मरीज की अपने हर्ष ईएनटी हॉस्पिटल में फ्री सर्जरी करते हैं. इसमें दवा तक के पैसे मरीज से नहीं लिए जाते. डॉक्टर का कहना है कि इसी दिन के लिए इस पेशे में आए थे.
एमबीबीएस सीट के लिए जाना पड़ा था कोर्ट
त्यागी के डॉक्टर बनने तक के सफर में कई अड़चने आईं. वह एक साधारण परिवार से वास्ता रखते है और पिता किसान थे. ऐसे में महंगे कॉलेज और पढ़ाई मिल पाना काफी मुश्किल था. बृजपाल ने अपनी एमबीबीएस की पढ़ाई द महात्मा गांधी इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, सेवाग्राम से वर्ष 1988 में पूरी की. और एमएस ईएनटी वर्ष 1992 में जब बृजपाल एमएस ईएनटी कर रहें थे. तब वहां पर विद्यार्थियों के लिए केवल आठ ही सीट उपलब्ध थी. ऐसे में बृजपाल की जगह किसी मंत्री के बेटे को वह सीट दी जा रही थी, जिसके नंबर कम थे. तब डॉक्टर त्यागी ने कोर्ट में जाकर अपनी सीट के लिए लड़ाई लड़ी. तब जाकर वो सीट बृजपाल को अलॉट की गई.
मरीजों की मदद करने में आगे डॉ बृजपाल
डॉक्टर बृजपाल त्यागी पहले ऐसे ईएनटी सर्जन हैं, जिन्होंने डासना जिला कारागार में ऑपरेशन थिएटर चलाकर हजारों बंदियों का निशुल्क ऑपरेशन किया. इसके अलावा हर वर्ष अप्रैल में अस्पताल के स्थापना दिवस के अवसर पर डॉक्टर त्यागी निशुल्क 120 कानों के ऑपरेशन करते हैं. ऑपरेशन कराने वाले मरीज देश के कोने-कोने से आते हैं. यहां मरीज से दवा तक के पैसे नहीं लिए जाते हैं. इसके अलावा रोज एक फ्री सर्जरी डॉक्टर बृजपाल के अस्पताल में की जाती है.
अनोखी विधि से करते हैं सर्जरी
डॉक्टर बृजपाल त्यागी ने बधिरता को दूर करने के लिए एक इंजेक्शन बनाया था. इस इंजेक्शन के लिए उन्हें वर्ल्ड रिकॉर्ड भी मिल चुका है. इंजेक्शन रिसर्च से जुड़े सभी कागज गूगल पर भी उपलब्ध है. इसी रिसर्च से जुड़े कुछ पेपर्स को डॉक्टर बृजपाल ने दुबई में जाकर दुनिया भर के डॉक्टर के सामने रखा था. जहां उनकी जमकर सराहना की गई. डॉ बी.पी त्यागी कान के पर्दे दूरबीन विधि से बनाते है. इस विधि में मरीज के कान में कोई भी चीरा नहीं लगाया जाता है. ऐसे तमाम कार्यों के लिए डॉक्टर बीपी त्यागी को लंदन में महात्मा गांधी सम्मान से भी नवाजा जा चुका है. इसके अलावा कई अंतरराष्ट्रीय सम्मान भी डॉक्टर त्यागी को मिले हैं.
जवानों का फ्री में करते हैं इलाज
खास बात ये है कि अस्पताल के मुख्य गेट पर एक पोस्टर लगा है, जिसमें लिखा है कि अगर आप देश के जवान हैं तो आपको पैसे देने की जरूरत नहीं है. क्योंकि आपने हमारी फीस बॉर्डर पर अदा कर दी है. दरअसल, डॉक्टर बीपी त्यागी देश के सिपाही बनना चाहते थे. लेकिन फिजिकल फिट न होने के कारण उन्हें निकाल दिया गया. तब से ही उन्होंने ठान लिया था कि डॉक्टर बनकर जवानों की सेवा करेंगे और वो अब तक इस काम को कर रहे हैं. इनके यहां बुजुर्ग और बच्चों को इलाज के लिए इंतजार नहीं करना पड़ता है. ओपीडी में शाम के समय काफी भीड़ रहती है. ऐसे में अस्पताल के स्टाफ को बुजुर्गों को जीरो वेटिंग के लिए भी निर्देश दिए गए हैं.
Tags: Ghaziabad News, Local18, Medical18FIRST PUBLISHED : May 10, 2024, 15:31 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed