वो राजकुमारी थी देसी क्लियोपेट्रा बस भोग - विलास बाद में पाथने पड़े गोबर

कपूरथला की एक राजकुमारी थी, जिसे देसी क्लियोपैट्रा कहते थे. दिनरात बस भोग-विलास. एक कदम ऐसा उठाया कि जीवन में सारा वैभव खत्म हो गया.

वो राजकुमारी थी देसी क्लियोपेट्रा बस भोग - विलास  बाद में पाथने पड़े गोबर