नानाजी ने चुनाव में जिस रानी को हराया उसी ने दिया उन्हें घर भी जानें वो वाकया

Nanaji Deshmukh defeated Maharani: 1977 के लोकसभा चुनाव में जनता पार्टी के टिकट पर लड़ रहे नानाजी देशमुख ने बलरामपुर की महारानी राजलक्ष्मी कुमारी देवी को हरा दिया था. जीतने के बाद जब वह उनसे मिलने गए तो उन्होंने वहां रहने के लिए एक घर की मांग कर दी. महारानी मे भी उनको निराश नहीं किया.

नानाजी ने चुनाव में जिस रानी को हराया उसी ने दिया उन्हें घर भी जानें वो वाकया
लोकसभा चुनाव 2024 के मतगणना वाले दिन का एक वीडियो वायरल हो रहा है. इसमें उत्तर प्रदेश की मुज्जफरनगर सीट से चुनाव लड़ रहे भारतीय जनता पार्टी (BJP) के संजीव बालियान और समाजवादी पार्टी (SP) के हरेंद्र मलिक नजर आ रहे हैं. इसकी खास बात यह है कि मतगणना के दौरान दोनों प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार एक साथ बैठकर पूड़ी-सब्जी खा रहे हैं. भारतीय राजनीति में अब इतनी कड़वाहट घुल गई है कि ऐसे दृश्य अब दिखना असंभव हो गया है. इस वीडियो के जरिये यही संदेश देने की कोशिश की गई है कि चुनाव लड़ना, हारना-जीतना अपनी जगह है, लेकिन इस राजनीति की वजह से आपसी रिश्तों में कटुता नहीं आनी चाहिए. इस वीडियो में संजीव बालियान और हरेंद्र मलिक के बहाने भारतीय राजनीति के एक प्रसंग का जिक्र भी किया गया है. यह बात साल 1977 के लोकसभा चुनाव की है. तब बलरामपुर लोकसभा सीट थी, लेकिन इस सीट का नाम श्रावस्ती हो गया है. 1977 के चुनाव इस वजह से बेहद महत्वपूर्ण हो गए थे, क्योंकि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1975 में लोकसभा चुनाव कराने के बजाय देश में इमरजेंसी लगा दी थी. 1977 में जब लोकसभा चुनाव हुए तो जनता पार्टी ने बलरामपुर सीट से नानाजी देशमुख को चुनावी मैदान में उतारा. नानाजी का मुकाबला करने के लिए कांग्रेस ने बलरामपुर राजघराने की महारानी राजलक्ष्मी कुमारी देवी को टिकट दिया.  ये भी पढ़ें- Explainer: UP में अखिलेश ने कैसे पलटी बाजी? क्या PDA फॉर्मूला रहा हिट, जानिये सच्चाई नानाजी ने बलरामपुर की महारानी को हराया नानाजी देशमुख ने चुनाव में महारानी राजलक्ष्मी कुमारी देवी को हरा दिया. चुनाव जीतने के बाद नानाजी देशमुख, महारानी राजलक्ष्मी कुमारी देवी से मिलने उनके महल में गए. महारानी और नानाजी देशमुख की यह मुलाकात बेहद सहज और सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई. नानाजी देशमुख ने महारानी से कहा कि वह क्षेत्र के विकास के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे.  नानाजी देशमुख ने महारानी से कहा, “आपकी जनता ने इस बार आपकी जगह मुझे अपना प्रतिनिधि चुना है. अब मेरा दायित्व है कि मैं आपकी तरह जनता के रहकर उनके सुख-दुख का भागीदार बनूं. आप यहां की महारानी है, मुझे रहने के लिए एक घर दे दीजिए.”  View this post on Instagram A post shared by ABP News (@abpnewstv)

महारानी की दी जमीन पर बसाया गांव
महारानी राजलक्ष्मी कुमारी देवी ने नानाजी देशमुख को निराश नहीं किया. उन्होंने कहा कि बलरामपुर इस्टेट के महाराजगंज की जमीन आज से आपकी हुई. नानाजी देशमुख ने वहां नया गांव बसाया. उन्होंने उस गांव का नाम जयप्रभा गांव रखा. जय यानी लोकनायक जयप्रकाश नारायण और प्रभा यानी उनकी पत्नी प्रभावती. जब तक नानाजी देशमुख जीवित रहे वो इस गांव को अपने आदर्शों के अनुरूप ढालने में लगे रहे. नानाजी देशमुख को 2,17,254 वोट मिले. उन्होंने महारानी को 1,14,006 के अंतर से शिकस्त दी. यह इस लोकसभा क्षेत्र में अब तक की सबसे बड़ी जीत भी है.

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फिर राजनीति से ले लिया संन्यास
पहली बार चुनाव जीतने के बाद नानाजी देशमुख ने 1980 में हुए लोकसभा चुनाव में भाग नहीं लिया. उन्होंने राजनीति से संन्यास लेकर अपना पूरा जीवन समाजसेवा के लिए समर्पित कर दिया. नानाजी देशमुख सच्चे अर्थों में समाजसेवी और राष्ट्रभक्त थे. उनके इन कामों की वजह से ही उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया था.

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