ईस्‍ट-वेस्‍ट के बीच भारत बनेगा पुल…फ्रांस ने भी माना लोहा IMEEC पर क्‍या कहा

IMEEC vs BRI: इंडिया, मिडिल ईस्‍ट यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर यानी IMEEC के एक छोर पर भारत और दूसरे छोर पर फ्रांस है. यही वजह है कि ये दोनों देश इस प्रोजेक्‍ट में सबसे ज्‍यादा दिलचस्‍पी ले रहे हैं. चीन के BRI प्रोजेक्‍ट के विकल्‍प के रूप में इसे देखा जा रहा है.

ईस्‍ट-वेस्‍ट के बीच भारत बनेगा पुल…फ्रांस ने भी माना लोहा IMEEC पर क्‍या कहा
नई दिल्‍ली. एक तरफ चीन अपने BRI यानी बॉर्डर रोड इनिशिएटिव के जरिए दुनिया को कर्ज जाल में फंसाने में लगा हुआ है. वहीं, दूसरी तरफ भारत भी अपने मिडिल-ईस्‍ट और यूरोप के पार्टनर्स की मदद से IMEEC प्रोजेक्‍ट पर तेजी से काम कर रहा है. IMEEC मतलब इंडिया, मिडिल ईस्‍ट यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर. फ्रांस की इमैनुएल मैक्रों सरकार में IMEEC प्रोजेक्‍ट के चीफ जेरार्ड मेस्ट्रालेट ने न्‍यूज18 से एक्‍सक्‍लूसिव बातचीत की. उन्‍होंने इस प्रोजेक्‍ट को 21वीं सदी के सबसे अहम प्रोजेक्‍ट करार दिया. साथ ही कहा कि इस प्रोजेक्‍ट के पूरा होने के बाद भारत ईस्‍ट और वेस्‍ट के बीच पुल की तरह काम करेगा. जेरार्ड मेस्ट्रालेट ने IMEEC को एक प्रमुख बुनियादी ढांचा इनिशिएटिव करार दिया. उन्‍होंने कहा कि ये यूरोपीय यूनियन के लिए ग्‍लोबल गेटवे रणनीति में एक प्रमुख परियोजनाओं में से एक है. उन्होंने जोर देकर कहा कि यह परियोजना एक रणनीतिक परियोजना बनने के लिए सभी मानदंडों को कवर कर रही है. पिछले साल भारत में हुए जी20 अधिवेशन के दौरान IMEEC पर भारत सहित मिडिल ईस्‍ट और यूरोप के देश राजी हो गए थे. हालांकि यह प्रोजेक्‍ट अभी भी अपने शुरुआती स्‍तर पर ही है. इसकी व्‍यवहारिकता को जांचने का काम जारी है. यह भी पढ़ें:- यूक्रेन जंग के बीच ठनका पुतिन का माथा, पश्चिम देशों को दी परमाणु हमले की चेतावनी, रूस ने कैसे मचाई खलबली? फ्रांस के दूत ने कहा, ‘भारत का मुंद्रा और फ्रांस के मार्सिले बंदरगाह इस गलियारे के दो छोर हैं. इसलिए फ्रांस और भारत इस परियोजना में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, न केवल इसलिए कि वे परियोजना के दो छोर हैं, बल्कि इसलिए भी क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों इस परियोजना के मूल में थे. पिछले साल जी20 बैठक के दौरान नई दिल्ली में उस प्रोजेक्‍ट पर बातचीत हुई थी. जबकि राष्ट्रपति मैक्रों को इस साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के लिए विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था, IMEEC भी एजेंडे में था, और दोनों राष्ट्राध्यक्ष IMEEC के बारे में बात कर रहे हैं और इसके लिए जोर दे रहे हैं. इसलिए फ्रांस और भारत बहुत महत्वपूर्ण हैं.’ चीन के BRI पर क्‍या कहा? फ्रांस सरकार के दूत ने कहा, ‘इस प्रोजेक्‍ट से जुड़े सभी देशों ने अपने दूत नियुक्‍त किए हैं. ऐसे में हमें पता है कि किससे बात करनी है. यह प्रोजेक्‍ट अभी शुरुआती स्‍तर पर है. मार्केट इस बात का निर्णय करेगा कि उन्‍हें बीआरआई चाहिए या फिर IMEEC.! Tags: International news, World newsFIRST PUBLISHED : September 26, 2024, 09:29 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed