दुनिया में कहां सबसे महंगा टोल कहां घर से गाड़ी निकालते ही लगता है शुल्क
दुनिया में कहां सबसे महंगा टोल कहां घर से गाड़ी निकालते ही लगता है शुल्क
भारत ही नहीं, दुनिया के कई देशों में लंबी दूरी की सड़क यात्राओं के दौरान लोगों को टोल टैक्स चुकाना पड़ता है. कुछ रोड्स पर ये टैक्स यात्रा में खर्च होने वाले ईंधन की कीमत से भी ज्यादा होता है. क्या आप जानते हैं कि दुनिया में सबसे महंगा टोल कहां है?
अगर आपने एक शहर से दूसरे शहर की कार से यात्रा की है तो आपने कहीं ना कहीं टोल टैक्स जरूर चुकाया होगा. कई बार तो एक ही शहर के भीतर लोगों को टोल टैक्स चुकाना पड़ता है. कुछ टोल प्लाजा स्थानीय लोगों को मंथली पास जारी करके थोड़ी राहत दे देते हैं. वहीं, महंगे टोल टैक्स के कारण कुछ सड़कों पर कार चलाना दूसरी रोड्स के मुकाबले बेहद महंगा पड़ता है. क्या आप जानते हैं कि दुनिया की सबसे महंगी टोल रोड कहां है और उस पर यात्रा के दौरान कितना टैक्स चुकाना पड़ता है. अगर आप अमेरिका, ब्रिटेन, जापान जैसे किसी देश का नाम सोच रहे हैं तो आप गलत हैं.
ऑस्ट्रेलिया की बीमा कंपनी बजट डायरेक्ट के एक अध्ययन के मुताबिक, दुनिया में सबसे महंगी टोल रोड पेंसिल्वेनिया में है. पेंसिल्वेनिया की टर्नपाइक रोड पर एक छोर से दूसरे छोर तक जाने के लिए आपको करीब 113 डॉलर यानी करीब 9,500 रुपये का भुगतान करना पड़ता है. दूसरे शब्दों में कहें तो इस सड़क पर हर मील चलने के लिए आपको करीब 31 सेंट का भुगतान करना पड़ता है. ये टोल रोड फिलाडेल्पिफया से ओहियो सीमा तक करीब 360 किमी लंबा है.
ये भी पढ़ें – मिनिमम 33% पर ही क्यों होते हैं पास? क्या ऐसा भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान में ही, क्या पासिंग मार्क्स बढ़ाने की जरूरत दुनिया में सबसे महंगी टोल रोड पेंसिल्वेनिया में है. (सांकेतिक तस्वीर)
पेंसिल्वेनिया के बाद किद देशों में टोल महंगा?
पेंसिल्वेनिया टर्नपाइक के बाद ऑस्ट्रिया के ग्रॉसग्लॉकनर हाई अल्पाइन रोड की पूरी लंबाई तक ड्राइव करने के लिए 45.43 डॉलर का टोल टैक्स चुकाना पड़ता है. इसके बाद क्रोएशिया में ए-1 मोटरवे का अधिकतम शुल्क 38.42 डॉलर है. बता दें कि जब टोल की बात होती है तो अमेरिका बाकी यूरोपीय और लैटिन अमेरिकी देशों के मुकाबले किफायती है. अगर टोल के मामले में सबसे महंगे देश की बात की जाए तो स्विट्जरलैंड सबसे ऊपर है. यहां औसत शुल्क 26.52 डॉलर है. वहीं, ऑस्ट्रिया 16.31 डॉलर के साथ दूसरे नंबर पर है. वहीं, अमेरिका में औसत शुल्क 5.38 डॉलर है और दुनिया में 11वें पायदान पर है.
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क्या है वाहनों पर लगने वाला कंजेशन टैक्स?
अब कंजेशन टैक्स की बात करते हैं. ये ऐसा टैक्स है, जो पीक आवर्स के दौरान विशेष शहरी क्षेत्रों में आने वाले वाहनों पर लगाया जाता है. सड़क पर भीड़ से निपटने, एयर पॉल्यूशन को कम करने और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के लिए ये टैक्स लगाया जाता है. इसी टैक्स के कारण लंदन शहर में वाहन घर से निकालते ही आप पर टैक्स लग जाता है. फरवरी 2003 में लंदन के मेयर केन लिविंगस्टन और टीएफएल की ओर से पेश किया गया यह शुल्क शहर का अहम हिस्सा बन गया है. कंजेशन टैक्स पीक आवर्स के दौरान विशेष शहरी क्षेत्रों में आने वाले वाहनों पर लगाया जाता है. (सांकेतिक तस्वीर)
कितना और कब तक रहता है लागू, क्या हुआ फायदा
ये शुल्क सोमवार से शुक्रवार तक सुबह 7 बजे से शाम 6.30 बजे तक लागू होता है. दैनिक शुल्क की दर शुरुआत 5 पाउंड यानी करीब 500 रुपये तय की गई थी. अब ये शुल्क बढ़कर 15 पाउंड यानी 1560 रुपये प्रतिदिन हो गया है. इससे लंदन को काफी फायदा मिला है. शुल्क के कारण 2003 में यातायात में 15 फीसदी कमी आई, जबकि 1999 से 2003 के बीच शहर की आबादी में 15 फीसदी बढ़ोतरी हुई थी. वहीं, 2003 में लंदन में बस के इस्तेमाल में 30% वृद्धि हुई. जैसे-जैसे शुल्क बढ़ता गया, वैसे-वैसे लंदन में यातायात कम हुआ.
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Tags: Highway toll, Toll plazaFIRST PUBLISHED : April 25, 2024, 20:29 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed