क्या दिल्ली-NCR वाले पी रहे ऑक्सीटोसिन वाला दूध क्या है ये दवा कितनी खतरनाक

Delhi-NCR drinking milk with oxytocin: इसके दुष्प्रभाव से बच्चों में हार्मोनल परिवर्तन व दुधारू पशुओं में बांझपन का खतरा बढ़ रहा है. पशु चिकित्सक कहते हैं कि गाय व भैंस को लगाए जाने वाले ऑक्सीटोसिन की आंशिक मात्रा दूध में आ जाती है. ऑक्सीटोसिन मिश्रित दूध जहर से कम नहीं है.

क्या दिल्ली-NCR वाले पी रहे ऑक्सीटोसिन वाला दूध क्या है ये दवा कितनी खतरनाक
Delhi-NCR drinking milk with oxytocin: दिल्ली-एनसीआर की डेयरियों में ऑक्सोटोसिन के गलत इस्तेमाल को लेकर अदालत ने सख्त रवैया अपना लिया है. दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने दिल्ली पुलिस समेत अन्य सरकारी एजेंसियों को डेयरियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. मार्च 2023 में हाईकोर्ट ने राजधानी की नौ डेयरी कॉलोनियों के निरीक्षण के लिए कोर्ट कमिश्नर का गठन किया था. कोर्ट कमिश्नर ने ऑक्सीटोसिन के ‘बड़े पैमाने पर उपयोग’ को चिह्नित किया था. अदालत ने आदेश दिया, “चूंकि ऑक्सीटोसिन देना पशु क्रूरता की श्रेणी में आता है और पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 की धारा 12 के तहत एक संज्ञेय अपराध है, इसलिए यह अदालत औषधि नियंत्रण विभाग (जीएनसीटीडी) को साप्ताहिक निरीक्षण करने का निर्देश देती है.” केंद्र सरकार ने अप्रैल 2018 में इस दवा पर यह कहते हुए प्रतिबंध लगा दिया था कि पैदावार बढ़ाने के लिए दुधारू मवेशियों पर इसका दुरुपयोग किया जा रहा है, जो न केवल मवेशियों के स्वास्थ्य बल्कि दूध का सेवन करने वाले मनुष्यों के स्वास्थ्य पर भी असर डालता है. एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था HC राष्ट्रीय राजधानी में ‘डेयरी कॉलोनियों में ऑक्सीटोसिन हार्मोन के बड़े पैमाने पर उपयोग’ पर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए, दिल्ली उच्च न्यायालय ने अब डेयरी कॉलोनियों में इसके नकली उपयोग के खिलाफ कार्रवाई का आह्वान किया है और कहा है कि इसका उपयोग ‘पशु क्रूरता’ के बराबर है. अदालत ने दिल्ली सरकार के औषधि नियंत्रण विभाग को हार्मोन के उपयोग के खिलाफ मामले दर्ज करने को कहा है. इन मामलों की जांच पुलिस करेगी.  ये भी पढ़ें- देश की वो मशहूर तवायफें जिनकी आवाज और नाजोअदा के जलवे के दीवाने थे बड़े-बड़े गाज़ीपुर और भलस्वा को लेकर ये कहा कोर्ट कमिश्नर ने यह भी कहा कि दिल्ली में सभी नौ डेयरी कॉलोनियों – ककरोला डेयरी, गोएला डेयरी, नंगली शकरावती डेयरी, झारोदा डेयरी, भलस्वा डेयरी, गाजीपुर डेयरी, शाहबाद दौलतपुर डेयरी, मदनपुर खादर डेयरी और मसूदपुर डेयरी में हालात खराब हैं. हालांकि, अदालत ने कहा कि गाज़ीपुर डेयरी और भलस्वा डेयरी को तुरंत पुनर्वास और स्थानांतरित करने की तत्काल आवश्यकता है क्योंकि वे सैनिटरी लैंडफिल साइटों के बगल में स्थित हैं. उच्च न्यायालय ने कहा, “इसमें कोई संदेह नहीं है कि लैंडफिल साइटों के बगल में स्थित डेयरियों में मवेशी खतरनाक अपशिष्टों को खाएंगे और यदि उनका दूध मनुष्यों, विशेष रूप से बच्चों द्वारा (प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से) उपयोग किया जाता है, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं.” अदालत ने यह भी कहा कि डेयरियों को उचित सीवेज, जल निकासी, बायोगैस संयंत्र और मवेशियों के चरने के लिए पर्याप्त खुली जगह वाले क्षेत्रों में स्थानांतरित किया जाना चाहिए. ऑक्सीटॉसिन का शरीर में है क्या काम किसी के साथ प्यार में पड़ने पर, गले लगने पर, रोमांस करने पर या अपने साथी के साथ खास पल बिताने पर, आपको एक अजीब सी फीलिंग महसूस होती होगी. आप जानते हैं, ऐसा क्यों होता है? आइए हम बताते हैं. दरअसल ऐसा हमारे शरीर में बनने वाले ऑक्सीटॉसिन हॉर्मोन (Oxytocin Hormone) की वजह से होता है, जो प्यार भरे इन पलों में ज्यादा मात्रा में रिलीज़ होता है. इसी वजह से इस ऑक्सीटॉसिन हॉर्मोन को लव हॉर्मोन (Love Hormone) के नाम से भी जाना जाता है. ये भी पढ़ें- Explainer: कहां है शक्सगाम घाटी? जहां चीन बना रहा था सड़क, भारत ने जताई आपत्ति ऑक्सीटॉसिन का प्यार से संबंध एक वेबसाइट के अनुसार, 2012 में हुई एक रिसर्च के दौरान यह पाया गया कि रोमांस की पहली स्टेज में चल रहे कपल्स में ऑक्सीटॉसिन हार्मोन बाकी कपल्स की अपेक्षा ज्यादा मात्रा में बन रहा था. इसके साथ ही रिसर्च में यह भी सामने आया, कि खास तौर से नए प्यार में पड़ने पर और यौन गतिविधियों के दौरान ये शरीर में काफी ज्यादा मात्रा में रिलीज हुआ. वहीं 2013 में समीक्षा के दौरान ये भी सामने आया, कि किसी पर विश्वास करने, किसी को प्यार से निहारने, किसी से सहानुभूति होने, अच्छे संबंधों को याद करने, किसी से अच्छी बातचीत और बॉन्डिंग जैसी स्थितियों में भी ऑक्सीटॉसिन हार्मोन ज्यादा रिलीज होता है. ऐसे बनता है ऑक्सीटॉसिन ऑक्सीटॉसिन एक हैप्पी हॉर्मोन है. इस हॉर्मोन का उत्पादन ब्रेन में मौजूद हाइपोथैलेमस द्वारा होता है और दिमाग का पोस्टीरियर पिट्यूटरी लोब इस हार्मोन को रिलीज करता है. ये एक न्यूरोट्रांसमीटर के रूप में कार्य करता है. महिला और पुरुष दोनों में ही ये हार्मोन बनता है. ये हॉर्मोन प्रजनन में भी खास भूमिका निभाता है. साथ ही महिलाओं में, बच्चे को अपना दूध पिलाने के दौरान भी ये हार्मोन ज्यादा मात्रा में रिलीज होता है. वहीं पुरुषों में ये हॉर्मोन, शुक्राणु को स्थानांतरित करते समय ज्यादा रिलीज होता है.  ये भी पढ़ें- दुनिया का वो एकमात्र देश, जो है पूरी तरह से डिजिटल, ट्रांसपोर्ट है फ्री क्या हैं इसके दुष्प्रभाव इसके दुष्प्रभाव से बच्चों में हार्मोनल परिवर्तन व दुधारू पशुओं में बांझपन का खतरा बढ़ रहा है. पशु चिकित्सक कहते हैं कि गाय व भैंस को लगाए जाने वाले ऑक्सीटोसिन की आंशिक मात्रा दूध में आ जाती है. ऑक्सीटोसिन मिश्रित दूध जहर से कम नहीं है. डेयरी संचालक थोक दवा मंडियों व कुछ कंपनियों से ऑक्सीटोसिन की सीधी खरीदी कर रहे हैं जबकि चिकित्सक के परचे के बगैर इसकी बिक्री प्रतिबंधित है. कुछ दवा निर्माता कंपनियों, थोक कारोबारियों व डेयरी संचालकों की सांठगांठ से रैपर विहीन ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन की आपूर्ति का चलन बढ़ा है. Tags: DELHI HIGH COURT, Delhi police, Delhi-ncr, MilkFIRST PUBLISHED : May 6, 2024, 09:59 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed