क्या ऑक्सीजन सिलेंडर ज्वलनशील होते हैं क्यों इन्हें खुले में रखना खतरनाक

Are oxygen cylinders flammable: सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि ऑक्सीजन ज्वलनशील गैस नहीं है, बल्कि ये अन्य गैसों को जलने में सहायता करती है. यही कारण है कि यदि आग में ऑक्सीजन की प्रचुर आपूर्ति हो, तो यह बड़े पैमाने पर और कभी-कभी विस्फोटक भी हो सकती है. जैसा कि हमें बेबी केयर न्यू बॉर्न अस्पताल में लगी आग के मामले में देखने को मिलता है.  

क्या ऑक्सीजन सिलेंडर ज्वलनशील होते हैं क्यों इन्हें खुले में रखना खतरनाक
दिल्ली में विवेक विहार इलाके के बेबी केयर न्यू बॉर्न अस्पताल में लगी आग में सात नवजातों ने दम तोड़ दिया. इस मामले की जांच से कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. इससे यही लगता है कि अगर अस्पताल वालों ने यह गलती नहीं की होती तो आज कफन में लिपटे ये सभी मासूम अपने मां-पिता की गोद में किलकारी भर रहे होते. पुलिस की तरफ से दायर एफआईआर में बताया गया है कि ‘बेबी केयर न्यू बॉर्न चाइल्ड हॉस्पिटल’ की दो मंजिला इमारत के अंदर और बाहर कुल 27 ऑक्सीजन सिलेंडर मिले हैं. वहीं, आग लगने से पांच ऑक्सीजन सिलेंडर फट गए थे, जिससे आग की विभीषका बढ़ गई थी.  क्या ज्वलनशील होते हैं ऑक्सीजन सिलेंडर? सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि ऑक्सीजन ज्वलनशील गैस नहीं है, बल्कि ये अन्य गैसों को जलने में सहायता करती है. ऑक्सीजन सिलेंडर में, कम्प्रेस्ड ऑक्सीजन होती है, जो शुद्ध ऑक्सीजन गैस ऑक्सीडाइजर है, न कि ईंधन. यह एक ज्वलनशील गैस नहीं है और अपने आप प्रज्वलित या जलती नहीं है. इसके बजाय, ऑक्सीजन ईंधन को अधिक ज्वलनशील और प्रज्वलित करने में आसान बनाने का काम करती है. यही कारण है कि यदि आग में ऑक्सीजन की प्रचुर आपूर्ति हो, तो यह बड़े पैमाने पर और कभी-कभी विस्फोटक भी हो सकती है. जैसा कि हमें बेबी केयर न्यू बॉर्न अस्पताल में लगी आग के मामले में देखने को मिलता है.   किसे चाहिए ज्यादा ऑक्सीजन समय से पहले पैदा हुए बच्चे (प्री-मेच्योर बेबी) को सांस में ज्यादा ऑक्सीजन की जरूरत होती है. क्योंकि उनका ऑक्सीजन लेवल काफी नीचे चला जाता है. बाहरी हवा में ऑक्सीजन का जो स्तर होता है, मरीज को उससे ज्यादा ऑक्सीजन देने की जरूरत होती है. ऐसे मरीजों को ठीक करने में प्योर ऑक्सीजन जरूरी होती है. प्री-मेच्योर बेबी के अलावा कोरोना वायरस से ग्रस्त मरीज को भी ज्यादा ऑक्सीजन देने की जरूरत होती है. क्योंकि इस बीमारी में बॉडी में ऑक्सीजन का लेवल कम होने लगता है जो उसके लिए खतरनाक होता है. ये भी पढ़ें- आजादी के 20 सालों बाद नोटों पर कैसे आई गांधीजी की तस्वीर? जानिए पूरी कहानी स्टोर करते समय बरतने वाली सावधानियां जहां तक बात है प्योर ऑक्सीजन की तो वह खुद से कभी नहीं जलती बल्कि आग जलाने या उसे जलाए रखने में मदद करती है. इसलिए जहां भी ऑक्सीजन को स्टोर किया जाता है, उस जगह को जलने वाली चीजें से मुक्त होना चाहिए. ऑक्सीजन स्टोर के आसपास कभी भी अल्कोहल, सॉलवेंट्स, पेट्रोलियम, कागज या अन्य ज्वलन पदार्थ  नहीं रखे जाने चाहिए. खुली आग, चिंगारी, किसी जलने वाली चीज से पैदा होने वाली गर्मी, हीटर जैसे सामान स्टोर के आसपास नहीं होने चाहिए. यहां तक कि ऑक्सीजन टैंक का टेंपरेचर भी 125 फारेनहाइट से ज्यादा नहीं होना चाहिए. क्या है सरकार की गाइडलाइंस ऑक्सीजन सिलेंडरों के भंडारण को लेकर भारत सरकार की ओर से भी गाइडलाइंस हैं. उनके अनुसार ऑक्सीजन सिलेंडरों को एक साफ, सूखे, अच्छी तरह हवादार क्षेत्र में रखना चाहिए जो सुरक्षित हो और ज्वलन स्रोतों से दूर हो. उन्हें गिरने से बचाने के लिए उन्हें सीधा और जंजीर से बांधकर या होल्डर में रखें. पूरे भरे सिलेंडरों को आंशिक रूप से भरे या खाली सिलेंडरों से अलग रखने की सलाह दी जाती है. उन्हें गर्मी और रोशना आने वाली जगहों और उन क्षेत्रों से दूर रखने को कहा जाता है जो भागने के मार्गों या आग निकास को रोक सकते हैं.  ये भी पढ़ें- अब क्रिकेट खिलाड़ी करते हैं करोड़ों में कमाई, कभी मिलता था एक टेस्ट खेलने पर एक रुपया इन्हें ज्वलनशील पदार्थों के पास न रखें. मरीज को ले जाते समय उचित सिलेंडर होल्डर का उपयोग करें. मरीज के बिस्तर पर सिलेंडर न रखें, लेकिन अगर रखना ही पड़े तो अतिरिक्त सावधानी बरतें. सिलेंडर को खुली लपटों, जैसे माचिस, जलती मोमबत्तियों या स्टोव से कम से कम छह फीट दूर रखें. ऑक्सीजन उपकरणों के पास धूम्रपान न करें, क्योंकि ऑक्सीजन आग को भड़काती है. जब आप ऑक्सीजन का उपयोग नहीं कर रहे हों, तो इसे हमेशा बंद कर दें. Tags: Delhi, Fire incident, Medical oxygen, Oxygen ContainerFIRST PUBLISHED : May 28, 2024, 16:38 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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