वैशाख पूर्णिमा के दिन करें मां लक्ष्मी के इस स्तोत्र का पाठ हमेशा रहेंगे धनी
वैशाख पूर्णिमा के दिन करें मां लक्ष्मी के इस स्तोत्र का पाठ हमेशा रहेंगे धनी
Vaishakh Purnima Vrat Date: वैशाख माह की पूर्णिमा 23 मई को है. मान्यता के मुताबिक, इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा आराधना करने का विधान है. वैसे तो साल में 12 बार पूर्णिमा का व्रत रखा जाता है. लेकिन हर पूर्णिमा का महत्व अलग होता है.
अयोध्या: सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है. प्रत्येक महीने पूर्णिमा का व्रत रखा जाता है. हिंदू पंचांग के मुताबिक वैशाख माह में पूर्णिमा तिथि 23 मई को है. इस दिन चंद्र देव, भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा आराधना करने का विधान है. धार्मिक मान्यता के मुताबिक, इस दिन पूजा आराधना करने से समस्त दुख और दरिद्रता से मुक्ति मिलती है, तो वहीं ज्योतिष शास्त्र द्वारा कुछ खास उपाय करने से सौभाग्य में भी वृद्धि होती है. आइए जानते हैं कि वैशाख पूर्णिमा के दिन पूजा के दौरान सच्चे मन से कौन सा ऐसा उपाय करें, जिससे माता लक्ष्मी की विशेष कृपा बनी रहे.
अयोध्या के ज्योतिष पंडित कल्कि राम बताते हैं कि हिंदू पंचांग के मुताबिक वैशाख माह की पूर्णिमा तिथि को वैशाख पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है. वैशाख माह की पूर्णिमा 23 मई को है. मान्यता के मुताबिक, इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा आराधना करने का विधान है. वैसे तो साल में 12 बार पूर्णिमा का व्रत रखा जाता है. लेकिन हर पूर्णिमा का महत्व अलग होता है. पूर्णिमा तिथि के दिन विधि विधान पूर्वक माता लक्ष्मी के महा लक्ष्मी स्त्रोत का पाठ करना चाहिए. ऐसा करने से जातक पर मा लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है .
पूर्णिमा तिथि के दिन करें इस स्तोत्र का पाठ
महालक्ष्मी स्तोत्र
नमस्तेऽस्तु महामाये श्रीपीठे सुरपूजिते।शंखचक्रगदाहस्ते महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।
नमस्ते गरुडारूढे कोलासुरभयंकरि।सर्वपापहरे देवि महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।
सर्वज्ञे सर्ववरदे देवी सर्वदुष्टभयंकरि।सर्वदु:खहरे देवि महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।
सिद्धिबुद्धिप्रदे देवि भुक्तिमुक्तिप्रदायिनि।मन्त्रपूते सदा देवि महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।
आद्यन्तरहिते देवि आद्यशक्तिमहेश्वरि।योगजे योगसम्भूते महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।
स्थूलसूक्ष्ममहारौद्रे महाशक्तिमहोदरे।महापापहरे देवि महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।
पद्मासनस्थिते देवि परब्रह्मस्वरूपिणी।परमेशि जगन्मातर्महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।
श्वेताम्बरधरे देवि नानालंकारभूषिते।जगत्स्थिते जगन्मातर्महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।
महालक्ष्म्यष्टकं स्तोत्रं य: पठेद्भक्तिमान्नर:।सर्वसिद्धिमवाप्नोति राज्यं प्राप्नोति सर्वदा।।
एककाले पठेन्नित्यं महापापविनाशनम्।द्विकालं य: पठेन्नित्यं धन्यधान्यसमन्वित:।।
त्रिकालं य: पठेन्नित्यं महाशत्रुविनाशनम्।महालक्ष्मीर्भवेन्नित्यं प्रसन्ना वरदा शुभा।।
Tags: Ayodhya News, UP newsFIRST PUBLISHED : May 22, 2024, 13:38 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है. Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed