इस मानसून उत्तर भारत में 1000 रुपए कीमत वाले लौंग की खेती
इस मानसून उत्तर भारत में 1000 रुपए कीमत वाले लौंग की खेती
गौरतलब है कि लौंग महंगे मसालों में शामिल है. अगर आप भी अपने घर में लौंग उगाकर पैसा बचाना चाहते हैं तो ये खबर आपके लिए जरूरी है. बता दें कि घर पर लौंग की खेती करना आसान है, लेकिन इसके लिए कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना भी आवश्यक है.
रायबरेली. हमारे घर की रसोई में खाना को टेस्टी बनाने के लिए अलग-अलग प्रकार के मसालों का प्रयोग किया जाता है. इन्हीं मसालों में से एक लौंग भी है. जिसका काफी इस्तेमाल किया जाता है. खाने का स्वाद बढ़ाने वाली छोटी सी लौंग सेहत के लिए बहुत फायदेमंद मानी जाती है. बिरयानी का स्वाद बढ़ाने से लेकर चाय को कड़क बनाने तक के लिए लौंग का इस्तेमाल होता है. परंतु इसे लोग बाजार से खरीद कर अपने उपयोग में लाते हैं. लेकिन अगर आप चाहे तो अब इसे घर के गमले में भी आसानी से उगा सकते हैं.इसके लिए आपको ज्यादा मेहनत भी नहीं करनी पड़ेगी.
गौरतलब है कि लौंग महंगे मसालों में शामिल है. अगर आप भी अपने घर में लौंग उगाकर पैसा बचाना चाहते हैं तो ये खबर आपके लिए जरूरी है. बता दें कि घर पर लौंग की खेती करना आसान है, लेकिन इसके लिए कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना भी आवश्यक है. तो आइए उद्यान विशेषज्ञ से जानते हैं. इस लौंग को घर के गमले या फिर इसकी खेती के लिए कौन से तरीके अपनाए जा सकते हैं ?
गर्म मौसम में उगता है लौंग
बागवानी के क्षेत्र में 15 वर्षों का अनुभव रखने वाले रायबरेली के उद्यान निरीक्षक नरेंद्र प्रताप सिंह बताते है कि लौंग की खेती गर्म मौसम वाले इलाके में की जाती है. 30 से 35 डिग्री तापमान में लौंग के पौधा तेजी से ग्रोथ करते हैं. यही वजह है कि महाराष्ट्र के कोकण क्षेत्र में इसकी खेती अधिक की जाती है. इसका पौधा एक बार लगाने के बाद कई वर्षों तक पैदावार देता है. जिसे आप घर के गमले में लगाकर या फिर इसकी बागवानी करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. लौंग अंगूर की तरह गुच्छों में लगते हैं. इसका कलर लाल और गुलाबी होता है. फूल खिलने से पहले इसकी तुड़ाई कर ली जाती है. एक पौधे से आप 2 से 3 किलो तक लौंग उत्पादित कर सकते हैं. अभी मार्केट में एक किलो लौंग का रेट 800 से 1000 रुपये के करीब है.
गमले में कर सकते हैं लौंग की बुवाई
नरेंद्र प्रताप सिंह बताते है कि लौंग का पौधा तो आप घर के गमले में आसानी से उगा सकते हैं.इसके लिए लौंग के सूखे बीज लेकर उसे पानी में भिगो दें. फिर गमले में रेतीली या दोमट मिट्टी को (2 भाग रेत,1 भाग मिट्टी,1 भाग वर्मी कंपोस्ट ) का मिश्रण बना कर गमले में भर दें. साथ ही ध्यान रहे की गमला 6 से 8 इंच गहरा और चौड़ा हो. जिससे उसमे बीज की बुवाई करने के बाद पौधे को ग्रोथ करने में आसानी हो. बीज की बुवाई करने के बाद उसमें नियमित रूप से सिंचाई करते रहें.
ऐसे करें लौंग की बुवाई
नरेंद्र प्रताप सिंह बताते है कि लौंग के बीज की बुवाई से पहले उसे 24 घंटे के लिए पानी में भिगो दें. उसके बाद गमले की नम मिट्टी में 1 इंच की गहराई तक बीज की बुवाई कर दें. इसके बाद गमले को धूप वाली जगह में रख दें. बीज को अंकुरित होने में 2 से 3 सप्ताह का समय लग जाता है. इसके बाद जब पौधा तीन से चार इंच तक बढ़ जाए. तो उसकी छंटाई कर दें. क्योंकि ऐसा करने से तना मजबूत होता है. इसकी नियमित रूप से सिंचाई करते रहें. लौंग का पौधा की बीज रोपाई के एक वर्ष के अंतराल पर फूल व फल देना शुरू कर देता है.
इन बातों का रखें ध्यान
निरीक्षक नरेंद्र प्रताप सिंह बताते हैं कि लौंग के बीज बुवाई के बाद गमले को धूप वाली जगह रखें. साथ ही यह ध्यान रखें कि गमले की मिट्टी में नमी होनी चाहिए. एवं पौधे को नियमित रूप से जरूरी पोषक तत्व देते रहें. यदि पौधे की पत्तियां फूल सूख जाते हैं. तो उसे पौधे से हटा दें.जिससे अन्य फूल या पत्ती पर इसका असर नहीं पड़ेगा .
Tags: Agriculture, Local18, Rae Bareli News, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : July 17, 2024, 08:21 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed