शाहजहांपुर: भारत में गेहूं की फसल का उत्पादन बड़े पैमाने पर किया जाता है, और किसानों को बेहतर उपज प्राप्त करने के लिए कई प्रयास करने पड़ते हैं. हालांकि, कुछ ऐसी किस्में भी हैं जो कम लागत में अधिक उत्पादन देती हैं. हाल ही में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली ने गेहूं की एक नई किस्म HD-3385 विकसित की है, जो किसानों को बंपर पैदावार देने के साथ ही रोग प्रतिरोधी भी है.
कृषि विज्ञान केंद्र, नियामतपुर में तैनात कृषि विशेषज्ञ डॉ. एनपी गुप्ता ने बताया कि किसान आमतौर पर नवंबर महीने में गेहूं की बुवाई करते हैं. उन्होंने बताया कि गेहूं की HD-3385 किस्म को उत्तर प्रदेश के किसी भी हिस्से में उगाया जा सकता है, और यह किस्म रोग प्रतिरोधी होने के साथ-साथ उच्च उत्पादन क्षमता वाली है.
रोग प्रतिरोधी और बंपर उत्पादन की गारंटी
डॉ. गुप्ता ने बताया कि गेहूं की HD-3385 किस्म विशेष रूप से रतुआ रोग प्रतिरोधी है. इसके अलावा, यह कीट और अन्य बीमारियों के प्रति भी प्रतिरोधक है. इस किस्म की खेती करते समय किसानों को बहुत कम कीटनाशक का उपयोग करना पड़ता है, जिससे यह किस्म पर्यावरण के अनुकूल साबित होती है. इससे उत्पन्न उपज स्वास्थ्य के लिहाज से भी बेहतर होती है.
बीज लेने की जानकारी
डॉ. गुप्ता ने बताया कि गेहूं की इस नई किस्म HD-3385 की बुवाई नवंबर के पहले सप्ताह से 20 नवंबर तक की जा सकती है. इस किस्म से एक हेक्टेयर में 75 क्विंटल तक उपज प्राप्त की जा सकती है. किसान इस किस्म के बीज भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली से या फिर किसान मेलों में जाकर प्राप्त कर सकते हैं. इस नई किस्म से किसानों को मिल सकता है अधिक उत्पादन के साथ कम लागत का लाभ, जो कृषि क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है.
Tags: Agriculture, Local18, Wheat cropFIRST PUBLISHED : September 24, 2024, 17:13 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed