कुदरत का नायब नमूना है ये पत्थर सिर्फ यूपी में उपलब्ध बनते हैं कीमती आभूषण

Shajar Stone: लोकल 18 से बातचीत में द्वारिका प्रसाद सोनी ने बताया कि शजर पत्थर प्रकृति का एक अनमोल उपहार है. शजर फारसी शब्द है, जिसका अर्थ होता है "छोटा पौधा". ब्रिटिश एनसाइक्लोपीडिया में इसे "केन स्टोन" भी कहा गया है, क्योंकि यह केन नदी के आसपास पाया जाता है.

कुदरत का नायब नमूना है ये पत्थर सिर्फ यूपी में उपलब्ध बनते हैं कीमती आभूषण
रजनीश यादव / प्रयागराज: आमतौर पर आभूषणों के लिए सोने, चांदी, हीरे, मोती और माणिक का प्रयोग किया जाता है, लेकिन उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में पाया जाने वाला एक खास पत्थर, जिसे शजर पत्थर कहा जाता है. इससे अनोखे आभूषण और सजावटी वस्तुएं बनाई जाती हैं. इस पत्थर की खासियत यह है कि यह पूरी दुनिया में सिर्फ बांदा में ही पाया जाता है. उत्तर प्रदेश सरकार भी इस पत्थर से बने आभूषणों और अन्य सामान को प्रमोट करती है. लोकल 18 से बातचीत में द्वारिका प्रसाद सोनी ने बताया कि शजर पत्थर प्रकृति का एक अनमोल उपहार है. शजर फारसी शब्द है, जिसका अर्थ होता है “छोटा पौधा”. ब्रिटिश एनसाइक्लोपीडिया में इसे “केन स्टोन” भी कहा गया है, क्योंकि यह केन नदी के आसपास पाया जाता है. यह पत्थर बेहद हल्का होता है और इससे विभिन्न प्रकार के आभूषण और सजावटी सामान बनाए जाते हैं. शजर पत्थर में होती है प्राकृतिक डिजाइन द्वारिका प्रसाद सोनी ने बताया कि शजर पत्थर के भीतर स्वाभाविक रूप से पेड़ और पत्तियों की आकृतियां बनती हैं. यह पत्थरों के बीच स्वाभाविक रूप से बनने वाली कला होती है. इसमें किसी कृत्रिम मशीन का उपयोग नहीं किया जाता है. इन प्राकृतिक कलाकृतियों के कारण यह पत्थर बेहद आकर्षक दिखता है. शजर पत्थर का निर्माण शजर पत्थर को भारत सरकार ने जीआई टैग दिया है और इसे बांदा जिले के “एक जिला, एक उत्पाद” (ODOP) योजना में भी शामिल किया गया है. इसका निर्माण कैपिलरी एक्शन प्रक्रिया से होता है, जिसमें पिघला हुआ खनिज पत्थर की दो कठोर परतों के बीच ठंडा होकर फैलता है. इसके अंदर प्राकृतिक रूप से पेड़, पत्तियां, नाचते हुए मोर, चांद, फूल या मानव आकृतियां बनती हैं, जो इसे विशिष्ट बनाती हैं. लाजवाब है बहराइच के मोटू की बाटी-चोखा, 30 रुपये प्लेट में देते हैं सात आइटम, चटखारे लेकर खाते हैं लोग कीमत और उपलब्धता यह पत्थर केवल बांदा के कुछ खास क्षेत्र में पाया जाता है, जिसकी वजह से इसकी कीमत ज्यादा होती है. शजर पत्थर से बने आभूषण और सजावटी सामान की कीमत ₹200 से लेकर ₹20,000 तक होती है. देशभर में इसकी डिमांड बनी रहती है, और लोग इसे दूर-दूर से मंगाते हैं. द्वारिका प्रसाद सोनी ने बताया कि चूंकि यह पत्थर केवल बांदा में पाया जाता है, इसलिए इसके आभूषण और सजावट की वस्तुएं खासतौर पर यहां से ही मंगाई जाती हैं. Tags: Allahabad news, Local18FIRST PUBLISHED : September 24, 2024, 17:09 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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