आतिशी के लिए पितृ पक्ष में शपथ लेना कितना होगा शुभ बचा कार्यकाल होगा पूरा

दिल्ली की जनता के मन में बड़ा सवाल ये उठ रहा है कि क्या नई मुख्यमंत्री आतिशी मार्लेना पितृ पक्ष में ही यानी 21 सितंबर को शपथ लेंगी? या फिर दिल्ली में अगले कुछ दिनों तक अरविंद केजरीवाल ही सीएम पद पर बने रहेंगे? क्या पितृ पक्ष या पितर में शुभ कार्य करने चाहिए या नहीं. जानें पंडितों की राय.

आतिशी के लिए पितृ पक्ष में शपथ लेना कितना होगा शुभ बचा कार्यकाल होगा पूरा
नई दिल्ली. पितृ पक्ष की शुरुआत 17 सितंबर से हो चुकी है. भारतीय ज्योतिष कर्मकांड की मानें तो पितृ पक्ष में कोई भी शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं. ऐसे में दिल्ली की जनता के मन में बड़ा सवाल ये उठ रहा है कि क्या नई मुख्यमंत्री आतिशी मार्लेना पितृ पक्ष में ही 21 सितंबर को शपथ लेंगी? या फिर दिल्ली में 12-15 दिन और अरविंद केजरीवाल ही सीएम पद पर बने रहेंगे? लोगों के मन में सालों से ये धारणा चली आ रही है कि श्राद्ध या पितृ पक्ष के दौरान कोई शुभ कार्य नहीं होते हैं. ऐसे में अगर राष्ट्रपति के तरफ से दिल्ली के मुख्यंत्री के तौर पर आतिशी का शपथ ग्रहण की मंजूरी मिलती है तो क्या शपथ ग्रहण का कार्यक्रम पितृ पक्ष में होगा? पंडित अनिल कात्यायन न्यूज 18 हिंदी के साथ बातचीत में कहते हैं, ‘देखिए पितृ पक्ष में कोई भी नया और शुभ काम नहीं करना चाहिए. ये पितरों के पूजन और ध्यान का समय है. हिंदू संस्कारों के मुताबिक आतिशी को शपथ नहीं नहीं लेना चाहिए. पहली बार सीएम का शपथ ले रही हैं तो इसका कोई वजूद ही नहीं होगा. अगर अपना वजूद बनाना चाहती हैं तो शपथ न लें. अगर डमी सीएम बनना चाहती हैं तो फिर तो कोई फर्क नहीं पड़ता. आम आदमी पार्टी के लिए ये उल्टा भी पड़ सकता है. मजबूरी में किया गया सौदा है. लिहाजा इसका कोई फर्क नहीं होगा. दिल्ली के चुनाव के लिए भी ये ठीक नहीं है.’ धरती का ‘पाताल लोक’, पहुंचने के लिए उतरना पड़ता है 106 सीढ़ियां, उतरते ही होता है अदृश्य शक्तियों से सामना… आतिशी को लेकर ज्योतिषाचार्यों की राय पंडित अनिल कात्यायन पहले भी देश के राज्यों में सरकार बनने और सीटों की संख्या के बारे में भविष्यवाणी कर चुके हैं, जो काफी सटीक रहा था. लेकिन, देश के जानेमाने ज्योतिषाचार्य आचार्य विक्रमादित्य कात्यायन के बातों सहमत नहीं है. वे कहते हैं, ‘पितृ पक्ष को लेकर लोगों के मन में गलत धारणा बन गई है कि कोई शुभ कार्य नहीं हो सकते.’ ये काम वर्जित रहते हैं विक्रमादित्य आगे कहते हैं, ‘हां. आप इस दौरान वासनायुक्त जीवन जीने से परहेज करें. आपके पितर आपकी तरक्की से क्यों नाराज होंगे? अगर आतिशी शपथ लेती हैं तो उसमें कोई रोक नहीं हैं. लेकिन, शपथ का महुर्त शुभ होना चाहिए. आतिशी किस घड़ी और बेला में शपथ लेती हैं. इस पर निर्भर करेगा.’ कुलमिलाकर पितृ पक्ष को लेकर अलग-अलग धारनाएं सामने आ रही हैं. कुछ पंडित इस अवधि में शुभ कार्य वर्जित मानते हैं तो कुछ का मानना है कि आप शुभ कार्य कर सकते हैं. हालांकि, ज्यादातर लोगों के मन में धारणा बनी हुई है कि पितृ पक्ष या श्राद्ध के दौरान लोग न तो बच्चों को नया कपड़ा खरीद कर पहना सकते हैं और न ही नया वाहन या फिर न ही अन्य तरह के कार्य कर सकते हैं. ऐसे में अगर आतिशी मार्लेना पितृ पक्ष में ही शपथ लेती हैं तो भविष्य बताएगा कि इससे क्या शुभ और क्या अशुभ हुआ Tags: Arvind kejriwal, Atishi marlena, Delhi CMFIRST PUBLISHED : September 19, 2024, 17:52 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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