यही तो है विडंबना सिंघवी ने आखिर दलील पर केजरीवाल के ल‍िए चला बड़ा दांव

Abhishek Manu Singhvi Latest News:स‍िंघवी की दलीलों पर सीबीआई के वकील डीपी सिंह ने कहा कि केजरीवाल की इन्‍श्‍योरेंस गिरफ्तारी शब्द अपनी तरफ से गढ़ा है ये अनुचित है. सीबीआई ने उन्हें धारा 160 के तहत बुलाया था, लेकिन यह धारा गवाहों के लिए नहीं है. इसका इस्तेमाल केस के तथ्यों से परिचित किसी भी व्यक्ति के लिए किया जा सकता है. यह कोई भी हो सकता है. इनका कहना है कि उनसे पूछताछ 9 घंटे तक चली.

यही तो है विडंबना सिंघवी ने आखिर दलील पर केजरीवाल के ल‍िए चला बड़ा दांव
नई द‍िल्‍ली. द‍िल्‍ली हाईकोर्ट के वकील अभिषेक मनु स‍िंघवी ने अरव‍िंद केजरीवाल को जेल से न‍िकालने के ल‍िए जोरदार बहस की. स‍िंघवी ने हाईकोर्ट में कहा क‍ि मेरे क्‍लाइंट केजरीवाल को तीन बार जमानत मिल चुकी है. दो बार सुप्रीम कोर्ट से और एक बार ट्रायल कोर्ट से. अगर हाईकोर्ट से भी अंतरिम जमानत मिल जाएगी तो इससे धरती नहीं हिल जाएगी. मुझे जमानत मांगने में क्या बुराई है? सिंघवी ने द‍िल्‍ली हाईकोर्ट में कहा क‍ि गिरफ्तारी से पहले, गिरफ्तारी के सभी मुद्दों पर ट्रायल कोर्ट ने फैसला किया है. ये जमानत के आधार हैं. अगर ट्रायल कोर्ट ने पहले ही इन सभी मुद्दों पर फैसला कर लिया है तो मुझे जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट क्यों जाना चाहिए? सिंघवी ने दलील दी क‍ि विडंबना यह है कि मेरी पार्टी का नाम आम आदमी पार्टी है और इस केस में सबको जमानत मिल रही है लेकिन मुझे नहीं म‍िल रही है. केजरीवाल के वकील सिंघवी ने दलील दी क‍ि हाल के दिनों में पांच बार केजरीवाल का ब्लड शुगर 50 से नीचे चला गया है. कृपया इसका ध्यान अदालत रखे और मामले का फैसला करें. स‍िंघवी की दलील पर सीबीआई का र‍िप्‍लाई वहीं स‍िंघवी की दलीलों पर सीबीआई के वकील डीपी सिंह ने कहा कि केजरीवाल की इन्‍श्‍योरेंस गिरफ्तारी शब्द अपनी तरफ से गढ़ा है ये अनुचित है. सीबीआई ने उन्हें धारा 160 के तहत बुलाया था, लेकिन यह धारा गवाहों के लिए नहीं है. इसका इस्तेमाल केस के तथ्यों से परिचित किसी भी व्यक्ति के लिए किया जा सकता है. यह कोई भी हो सकता है. इनका कहना है कि उनसे पूछताछ 9 घंटे तक चली. हमारे पास ऑडियो वीडियो रिकॉर्डिंग है. सब कुछ टाइप किया गया, उन्होंने उसे चेक किया और उसमें सुधार भी किए. और उन सुधारों को समायोजित किया गया. इस दौरान, सीबीआई कार्यालय के बाहर भारी भीड़ थी. कौन तय करेगा कि किसी मामले की जांच कैसे की जाए? क्या ये तय करेंगे? सीबीआई की वकील ने कहा क‍ि जहां तक ​​आरोपियों की बात है, तो उन्हें सभी विशेषाधिकार और अधिकार प्राप्त हैं. जांच एजेंसी के पास विशेषाधिकार बहुत कम हैं. मेरा विशेषाधिकार यह है कि जो गवाह और सबूत जरूरी हैं, उन्हें इकट्ठा कर लेता हूं. मैं जिस चीज पर भरोसा करता हूं, उसे विश्वसनीय दस्तावेज के रूप में रखता हूं और जिस पर भरोसा नहीं करता, उसकी सूची अदालत को दे देता हूं, जिसका निरीक्षण आरोपी कर सकता है. CBI ने आगे कहा क‍ि मुझे यह तय करने का अधिकार है कि किस आरोपी को कब गिरफ्तार किया जाए वो सीएम हैं. उनकी भूमिका शुरू में स्पष्ट नहीं थी क्योंकि यह आबकारी मंत्री के अधीन हुआ था. कुछ चीजें हमारे सामने आईं लेकिन उस समय हमने उनके खिलाफ आगे नहीं बढ़ने का फैसला किया क्योंकि वह सीएम हैं. सीबीआई ने कोर्ट को आगे बताया क‍ि मंत्री को गिरफ़्तार किया था. मंत्री को जमानत नहीं दी गई है. हाईकोर्ट ने दो बार इसे खारिज कर दिया है और अब यह सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. उन्‍होंने कहा क‍ि जिन पांच लोगों को जमानत दी गई है. वह के. कविता, मनीष सिसोदिया या केजरीवाल के अधीन काम कर रहे थे. वे विशेष क्यों हैं? वे उनके (कविता, सिसोदिया और केजरीवाल) अधीन काम कर रहे थे. उन्‍होंने कहा क‍ि हाईकोर्ट, ट्रायल कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में बार-बार याचिकाएं दायर की गई हैं. आज तक ऐसा कोई आदेश नहीं हुआ है जो कहता हो कि हम प्रक्रिया या अपनी शक्ति का अतिक्रमण कर रहे हैं या उसका उल्लंघन कर रहे हैं. सीबीआई ने कहा क‍ि केजरीवाल एक पब्लिक सर्वेंट है. पीसी एक्ट की धारा 17 के तहत जांच के लिए अनुमति की आवश्यकता होती है. यह कहना है कि जनवरी में मेरे पास मगुंटा रेड्डी का बयान था, लेकिन अप्रैल में मंजूरी मिली. सीबीआई एक सिस्टम के तहत काम करता है. Tags: Abhishek Manu Singhvi, Arvind kejriwal, Delhi liquor scamFIRST PUBLISHED : July 19, 2024, 19:27 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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