लोग भरोसा खो देंगेटीचर भर्ती घोटाले पर CJI के बंंगाल सरकार से 5 कड़े सवाल
लोग भरोसा खो देंगेटीचर भर्ती घोटाले पर CJI के बंंगाल सरकार से 5 कड़े सवाल
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले हफ्ते हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी थी, जिसमें शिक्षक भर्ती घोटाले के सिलसिले में सीबीआई को बंगाल सरकार के अधिकारियों की जांच करने को कहा गया था. इसने 25,000 से अधिक शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति को रद्द करने पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था.
नई दिल्ली. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने मंगलवार को बंगाल की ममता बनर्जी सरकार से कड़े सवाल पूछे. कलकत्ता हाईकोर्ट ने हाल ही में राज्य स्कूल सेवा आयोग द्वारा लगभग 25,000 टीचरों की नियुक्तियों को रद्द कर दिया था. इस फैसले को बंगला सरकार ने सवोच्च न्यायालय में चुनौती दी . मुख्य न्यायाधीश ने बंगाल सरकार से पूछा कि उसने अतिरिक्त पद क्यों बनाए और प्रतीक्षा सूची वाले उम्मीदवारों को नियुक्त क्यों किया, जबकि चयन प्रक्रिया को ही अदालत में चुनौती दी गई थी.
हाईकोर्ट के आदेश को ध्यान में रखते हुए बंगाल सरकार के वकील नीरज किशन कौल ने पूछा कि क्या इस तरह के आदेश को कायम रखा जा सकता . उन्होंने कहा, “यह सीबीआई का भी मामला नहीं है कि 25,000 नियुक्तियां अवैध हैं. शिक्षक-बाल अनुपात सब कुछ गड़बड़ा गया.” स्कूल सेवा आयोग की ओर से पेश वकील जयदीप गुप्ता ने तर्क दिया कि हाईकोर्ट के पास नौकरियां रद्द करने का अधिकार क्षेत्र नहीं है और उसके आदेश इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के विपरीत हैं. जब सीजेआई चंद्रचूड़ ने पूछा कि क्या ओएमआर शीट और उत्तर पुस्तिकाओं की स्कैन की गई प्रतियां नष्ट कर दी गई हैं, तो उन्होंने सकारात्मक जवाब दिया. फिर सीजेआई बोले कि इतने संवेदनशील मामले के लिए टेंडर क्यों नहीं जारी किए गए.
आपने OMR शीट का डेटा आउटसोर्स कंपनी को क्यों रखने दिया?
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि ओएमआर शीटों की डिजिटल प्रतियां रखना आयोग की जिम्मेदारी . इसपर स्कूल सेवा आयोग की तरफ से जवाब दिया गया कि यह उस एजेंसी के पास है जिसे काम आउटसोर्स किया गया था. मुख्य न्यायाधीश ने पूछा, “कहां है? सीबीआई को यह नहीं मिला . यह आउटसोर्स है, आपके पास नहीं. क्या सुरक्षा प्रोटोकॉल का इससे बड़ा उल्लंघन हो सकता है? वे केवल स्कैनिंग के लिए काम पर रखा गया था, लेकिन आपने उन्हें पूरा डेटा रखने दिया, आप यह नहीं कह सकते कि उन्होंने इसे ले लिया, आप लोगों के डेटा को बनाए रखने के लिए जिम्मेदार हैं.”
क्या आयोग ने RTI आवेदकों को गलत जानकारी दी?
सीजेआई ने तब पूछा कि क्या आयोग ने आरटीआई आवेदकों को गलत बताया था कि कोई डेटा आपके पास नहीं है.” गुप्ता ने उत्तर दिया, “ऐसा हो सकता .” जब उन्होंने पूछा कि क्या हाईकोर्ट के निर्देश निष्पक्ष थे, तो मुख्य न्यायाधीश ने जवाब दिया, “लेकिन यह प्रणालीगत धोखाधड़ी . सार्वजनिक नौकरियां आज बेहद दुर्लभ हैं और उन्हें सामाजिक गतिशीलता के रूप में देखा जाता . अगर उनकी नियुक्तियों को भी बदनाम किया जाता है तो सिस्टम में क्या रह जाता है? लोग विश्वास खो देंगे, आप इसे कैसे स्वीकार करेंगे?”
सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी CBI जांच पर अस्थाई रोक
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले हफ्ते हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी थी, जिसमें शिक्षक भर्ती घोटाले के सिलसिले में सीबीआई को बंगाल सरकार के अधिकारियों की जांच करने को कहा गया था. इसने 25,000 से अधिक शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति को रद्द करने पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. अदालत ने यह भी पूछा था कि क्या उपलब्ध सामग्री के आधार पर वैध और अवैध नियुक्तियों को अलग करना संभव . राज्य सरकार ने तर्क दिया है कि उच्च न्यायालय ने नियुक्तियों को “मनमाने ढंग से” रद्द कर दिया.
Tags: Bengal news, CBI, DY Chandrachud, Justice DY Chandrachud, Supreme CourtFIRST PUBLISHED : May 7, 2024, 16:48 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed