इस नागकूप का रास्ता जाता है पाताल लोक यहां दर्शन से दूर होता है कालसर्प दोष

Varanasi Naag Koop: बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी के प्राचीन नागकूप का इतिहास 3 हजार साल से अधिक पुराना है. वैसे तो यह कूप आम कूप की तरह दिखाई देता है, लेकिन इसकी गहराई कितनी है ये आजतक कोई ठीक-ठीक नहीं जान पाया है.

इस नागकूप का रास्ता जाता है पाताल लोक यहां दर्शन से दूर होता है कालसर्प दोष
अभिषेक जायसवाल/वाराणसी: बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी के रहस्य को समझना आसान नहीं है. महादेव के त्रिशूल पर बसे दुनिया के इस सबसे प्राचीन नगरी में कई रहस्यमयी चीजें हैं. काशी के जैतपुरा इलाके में स्थित नागकूप जिसे नाग कुआं भी कहा जाता है. इसका सीधा कनेक्शन नाग लोक से जुड़ा है. कहा जाता है इस कूप का रास्ता सीधे नागलोक तक जाता है. शेषावतार नागवंश के महर्षि पतंजलि ने सैकड़ों साल तक इसी जगह तप किया था. कथाओं के अनुसार, काशी के इस प्राचीन नागकूप का इतिहास 3 हजार साल से अधिक पुराना है. वैसे तो यह कूप आम कूप की तरह दिखाई देता है, लेकिन इसकी गहराई कितनी है ये आजतक कोई ठीक-ठीक नहीं जान पाया है. हां ये जरूर सच है कि इस कूप के अंदर सात कुएं है और उनके नीचे भी सीढ़ियों के जरिए रास्ता बना हुआ है, जो नागलोक तक जाता है. 7 कुएं के अंदर है शिवलिंग इतना ही नहीं कुएं के अंदर एक शिवलिंग भी है, जिसका दर्शन दुर्लभ होता है. साल में एक बार कुंड के सफाई के दौरान ही उस शिवलिंग के दर्शन हो पाते हैं. काशी के विद्वान पण्डित संजय उपाध्याय ने बताया कि यह कूप कालसर्प दोष से मुक्ति दिलाता है. इसके लिए यहां विशेष पूजा होती है. कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए है प्रधान कूप बता दें कि कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए पूरे देश में तीन ही स्थान है. इसमें काशी का नागकूप प्रधान है. नागकूप के पुजारी राजीव पांडेय ने बताया कि नाग पंचमी के दिन यहां भक्तों की भारी भीड़ होती है. जिन लोगों को सर्प दंश का भय होता है वो इस कुंड में स्नान करते है तो उन्हें इससे मुक्ति मिल जाती है. देशभर से आते हैं श्रद्धालु इसके अलावा इस कुंड का जल घर मे छिड़कने से सभी तरह के संकट और निगेटिव ऊर्जा भी समाप्त होती है. यही वजह है कि इस प्राचीन कूप पर देशभर से श्रद्धालु आते हैं. Tags: Kashi Vishwanath, Kashi Vishwanath Dham, Local18, Varanasi newsFIRST PUBLISHED : August 6, 2024, 16:21 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed