अयोध्या में लाइट्स चोरी पर नई कहानी! क्या कंपनी ने दर्ज करवाया था झूठा मुकदमा

गौरतलब है कि अयोध्या विकास प्राधिकरण द्वारा दिए गए अनुबंध के तहत यश एंटरप्राइजेज और कृष्णा ऑटोमोबाइल्स को राम पथ पर लगभग 6,400 बांस की लाइटें और भक्ति पथ पर 96 गोबो प्रोजेक्टर लाइटें लगानी थी. यश इंटरप्राइजेज ने बीते दिनों लाइटों को लेकर चोरी होने का मुकदमा दर्ज कराया था. इस मामले में अब नया मोड़ आया है.

अयोध्या में लाइट्स चोरी पर नई कहानी! क्या कंपनी ने दर्ज करवाया था झूठा मुकदमा
अयोध्या : प्रभु राम की नगरी अयोध्या को प्रदेश की योगी सरकार धार्मिकता के साथ-साथ पर्यटन की दृष्टि से भी विश्व के मानचित्र पर स्थापित कर रही है. लेकिन इसी अयोध्या में कुछ कारनामे ऐसे हो रहे हैं जिसे जानने और सुनने के बाद हर कोई दंग हो जा रहा है. कुछ दिनों पहले यश इंटरप्राइजेज ने यह दावा किया था कि अयोध्या में राम पथ के पेड़ों पर लगाई गई 3,800 बांस की लाइटें और भक्ति पथ पर 36 गोबो प्रोजेक्टर लाइटें चोरी हो गई हैं, जिनकी कीमत 50 लाख रुपये से अधिक है. गौरतलब है कि अयोध्या विकास प्राधिकरण द्वारा दिए गए अनुबंध के तहत यश एंटरप्राइजेज और कृष्णा ऑटोमोबाइल्स को राम पथ पर लगभग 6,400 बांस की लाइटें और भक्ति पथ पर 96 गोबो प्रोजेक्टर लाइटें लगानी थी. यश इंटरप्राइजेज ने बीते दिनों लाइटों को लेकर चोरी होने का मुकदमा दर्ज कराया था. इस मामले में अब नया मोड़ आया है. अयोध्या विकास प्राधिकरण का दावा है कि यह संभव नहीं है कि इतने ऊंचे स्थान से लाइटें चोरी हो जाएं. यश इंटरप्राइजेज का दावा गलत अयोध्या विकास प्राधिकरण की जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि यश इंटरप्राइजेज जितनी बड़ी संख्या में लाइट लगाने का दावा कर रहा था वह गलत है. 6400 से ज्यादा बंबू लाइट लगाने का दावा यश इंटरप्राइजेज की तरफ से किया जा रहा था. जबकि विकास प्राधिकरण की जांच में आया है कि मात्रा 2500 लाइट ही रामपथ के आसपास के पेड़ों पर लगाई गई थी. विकास प्राधिकरण के सचिव सत्येंद्र सिंह ने बताया कि रामपथ और लता चौक के आसपास बंबू लाइट लगाई गई थी. यश इंटरप्राइजेज के द्वारा जितनी लाइट लगाई गई थी उससे ज्यादा लाइट बिल दिखाया गया. विकास प्राधिकरण के द्वारा 2500 लाइटों का भुगतान किया गया है. अयोध्या की छवि धूमिल करने का प्रयास सत्येंद्र सिंह ने कहा यश इंटरप्राइजेज की तरफ से गुमराह करने के लिए कूट रचित ढंग से शिकायत दर्ज करवाया गया था. कड़ी सुरक्षा के कारण बड़े पैमाने पर चोरी की आशंका नहीं है. विकास प्राधिकरण ने चोरी की गई लाइटों की तुलना में लगाई गई लाइटों की संख्या में अंतर पाया है. केवल अपने बिल को बढ़ाने के लिए और जो कार्य उन्होंने नहीं किया है उसकी सिद्ध करने के लिए गलत तरीके से एफआईआर कराया गया है. सत्येंद्र सिंह ने कहा कि यश इंटरप्राइजेज के द्वारा प्राधिकरण की छवि को धूमिल करने का यह प्रयास किया जा रहा है. Tags: Ayodhya News, Local18, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : August 17, 2024, 17:10 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed