किसी के दोनों हाथ नहीं तो कोई दोनों पैरों से दिव्‍यांग फिर भी पैदल चल पड़े बाबा भोलेनाथ का दर्शन करने

अपने घर में सुख शांति के साथ ही देशवासियों के बीच भाईचारगी की कामना कर रहे हैं दोनों कांवरियां।गया के दोनो हाँथ से विकलांग कावरिया शंकर ठाकुर सावन माह में दो बार जलार्पण करते हैं तो दोनो पैर से विकलांग हावड़ा के रंजित नोनिया करीब 25 दिनों में बाबा को जल चढ़ाते हैं।

किसी के दोनों हाथ नहीं तो कोई दोनों पैरों से दिव्‍यांग फिर भी पैदल चल पड़े बाबा भोलेनाथ का दर्शन करने
बांका. श्रावणी मेला दो सल के अंतराल के बाद शुरू हो चुका है और कांवरिया पूरे उत्‍साह के साथ भगवान शिव का दर्शन करने पैदल चल पड़े हैं. इस दौरान कांवरियों के कई रूप देखने को मिल रहे हैं. कई संतानें अपने मां-बाप को भगवान शिव का दर्शन कराने के लिए ले जा रहे हैं. वहीं, कई शिव भक्‍त ऐसे भी हैं जो तमाम तरह की कठिनाइयों के बावजूद पैदल ही बाबा के दरवार में हाजिरी लगाने निकल पड़े हैं. शंकर ठाकुर और रंजीत नोनिया ऐसे ही शिव भक्‍तों में से हैं. शंकर के दोनों हाथ नहीं हैं तो रंजीत दोनों पैर से दिव्‍यांग हैं. इसके बावजूद भगवान शिव के प्रति उनके मन में ऐसी आस्‍था है कि वे महादेव का दर्शन करने पैदल ही निकल पड़े हैं. विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला में आस्‍था का सैलाब उमड़ पड़ा है. कांवरियों के कई रूप देखने को मिल रहे हैं. कोई बहुत आराम से कांवर यात्रा कर बाबा के दरबार पहुंचकर जलार्पण कर रहे हैं तो कई ऐसे भी कांवरिया हैं जो तमाम कष्ट के बावजूद बाबा के दरबार में हाज़िरी लगाने पिछले कई वर्षों से जलार्पण के लिए निकल रहे हैं. ऐसे ही दो दिव्‍यांग कांवरिए हैं जो सामान्य कांवरियों से अलग अपनी धुन में बाबाधाम की यात्रा कर रहे हैं. पहला कांवरिया रंजीत नोनिया हैं. रंजीत पश्चिम बंगाल के हावड़ा के बालू घाट के रहने वाले हैं. वह दोनों पैर से दिव्‍यांग हैं. वह पूरे मार्ग पर घसीटते हुए काफी धीरे-धीरे आगे बढ़ रहे हैं. रंजीत के दोनों पैर पोलियो ग्रस्त हैं. इसके बावजूद वह पिछले कई वर्षों से बाबा भोलेनाथ का जलार्पण करने जाते हैं. वह करीब 9 दिन में अपनी यात्रा पूरा करते हैं. इस दौरान रंजीत दो बार बेहोश हो गए, लेकिन हिम्‍मत नहीं हारी. शंकर ठाकुर के दोनों हाथ नहीं हैं, फिर वह भगवान शिव का दर्शन करने बाबाधाम जाते हैं. (न्‍यूज 18 हिन्‍दी) शंकर ठाकुर बिहार के गया जिले के अलीपुर थाना क्षेत्र के हाडी मकदमपुर के रहने वाले हैं. शंकर ठाकुर जन्मजात दोनों हाथ से दिव्‍यांग हैं. इसके बावजूद वह पिछले 4 वर्ष से बाबाधाम जा रहे हैं. शंकर की मानें तो दोनों हाथ न रहने के चलते कष्ट होने के बावजूद बाबा की भक्ति के सामने सब गौण हो जाता है. इनकी मानें तो पिछले चार वर्ष के दौरान प्रत्येक सावन में दो बार बाबा पर जलार्पण करने के साथ वह अपने परिवार के साथ सबकी सुख-शांति की कामना करते हैं. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: Banka News, SawanFIRST PUBLISHED : July 19, 2022, 10:41 IST