भारत के दुश्मन संभल जाएंट्रंप की जीत से चीन-पाक और ट्रूडो पर क्या असर
भारत के दुश्मन संभल जाएंट्रंप की जीत से चीन-पाक और ट्रूडो पर क्या असर
America Rashtrapati Chunav: डोनाल्ड ट्रंप के जीतने से भारत और मजबूत होगा, वहीं भारत के दुश्मनों की हालत खराब होना तय है. कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो को खालिस्तान मुद्दे पर एक कदम पीछे हटना ही होगा. वहीं, चीन और पाकिस्तान की बेचैनी बढ़ने वाली है.
डोनाल्ड ट्रंप की जीत से क्या बदल जाएगा? भारत और उनके दुश्मन मुल्कों पर इसका क्या असर होगा? एक्सपर्ट का मानना है कि ट्रंप की जीत से भारत मजबूत होगा. खासकर, कनाडा जो भारत के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है, उसकी आवाज मंद पड़ेगी. जस्टिन ट्रूडो को खालिस्तान के मुद्दे पर पीछे हटना ही होगा.अमेरिका और भारत के बीच हथियारों के निर्यात, संयुक्त सैन्य अभ्यास और टेक्नोलॉजी ट्रांसफर से चीन और पाकिस्तान को भी परेशानियां बढ़ेंगी. इजरायल को मजबूती मिलेगी और यूक्रेन-रूस युद्ध भी जल्द खत्म होने की संभावना है. हालांकि, ट्रंप बिजनेस फोकस्ड हैं. इसलिए उनके कुछ कदमों से भारत को आर्थिक क्षेत्र में कुछ जगहों पर नुकसान झेलना पड़ सकता है.
अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद ही भारत और अमेरिका के बीच एक बार फिर नए अध्याय की शुरुआत हो गई है. इससे आने वाली जनवरी से भारत और कनाडा के बीच संबंधों में एक बार फिर गर्माहट नजर आएगी. क्योंकि जनवरी महीने में ट्रंप राष्ट्रपति पद की शपथ ग्रहण लेंगे और कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को अमेरिका का रुख देखते हुए अपने कदम पीछे हटाने पड़ेंगे.
ट्रंप की सख्ती से बदले ट्रूडो के सुर
पिछले हफ्ते कनाडा के हिन्दू मंदिर पर हमला हुआ, तो डोनाल्ड ट्रंप ने तुरंत आलोचना की. उनके बयान के बाद ही जस्टिन ट्रूडो के सुर बदल गए. तुरंत उनका भी बयान आया और हमले की निंदा की. इसके बाद कार्रवाई भी हुई और तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया. खालिस्तान मुद्दे को लेकर भी ट्रंप का रुख साफ है. वे इस मामले मे किसी भी तरह की हिंसा नहीं चाहते. इसलिए कनाडा को अपने यहां मौजूद खालिस्तानियों को अपने कदम रोकने का संदेश देना ही पड़ेगा. यह बात दीगर है कि कनाडा का यह संदेश खालिस्तानियों को बुरा लग सकता है और वे कनाडा में एक नई समस्या पैदा कर सकते हैं.
बांग्लादेश पर भी भारत के साथ
ट्रंप ने हिदुंओं के मुद्दे पर जिस तरह से बांग्लादेश को लेकर भारत का साथ दिया है, उससे भी यह संदेश साफ तौर पर गया है कि ट्रंप कुछ मुद्दों पर भारत का साथ खुलकर पूरी तरह से देना चाहते हैं. ट्रंप के आने से एक बार फिर चीन और पाकिस्तान को समस्या पैदा होगी. क्योंकि ट्रंप चीन की नीतियों को लेकर सदैव विरोधी रहे हैं. पहले कार्यकाल में भी अमेरिका के संबंध चीन से खराब ही रहे. ट्रंप के आने के बाद भारत से हथियारों का निर्यात संयुक्त सैन्य अभ्यास के साथ-साथ टेक्नोलॉजी ट्रांसफर में भी विशेष कदम उठाए जा सकते हैं. जो चीन और पाकिस्तान के खिलाफ भारत को मजबूती प्रदान करेंगे. पाकिस्तान का मौजूदा प्रशासन भी इमरान खान को लेकर ज्यादा क्रूर नहीं हो पाएगा, क्योंकि ट्रंप के शासनकाल में जब इमरान खान अमेरिका गए थे तो उन्हे राष्ट्रपति के बराबर सुरक्षा प्रदान की गई थी.
यूक्रेन-रूस युद्ध पर क्या होगा असर
ट्रंप के आने से रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के भी जल्द खत्म होने के आसार बढ़ गए हैं. क्योंकि ट्रंप जहां रूस को चाहते हैं वहीं, वे पिछले दिनों बयान भी दे चुके हैं कि यूक्रेन के राष्ट्रपति को इस युद्ध से अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ा रहा है, लिहाजा यह युद्ध समाप्त होना चाहिए. इसके साथ ही इजरायल और फिलीस्तीन के मुद्दे का निबटारा भी जल्द होने के आसार हो जाएंगे. भारतीय प्रधानमंत्री मोदी और ट्रंप के बीच एक जोरदार अंडरस्टैंडिंग है, जिसका सीधा फायदा भारत को मिलना शुरू हो जाएगा.
कहां नुकसान के आसार
कुछ मुद्दों को लेकर ट्रंप का रुख अमेरिका फर्स्ट ही रहेगा. जैसे ट्रंप चाहते हैं कि अमेरिका तथा दूसरे देशों के बीच हो रहे व्यापार को लेकर ज्यादा ड्यूटी ना लगाई जाए. इसे लेकर वे एक बार भारत पर दवाब भी बना चुके हैं. साथ ही वीजा को लेकर भी ट्रंप का कड़ा रुख रहा है और वे नौकरियों को लेकर भी अमेरिकियों को ही प्राथमिकता देने की वकालत करते रहे हैं. ऐसे में इस फ्रंट पर अन्य देशों को परेशानियां हो सकती हैं. यहां यह बात ध्यान रखनी होगी कि ट्रंप मूलत: जर्मन ओरिजन के हैं और अमेरिका में उनकी जनसंख्या सर्वाधिक है. ऐसे में ट्रंप अपने लोगों का ख्याल तो रखेंगे ही. फिलहाल भारत के लिए ट्रंप का आगमन एक शुभ संदेश है.
Tags: China india, Donald Trump, Justin Trudeau, Narendra modi, Pakistan newsFIRST PUBLISHED : November 6, 2024, 17:26 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed