Video: भूल्लू में अद्भुत शक्ति! आंखों में रोशनी नहीं पर आंखों से ही चमत्कार
Video: भूल्लू में अद्भुत शक्ति! आंखों में रोशनी नहीं पर आंखों से ही चमत्कार
Amazing Facts: बिहार के समस्तीपुर में एक ऐसा इंसान है जिनकी आंखों में जन्म से रोशनी नहीं है, लेकिन उसके कारनामें सुनकर आप हैरान रह जाएंगे.अपनी अद्भुत शक्ति के कारण वह अपने समाज में एक अलग पहचान बन चुके हैं. जब यह पानी के अंदर होते हैं तो कइयों के जीवन में रोशनी बिखेर देते हैं. इतना ही नहीं जब इनके हाथ में बांसुरी होती है तो इसकी तान लोगों को मंत्रमुग्ध कर देती है. पढ़िये इस अनोखे इंसान की कहानी...
हाइलाइट्स समस्तीपुर के भूल्लू की आंख में रोशनी नहीं लेकिन पानी के अंदर देखने की क्षमता. नदी में डूबे शव को पल भर में निकाल लेता है, बांसुरी की तन से कर देता है मंत्रमुग्ध.
समस्तीपुर. सड़कों के किनारे भूजा बेचकर अपने जीवन यापन करने वाले भूल्लू की आंखों में जन्म से ही रोशनी नहीं है. अपने सामने बैठे लोगों को देख नहीं पाते, उनके पास अद्भुत शक्ति है, यूं कहिये कि दैवीय या चमत्कारीय शक्ति है. पानी में डुबकी लगाते ही इन्हें सब कुछ साफ-साफ दिखने लगता है. इसी अद्भुत शक्ति के कारण अब तक वह नदी और तालाब में डूबे 13 लोगों की जिंदगी बचा चुके हैं. इतना ही नहीं भूल्लू नदी और तालाब के अंदर से 14 लोगों शव भी बाहर निकल चुके हैं.
समस्तीपुर जिले के पटोरी प्रखंड के चक्साहों पंचायत के दुमदूमा गांव के रहने वाले 35 वर्षीय भूल्लू सहनी बाया नदी के तट पर रहते हैं. उनका परिवार भी इसी तट पर दशकों से रह रहा है. इस कारण नदी और तालाब में तैरना इनके लिए सड़क पर चलने के समान ही आसान है. भूल्लू बताते हैं कि वह जन्मजात सूरदास हैं. धरती पर उनके सामने अगर कोई व्यक्ति आता है तो इन्हें लगता है कि कोई छाया है. लेकिन, जब यह पानी के नीचे उतरते हैं तो ऐनक के सामान सारी चीजें इन्हें साफ-साफ दिखने लगती हैं. यही वजह है कि वह पानी के अंदर डूबे लोगों को खोज कर निकाल लेते हैं. अब तक डूबे हुए 13 लोगों को खुद आंख से अंधे होते हुए भी बाहर निकाल चुके हैं और उनको जीवन की रोशनी दे चुके हैं. इसके साथ ही डूब चुके 14 लोगों की लाशें भी खोज कर बाहर निकाल चुके हैं.
हर जुबान पर अनोखी शक्ति की चर्चा
भूल्लू के इसी गुण या चमत्कारिक शक्ति के कारण आसपास के गांव के लोग भी हादसा होने की स्थिति में इन्हें बुलाकर ले जाते हैं. सूरदास भुल्लू सहनी अपने इस अनोखे कारनामों को लेकर क्षेत्र में चर्चित तो हैं ही, साथ ही वह जब हाथों में बांसुरी थमते हैं और वह बांसुरी जब उसके होठों को स्पर्श करता है तो उस मंत्रमुग्ध करने वाले धुन निकालते हैं जो मौजूद लोगों को झूमने पर मजबूर कर देता है. भूल्लू सहनी के इस गुण की चर्चा इलाके के हरेक लोगों की जुबान पर है.
सब करते चमत्कार को नमस्कार!
भूल्लू की पड़ोसी सुमित्रा देवी बताती हैं कि आज से करीब 15 साल पहले घर के पीछे से बहने वाली बाया नदी में उनका बेटा और बेटी दोनों डूब गए थे, इस दौरान हल्ला मचा तो भूल्लू नदी में कूद कर उनके पुत्र सकलदीप और पुत्री रूबी को बचाकर बाहर निकाला था. आज दोनों बाल बच्चेदार हो चुके हैं. गांव की ही लालमुनी देवी बताती हैं कि करीब 10 वर्ष पूर्व उनकी पुत्री भी नदी में डूब गई थी जिसे भूल्लू ने बचाया था. ग्रामीण सचिन्जय कुमार यादव बताते हैं कि भूल्लू के इसी गुण के कारण पटोरी के अलावा भी दूसरे क्षेत्र के लोग पानी के अंदर से गुम हो चुकी चीजों को खोजने के लिए इन्हें बुलाकर ले जाते हैं.
क्या कहते हैं नेत्र विशेषज्ञ?
जन्म से ही बिना आंखों की रोशनी के भुल्लू सहनी के इस अनोखे मामले पर नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अमलेंदु पांडेय ने कहा कि ऐसा संभव हो सकता है. रेटिना की क्या स्थिति है, रेटिना में कितनी रोशनी बची है, उसी से हम देख पाते हैं. रेटिना के आगे विट्रियस, लेंस और कॉर्निया है. इनके बीच में कोई बीमारी होती है तो देखने में दिक्कत होती है. पानी में जाते हैं तो नियम के अनुसार, कोई चीज ब्लर दिखनी चाहिए. कॉर्निया पानी के टच में होता है. इनके रेटिना में कुछ रोशनी बची है. हो सकता है कि सेंट्रल विजन न हो पेरिफेरल विजन हो. इसी के कारण वे देख पा रहे हों. बाकी विशेष उन्हें देखने के बाद भी कह सकते हैं. बहरहाल, भुल्लू सहनी की अनोखी शक्ति और सब को चौंका देने वाले कारनामों की चर्चा तो सर्वत्र हो ही रही है. लेकिन, उसकी आंख अपने आप में एक रिसर्च का विषय है.
Tags: Amazing facts, Bihar latest news, Samastipur newsFIRST PUBLISHED : January 7, 2025, 11:01 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed