बेशर्म बेरहमपुलिसवालों को जो कह लीजिये पर क्राइम करके भी छुट्टा घूम रहे
बेशर्म बेरहमपुलिसवालों को जो कह लीजिये पर क्राइम करके भी छुट्टा घूम रहे
Kaimur News: बिहार पुलिस का बेरहम और बेशर्म चेहरा सामने आया है. आरोप के अनुसार सांप काटे हुए एक नौजवान को पुलिस ने शराबी बताकर पकड़ लिया और घूस मांगने लगी. घूस की रकम देने में देरी होने की स्थिति में युवक के शरीर में जहर फैल गया जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई. खास बात यह है कि घटना के दो दिन हो गए हैं, लेकिन आरोपी पुलिसकर्मियों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
हाइलाइट्स कैमूर पुलिस का बेरहम और बेशर्म चेहरा आया सामने, रिश्वत के लिए नौजवान की हो गई मौत. सांप काटने से पीड़ित युवक गिड़गिड़ाता रहा मगर पुलिसवालों ने 2 घंटे तक पैसे के लिए रोका. पुलिस ने पैसे लेने के बाद युवक को छोड़ा तो उसके शरीर में फैल गया जहर, युवक की हुई मौत.
अभिनव कुमार सिंह/भभुआ. हमारे समाज की सुरक्षा की कसम खाने वाले पुलिसवाले कितने बेरहम और बेशर्म हो सकते हैं इसका जीता जागता उदाहरण कैमूर से तब सामने आया जब पुलिस की लालच की लत ने एक नौजवान की जान ले ली. आरोप के अनुसार, खेत में काम करने के दौरान युवक को सांप ने काटा तो वह भागता हुआ अपने घर जा रहा था, लेकिन बीच में ही पुलिसवाले ‘यमराज’ बनकर उसके सामने खड़े हो गए. पुलिसवालों ने उस युवक को रोक लिया और शराबी बताकर पैसे की मांग करने लगे. खेत से आ रहा युवक तत्काल पैसे नहीं दे पाया तो बेशर्म पुलिसवाले पैसे वसूलने के लिए उसके घर तक पहुंच गए. घर पर भी पैसे नहीं थे तो युवक ने भाई को बुला लिया और तब पुलिसवालों ने 700 रुपये लेकर ही पुलिसवालों ने उसे छोड़ा. लेकिन, जैसा कि पहले ही कहा कि पुलिसवाले युवक के लिए यमराज बनकर आए थे, तो इस दौरान उस नौजवान के शरीर में जहर फैल गया और उसकी मौत हो गई. हैरान करने वाली बात यह है कि इतना बड़ा गुनाह पुलिसवालों ने किया है कि पुलिसवालों की असंवेदनशीलता, लालचीपन, गरीब का शोषण करने और घूसखोरी की लत के कारण एक गरीब युवक की मौत हो गई पर आरोपी पुलिसकर्मियों पर अब तक कोई एक्शन नहीं हुआ है. वहीं, कमूर जिले के एसपी ललित मोहन शर्मा दावा कर रहे हैं कि जांच जारी है और जल्दी ही एक्शन लेंगे.
बता दें कि आरोपी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई को लेकर जब न्यूज 18 ने जानकारी मांगी तो कैमूर एसपी ललित मोहन शर्मा ने सिर्फ इतना भर कहा कि भभुआ एसडीपीओ शिव शंकर कुमार को जांच के आदेश दे दिए हैं और जल्दी ही जांच के रिपोर्ट आने पर कार्रवाई की जाएगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. लेकिन, हैरानी की बात तो यह है कि घटना के दो दिन हो गए हैं और पुलिस की जांच अभी भी जारी है. सूत्र तो यह भी बताते हैं कि कैमूर पुलिस ने आरोपी पुलिसकर्मियों की अब तक पहचान भी नहीं की है. हालांकि, हमें एसपी के दावों पर यकीन करना चाहिये, लेकिन ऐसे गंभीर मामले में भी अब तक पुलिस का एक्शन नहीं होना सवाल तो जरूर खड़ा करता है.
बता दें कि कैमूर पुलिस का बेरहम चेहरा तब सामने आया था जब पैसे की लालच में युवक जान चली गई. बताया जा रहा है कि युवक को गुरुवार की रात धान खेत की सिंचाई करने के दौरान सांप ने काट लिया था. इसके बाद युवक बेचैनी हालत में खेत से भागते हुए गांव जा रहा था, लेकिन इस बीच पेट्रोलिंग करने वाली पुलिस टीम ने युवक को बीच रास्ते में ही पकड़ लिया और उससे पूछताछ करने लगी. आरोप के अनुसार, युवक ने बताया कि सांप ने काट लिया है और मैं घर जा रहा हूं, लेकिन पुलिसवालों ने युवक को शराबी होने का शक जताते हुए 2000 रुपये की मांग कर दी और कहा कि पैसे दो तब जाने देंगे.
पुलिसकर्मियों की बेशर्मी देखिये युवक के साथ पुलिस उसके घर तक पहुं गई. बताया जा रहा है कि घर में भी पैसा नहीं था तो इसके बाद युवक ने अपने बड़े भाई को फोन करके पैसे मांगे. युवक का बड़ा भाई जंगल के खेत में पटवन कर रहा था जहां से वह दौड़ता हुआ आया. उनके पास भी पैसे नहीं होने से पुलिस ने काफी डांट फटकार लगाई तो उसने किसी तरह 700 रुपये पुलिस को दे दिये. इसके बाद ही युवक को पुलिस ने छोड़ा उसके बाद परिजन झाड़ फूंक करवाने चले गए जिसमें काफी देर हो गई और युवक की मौत हो गई. मामला चैनपुर थाना क्षेत्र के निविया ताड़ गांव का बताया जाता है. मृतक लखन प्रसाद एक किसान था.
मृतक युवक के बड़े भाई जोगिंदर बिंद ने बताया कि कि मेरे भाई लखन धान के पटवन रात को कर रहा था, इसी बीच तालाब के मेड़ पर सोने के दौरान सर्प दंश का शिकार हो गया. इसके बाद मेरा भाई गांव आ रहा था, उसके कान से खून गिर रहा था, इसके बाद भी पुलिस ने उसे पकड़ लिया और 2000 की डिमांड की. पुलिस ने कहा कि पैसे दो उसके बाद हम जाने देंगे. पुलिस पैसे लेने के लिए मेरे घर आई और जब भाई के पास पैसे नहीं थे तो मुझे फोन किया गया कि भैया पैसा लेकर आइए नहीं तो पुलिस नहीं छोड़ेगी, हमको सांप ने काट लिया है.
जोगिंदर बिंद ने बताया कि उस वक्त हम जंगल के खेत में पटवन कर रहे थे, लेकिन इतना सुनते ही दौड़ते हुए घर पहुंचे, लेकिन मेरे पास भी पैसे नहीं थे. किसी तरह व्यवस्था करके 700 रुपये पुलिस को दिया गया. उसके बाद मेरे भाई को पुलिस छोड़ा तब हम अपने भाई को लेकर झाड़-फूंक करवाने के लिए गए, जिसमें काफी देर हो गई और इससे उसकी मौत हो गई. इसके बाद हमलोग अस्पताल पहुंचे थे. पुलिस अगर 2 घंटे देरी नहीं करती तो आज मेरा भाई जिंदा रहता. पुलिस के कारण आज मेरे भाई की मौत हो गयी. अब उसके छोटे-छोटे बच्चे और परिवार के लिए कौन सहारा होगा. हम कार्रवाई की मांग करते हैं कि ऐसे पुलिसकर्मियों पर उचित कार्रवाई की जाए.
वहीं, भभुआ डीएसपी शिव शंकर कुमार ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है. मृतक के परिजनों ने भगवानपुर पुलिस पदाधिकारी पर पैसे लेने का आरोप लगाया है. जांच जारी है जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी. लेकिन, यहां यह भी बता दें कि पुलिसवाले तो सभी मामलों में यही रटा रटाया जवाब देते हैं कि जांच जारी है और कार्रवाई की जाएगी. लेकिन, यह इतना बड़ा मामला है कि कुछ पुलिसवाले इतने असंवेदनशील, बेरहम, बेशर्म और बेगैरत हो चुके हैं कि किसी की मौत भी हो जाए तो उसे फर्क नहीं पड़ता क्योंकि उसे सिर्फ पैसों से मतलब है. बहरहाल, कैमूर एसपी पर इस मामले में भरोसा किया जाना चाहिये कि वह कार्रवाई जरूर करेंगे.
Tags: Bihar News, Bihar policeFIRST PUBLISHED : September 28, 2024, 14:22 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed