IC 814 के अपहरण और चर्चित तांत्रिक चंद्रा स्वामी का क्या है कनेक्शन

आईसी 814 वेब सीरीज के बाद एक बार फिर कांधार हाईजैक की यादें ताजा हो गई हैं. अपने साथियों की रिहाई के लिए किए गए इस अपहरण कांड में दुबई से विमान में मारे गए लोगों को लाने में चंद्रास्वामी की मदद की ली गई थी, जानिए कैसे.

IC 814 के अपहरण और चर्चित तांत्रिक चंद्रा स्वामी का क्या है कनेक्शन
वेब सीरीज आईसी 814 इन दिनों फिर से चर्चा में है. आतंकवादियों ने इस विमान का अपहरण कर लिया था. अपहरण करके कांधार ले गए थे. बदले में उन्हें अपने 36 साथियों को भारतीय जेलों से रिहा कराना था. उनकी साजिश भारत सरकार से मोटी रकम भी अमेरिकन डॉलर के तौर पर वसूलने की थी. वेब सीरीजमें आतंकियों के नाम पर विवाद हो गया. इसे लेकर केंद्र सरकार ने नेटफ्लिक्स को फटकार भी लगाई. ये तो हो गई फिल्म की बात लेकिन इस अपहरण के बाद की घटनाओं का कनेक्शन चर्चित तांत्रिक चंद्रास्वामी से है. आतंकवादियों ने अपहरण होने के बाद नेपाल से लौट रहे रुपन कात्याल नाम के एक यात्री की चाकू गोद कर हत्या कर दी थी. ईंधन लेने के लिए आईसी 814 को दुबई हवाई अड्डे पर उतरना पड़ा था. वहां ईंधन भरवने के लिए अगवा करने वालों को 27 यात्रियों को उतारना पड़ा. साथ में आतंकवादियों ने रुपन की लाश को दुबई के अधिकारियों को सौंप दिया था. हत्या की खबर के बाद से लोगों में गुस्सा और दुख की लहर फैल गई थी. सरकार ने इसे देखते हुए तब के नागरिक उड्यन मंत्री शरद यादव को अधिकारियों के साथ दुबई भेजा. शरद यादव का मुख्य काम वहां से विमान से छोड़े गए यात्रियों और रुपन कात्याल का शव भारत लाना था. वहां पहुंच कर वे परेशान हो गए. दुबई के कानून अलग तरह के हैं. वहां की सल्तनत के अफसर लोकतांत्रिक देशों के मंत्रियों को उस तरह की अहमियत नहीं देते, जैसा दूसरे देशों में होता है. प्रक्रिया में उलझ कर शरद यादव बहुत परेशान हो गए. किसी ने उन्हें सलाह दी कि वे अपनी परेशानी से निकलने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर को फोन करें. उस वक्त की अटल बिहारी सरकार के बहुत सारे मंत्रियों की यूएई जैसे मुल्कों में कई खास पकड़ नहीं थी. ये भी पढ़ें : Bahraich Bhediya Attack: क्‍यों भेड‍़िए का श‍िकार बन रहे बहराइच के लोग? बर‍िश न होना और उमस वाली गर्मी तो वजह नहीं लाल कृष्ण आडवाणी और जसवंत सिंह जैसे दूसरे प्रभावशाली मंत्री अपहरण करने वालों से निपटने में लगे थे. आतंकवादी 36 आतंकवादियों की रिहाई और बहुत सारा अमेरिकी डॉलर मांग रहे थे. इसे किसी तरह से सरकार कम कराने में जुटी हुई थी. आखिरकार दुबई से शरद यादव ने चंद्रशेखर को फोन किया. चंद्रशेखर के चंद्रास्वामी से अच्छे संबंध थे. उनके कहने पर चंद्रास्वामी ने दुबई में अपने उच्चस्तरीय संपर्कों से बात कर रुपन का शव भारत लाने के लिए जरूरी प्रक्रिया को तेजी से खत्म कराया. वहां परेशान होने की कहानी शरद यादव ने खुद बताई थी. Tags: Dubai, Web SeriesFIRST PUBLISHED : September 3, 2024, 16:07 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed