इस यूनिवर्सिटी में बनेगी आर्टिफिशियल स्किन आग से जले मरीजों को मिलेगी सौगात

डॉ. विजय कुमार ने बताया कि आर्टिफिशियल स्किन मरीजों के गंभीर से गंभीर घाव को भी आसानी से भर देती है . जिसे कुछ वक्त बाद जब हटाते हैं तो त्वचा एकदम नई जैसी लगती है. कोई निशान नहीं होता है. कम समय में सटीक इलाज आर्टिफिशियल स्किन के जरिए मरीजों का किया जा सकता है.

इस यूनिवर्सिटी में बनेगी आर्टिफिशियल स्किन आग से जले मरीजों को मिलेगी सौगात
अंजलि सिंह राजपूत/लखनऊ: किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी अब आपके लिए अपनी ही लैब में आर्टिफिशियल स्किन बनाएगा. जिससे आग में झुलसे हुए मरीजों को बड़ी सौगात मिलेगी और उनकी त्वचा बिल्कुल नई जैसी लगेगी. यह संभव होगा किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के प्लास्टिक सर्जरी विभाग के जरिए. विभाग के एचओडी डॉ. विजय कुमार ने बताया कि आर्टिफिशियल त्वचा दो तरह की होती हैं. पहली जिसमें मरीज के शरीर से ही त्वचा लेकर उसे लैब में विकसित करते हैं. फिर मरीज के घाव पर लगाते हैं, जिससे मरीज का घाव उस स्किन के जरिए छुप जाता है. दूसरा आजकल बड़ी-बड़ी कंपनियां भी अपने यहां डर्मिस सब्सीट्यूट बना रही हैं, जिसका इस्तेमाल किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि आर्टिफिशियल त्वचा सिंथेटिक से भी तैयार हो रही है. इनका इस्तेमाल भी लगातार किया जा रहा है. दस से 15 दिनों तक मरीज की त्वचा पर इसे लगे रहने देते हैं, फिर हटा देते हैं तो मरीज की स्किन एक दम नई जैसी लगती है, उस पर कोई निशान नहीं होते हैं. कितना लगेगा आर्टिफिशियल स्किन लगवाने का खर्चा? डॉ. विजय कुमार ने बताया कि आर्टिफिशियल स्किन लगवाना थोड़ा महंगा है. एक हाथ के छोटे से घाव को भरने के लिए ही कम से कम 15000 का खर्चा आता है. हालांकि जो मरीज इसे लगवाना चाहते हैं वो लगवा रहे हैं. धीरे-धीरे मरीजों की संख्या आर्टिफिशियल स्किन की ओर बढ़ेगी . यह आग में बुरी तरह से झुलसे से मरीजों की जान बचाने के साथ ही उनकी खराब हो चुकी त्वचा को नया रूप देने में महत्वपूर्ण स्थान निभा रही है. इसकी शुरुआत प्लास्टिक सर्जरी विभाग में कर दी गई है. दोनों ही तरह से आर्टिफिशियल स्किन मरीजों को लगाई जा रही है. क्यों खास है आर्टिफिशियल स्किन? डॉ. विजय कुमार ने बताया कि आर्टिफिशियल स्किन मरीजों के गंभीर से गंभीर घाव को भी आसानी से भर देती है . जिसे कुछ वक्त बाद जब हटाते हैं तो त्वचा एकदम नई जैसी लगती है. कोई निशान नहीं होता है. कम समय में सटीक इलाज आर्टिफिशियल स्किन के जरिए मरीजों का किया जा सकता है. अभी तक किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में आग में झुलसे मरीजों की स्किन का पुराने तरीके से इलाज होता था. . Tags: Local18, Lucknow news, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : April 30, 2024, 13:54 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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