बालू में मिलाकर करें इस दवा का छिड़काव धान से गायब जाएंगी सुंडी की 2 पीढ़ियां
बालू में मिलाकर करें इस दवा का छिड़काव धान से गायब जाएंगी सुंडी की 2 पीढ़ियां
कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर के कृषि एक्सपर्ट डॉ. एनपी गुप्ता ने बताया कि पत्ता लपेट की वजह से धान की फसल को भारी नुकसान हो सकता है. यह बीमारी एक सुंडी की वजह से फैलती है जो पत्ते का हरा भाग खा लेती है. पत्ता जालीनुमा दिखने लगता है.
शाहजहांपुर: धान में पत्ता लपेट बीमारी एक आम समस्या है जो धान की फसल को काफी नुकसान पहुंचा सकती है. इस कीट के लार्वा पत्तियों को लपेटकर अंदर से खा जाते हैं, जिससे पौधे का विकास रुक जाता है और फसल का उत्पादन कम हो जाता है. पत्ता लपेट कीट का समय पर नियंत्रण न किया जाए तो फसल के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है.
कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर के कृषि एक्सपर्ट डॉ. एनपी गुप्ता ने बताया कि पत्ता लपेट की वजह से धान की फसल को भारी नुकसान हो सकता है. यह बीमारी एक सुंडी की वजह से फैलती है जो पत्ते का हरा भाग खा लेती है. पत्ता जालीनुमा दिखने लगता है. जिसकी वजह से प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया प्रभावित हो जाती है. पत्तियां भोजन बनाना बंद कर देती हैं और पौधे की बढ़वार रूक हो जाती है. पत्ता लपेट सूंडी जब हरा भाग खाकर मल निकालती है तो मल चिपचिपा होने की वजह से और कीड़े भी आकर्षित होते हैं. इसकी वजह से पौधे को और रोग भी चपेट में ले लेते हैं.
पत्ता लपेट का कैसे करें नियंत्रण?
डॉ. एनपी गुप्ता ने बताया कि पत्ता लपेट की रोकथाम के लिए किसान कारटॉप हाइड्रोक्लोराइड 4 जी नाम के कीटनाशक का इस्तेमाल कर सकते हैं. एक एकड़ के लिए 8 किलो कारटॉप हाइड्रोक्लोराइड 4 जी को बालू में मिलाकर खेत में बिखेर दें. किसान ध्यान रखें कि इस दवा का इस्तेमाल रोपाई के 30 दिनों तक जरूर करें. ऐसा करने से पत्ता लपेट कीट की पहली और दूसरी पीढ़ी पर नियंत्रण किया जा सकता है. इसके अलावा किसान क्लोरोपायरीफॉस का इस्तेमाल भी कर सकते हैं. यह दवा गैस छोड़ती है, जिसकी वजह से पत्तों के नीचे छिपे हुए कीट भी मर जाते हैं.
दूसरी बार करें ये उपाय
डॉ. एनपी गुप्ता ने बताया कि अगर फिर भी पत्ता लपेट की समस्या आ जाए तो कारटॉप हाइड्रोक्लोराइड 50 एसपी नाम की दवा का छिड़काव कर सकते हैं. किसान 500 ml दवा 400 लीटर पानी में घोल बनाकर एक हेक्टेयर फसल में छिड़काव कर दें. जिससे पत्ता लपेट और तना छेदक कीट नष्ट हो जाएंगे.
Tags: Agriculture, Local18, Shahjahanpur News, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : September 3, 2024, 15:58 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed