यूपी के लाल को IMA की पासिंग आउट परेड में दो अवार्ड इंडियन आर्मी में बने अफसर

Success Story : भारतीय सैन्य अकादमी (IMA) की पासिंग आउट परेड में बेस्ट कैडेट का अवार्ड हासिल करके लेफ्टिनेंट प्रवीण सिंह ने नाम रोशन किया है. वह आगरा के रहने वाले हैं. सेना में लेफ्टिनेंट बनने वाले प्रवीण सिंह के पिता एक बिजनेसमैन हैं.

यूपी के लाल को IMA की पासिंग आउट परेड में दो अवार्ड इंडियन आर्मी में बने अफसर
Success Story : भारतीय सैन्य अकादमी (IMA) देहरादून में आठ जून को पासिंग आउट परेड का आयोजन किया गया. सैन्य प्रशिक्षण हासिल करके आर्मी अफसर बनने वाले जेंटलमैन कैडेट में अलग ही उत्साह और जोश देखने को मिलता है. लेकिन इस परेड में अवार्ड पाने वाले कुछ खास होते हैं. जेंटलमैन कैडेट्स के परिजनों सहित हजारों लोगों के सामने सर्वश्रेष्ठ कैडेट के नाम की घोषणा की जाती है. यूपी के लाल ने भी आईएमए में सर्वश्रेष्ठ कैडेट का खिताब हासिल किया है. आईएमए की पासिंग आउट परेड में अंतिम पग पार करके आर्मी अफसर बनने वालों में आगरा के प्रवीण सिंह भी शामिल थे. उन्होंने अपनी मेहनत और और लगन से बैच के सर्वश्रेष्ठ कैडेट का खिताब अपने नाम किया. इसके लिए उन्हें स्वॉर्ड ऑफ ऑनर के साथ गोल्ड मेडल भी प्रदान किया गया. IMA के दो खिताब पाने वाले प्रवीण सिंह के चेहरे पर अलग ही खुशी नजर आई. राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल से की है पढ़ाई लेफ्टिनेंट प्रवीण सिंह के पिता कारोबारी और मां हाउसवाइफ हैं. प्रवीण बचपन से ही सेना में जाना चाहते थे. इसमें उनके परिवार ने भी भरपूर साथ दिया. प्रवीण ने कक्षा 6 से 12वीं तक की पढ़ाई राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल धौलपुर से की. यहां से पासआउट होने के तुरंत बाद ही उनका चयन एनडीए में हो गया. एनडीए में तीन साल के प्रशिक्षण के बाद एक साल पहले वह IMA पहुंचे. लेफ्टिनेंट प्रवीण सिंह तीसरी सिख लाइट इन्फेंट्री बटालियन में कमीशन हुए हैं. लेफ्टिनेंट प्रवीण ने कहा कि मैनें आज अपने माता-पिता को गौरवान्वित किया है. यह बचपन से ही उनकी कड़ी मेहनत का नतीजा है. मैं 11 साल की उम्र से उनसे दूर रह रहा हूं. उन्होंने माता-पिता के साथ अपने शिक्षकों और प्रशिक्षकों का भी आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि आज मैं जहां हूं, वहां तक पहुंचने में सबका योगदान है. कंधों पर सितारे पहनने से बड़ा कुछ नहीं… पासिंग आउट परेड के बाद लेफ्टिनेंट प्रवीण सिंह से पूछा गया कि वह डिफेंस एस्पिरेंट्स को क्या संदेश देना चाहेंगे. इस पर उन्होंने कहा कि अपने कंधों पर सितारे पहनने से बड़ा कुछ नहीं है. इसे हासिल करना है तो कड़ी मेहनतम करनी होगी. ये भी पढ़ें  कैंसर को हराकर बने NEET UG टॉपर, 23 कीमोथैरेपी, 31 रेडिएशन के बीच हॉस्पिटल में की पढ़ाई  ये तो कमाल हो गया…. एक ही परिवार के 3 भाई-बहनों को NEET में मिली कामयाबी, बनी डॉक्टरों वाली फैमिली Tags: Indian Army latest news, Job and career, Success Story, UP newsFIRST PUBLISHED : June 9, 2024, 17:54 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed