1 करोड़ सैलरी वाली आइडिया ने बदली 9th क्लास के स्टूडेंट्स की किस्मत
1 करोड़ सैलरी वाली आइडिया ने बदली 9th क्लास के स्टूडेंट्स की किस्मत
IIM Admission: इंसान के दिलों दिमाग कोई बात ऐसे छा जाती है कि उसे पूरा किए बिना रूकता नहीं है. आज हम आपको एक ऐसे ही कहानी के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसने 1 करोड़ रुपये सैलरी वाली आइडिया ने एक लड़के की किस्मत बदल दी है.
IIM Admission: कहते हैं न कि कोई बात इंसान के दिलों दिमाग पर ऐसे छा जाती है कि उसे पूरा किए बगैर इंसान रूकता नहीं है. ऐसे ही कहानी एक शख्स की है, जिनकी नजर अखबार में छपे एक लेख पर पड़ी, जिसने उनकी जिंदगी बदल दी. उस लेख में बताया गया था कि कैसे आईआईएम अहमदाबाद के एक छात्र ने 1 करोड़ रुपये का टॉप सैलरी पैकेज हासिल किया था. इसके बाद से उस शख्स के दिमाग में ये बातें चलने लगी की कैसे उसने इतने हाई पैकेज सैलरी पाई, कौन सी पढ़ाई की? उनकी यह जिज्ञासा जल्द ही भारत के टॉप बिजनेस स्कूलों में से एक में दाखिला लेने की महत्वाकांक्षा में बदल गई. हम जिस शख्स की बात कर रहे हैं, उनका नाम प्रणय वाघेला (Pranay Vaghela) है, उनकी दिलों में दिमाग में ये बातें तब आई जब वह 9वीं कक्षा में थे. आइए इनके बारे में विस्तार से जानते हैं.
कैट में हासिल की 98.8 प्रतिशत अंक
प्रणय वाघेला (Pranay Vaghela) गुजरात के आणंद के गामड़ी गांव से ताल्लुक रखते हैं. उन्होंने कड़ी मेहनत से पढ़ाई करने, अपने परिवार को छोड़कर हायर स्टडीज के लिए अहमदाबाद आ गए और अपनी पढ़ाई के खर्च के लिए रात में काम करते थे. उनकी सारी मेहनत तब सफल हुई जब वाघेला ने कॉमन एडमिशन टेस्ट (CAT) में 98.8 प्रतिशत अंक हासिल किए और उन्हें आईआईएम अहमदाबाद को छोड़कर सभी टॉप आईआईएम कॉलेजों से कॉल आए. हालांकि उनका लक्ष्य फाइनेंस में करियर बनाना है, इसलिए उन्होंने आईआईएम-कलकत्ता को चुना. मुझे यकीन नहीं हो रहा है कि मेरा बचपन का यह सपना सच हो गया है.
गरीबी से बचने के लिए जरूरी है पढ़ना
वाघेला निम्न-मध्यम वर्गीय परिवार से आते हैं. वह चार भाई-बहन हैं. उन्हें कई तरह के चुनौतियों का सामना करना पड़ा. उनके पिता ने बार-बार नौकरियां बदलीं और उनकी माँ घर पर डेयरी दिग्गज कंपनी अमूल के लिए काम करती थीं और आनंद में एक निजी स्कूल में किंडरगार्टन शिक्षक के रूप में काम किया. वाघेला बताते हैं कि हमारा परिवार एक निम्न-मध्यम वर्गीय परिवार था, लेकिन मेरी मां ने हमें शुरू से ही शिक्षा के महत्व के बारे में बताया. मैं जानता था कि अगर मुझे गरीबी से बचना है, तो मुझे कड़ी मेहनत से पढ़ाई करनी होगी.
BPO में काम करने के साथ कैट की तैयारी में लगे रहे
इसके बाद उन्होंने तय कर लिया कि उनका मिशन भारत के टॉप बिजनेस स्कूलों में से किसी एक में दाखिला लेना है, तो वाघेला एक प्रतिष्ठित कॉमर्स कॉलेज एचएलसीसी में कॉमर्स में ग्रेजुएट की डिग्री हासिल की और बाद में अहमदाबाद चले गए. कॉलेज की फीस केवल 1,500 रुपये थी, जिसे मेरा परिवार संभाल सकता था. लेकिन ग्रेजुएशन के बाद मैंने सात महीने तक एक बीपीओ में काम किया और कैट की तैयारी शुरू की. उनके प्रयासों के बावजूद, वाघेला के अंक टॉप आईआईएम में एडमिशन पाने के लिए काफी नहीं थे. निडर होकर उन्होंने कड़ी मेहनत करना जारी रखा और अहमदाबाद में एक माइक्रो-वेंचर कैपिटल फर्म में बिजनेस एनालिस्ट की नौकरी कर ली. इसके बाद उनकी मेहनत रंग लाई और कैट में उन्होंने 98.8 प्रतिशत अंक हासिल की और उनका एडमिशन IIM कलकत्ता में हो गया.
Tags: IIM AhmedabadFIRST PUBLISHED : May 25, 2024, 12:07 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed