मसाला नहींइस चीज का करें इस्तेमाल खाने के स्वाद में लगा देता है चारचांद
मसाला नहींइस चीज का करें इस्तेमाल खाने के स्वाद में लगा देता है चारचांद
उत्तर प्रदेश के कन्नौज में हजारों सालों से इत्र व्यापारी यहां पर इत्र बना रहे हैं. ऐसे में यह भी कहा जाता हैं कि इत्र की शुरुआत मुगल काल से ही हुई थी, तो वहीं मुगलों के कुछ पसंदीदा खाने में एक ऐसे इत्र का प्रयोग होता था, जो उनके खाने को सुगंधित व स्वादिष्ट दोनों ही बना देता था. ऐसा एक खास इत्र है, जिसका शमामा नाम है. घरेलू मसाले से बनने वाला यह शमामा का इत्र सेहतमंद स्वादिष्ट और अत्यंत सुगंधित होता है. जिसे मुगल अपनी मुगलई प्रमुख डिश बिरयानी के स्वाद को और बढ़ाने के लिए डालते थे.