महिलाओं के लिए: आपका पैसा कोई पराया न ले जाए इसलिए यह कानूनी कदम उठाना जरूरी

Legal will in india and points to adhere: आपके हक का पैसा, आपके नाम की संपत्ति को कोई ऐसा व्यक्ति ले जाएगा जिसे आप यह हक न देती हों, तो आपको कैसा लगेगा. निश्चित तौर पर आप यह नहीं चाहेंगी. घर की महिला को भी लीगल वसीयत बनानी चाहिए. इस गंभीर मसले पर हमने कानूनी मामलों के जानकारों से चर्चा कीं और रिसर्च के बाद यह पाया कि...

महिलाओं के लिए: आपका पैसा कोई पराया न ले जाए इसलिए यह कानूनी कदम उठाना जरूरी
Why women must make a valid will and what she should not miss: भारत में जब बात उत्तराधिकारों की आती है तो आंखों के सामने दादा या पिता द्वारा वसीयत लिखने की तस्वीर उभर आती है, कम ही मौकों पर हम किसी महिला द्वारा वसीयत लिखे जाने की बात को घटित होते हुए देखते या सुनते हैं. पारंपरिक रूप से भी महिलाएं वसीयत करती हुईं, आमतौर पर, नहीं देखी जाती हैं. अधिकांश महिलाएं उत्तराधिकार यानी वसीयत को लेकर न तो कोई प्लानिंग करती हैं और न ही कोई जरूरत महसूस करती हैं. बहुत कम महिलाओं को यह ‘अपने एंड पर काम की चीज़’ लगती है. हालांकि इसकी वजह काफी गंभीर है. दरअसल महिलाओं में उत्तराधिकार से जुड़े कदमों यानी वसीयत को लेकर जागरूकता की कमी है. आमतौर पर अपनी संपत्ति और रुपये पैसे से जुड़े मसलों के लिए वे पति, बेटे या परिवार के अन्य सदस्यों पर निर्भर होती हैं. आज जब महिलाएं खुद बिजनेस कर रही हैं, पिता के कारोबार को चला रही हैं या हिस्सेदार हैं, व्यवसाय चला रही हैं या फिर नौकरी कर बड़े पदों पर हैं, तब उन्हें इस बाबत जानकारी होनी चाहिए. यह जानकारी सही और पूरी होनी चाहिए. वसीयतनामे से जुड़ी 6 बातें जानें: 1- जान लें, वसीयत कागज पर लिखकर घर के गद्दे के नीचे रख देना नहीं है. आपको समझना होगा कि केवल रजिस्टर्ड वसीयत ही सही और वैद्य वसीयत है. सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिसरत वकील और महिला मसलों पर सक्रिय चारूवलखन्ना के मुताबिक, कानूनी रूप से रजिस्टर्ड वसीयत ही पक्की वसीयत है जो लीगलरूप से विवादास्पद नहीं होती है. महिलाओं और पर्सनल फाइनेंस से जुड़ी ऐसी ही अधिक जानकारी के लिए आप यहां क्लिक कर सकती हैं. 2- मिंट में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, हिंदू महिलाओं के मामले में वसीयत उत्तराधिकार के नियमों (Hindu Succession Act, 1956) में पति के उत्तराधिकारियों को उसके खुद के माता-पिता और परिवार के अन्य सदस्यों पर प्राथमिकता दी जाती है. ऐसे में यदि आप चाहती हैं कि ऐसा पचड़ा न हो, और आपकी संपत्ति, शेयर्स, पैसा आदि उन हाथों में जाए जिन्हें आप चाहती हैं, तो आपकी वसीयत करनी ही होगी. (अपनी वसीयत लिखने जा रही हैं तो कर लें ये तैयारी: 6 पॉइंट्स, छठा सबसे जरूरी न करें अनदेखी) 3- परिवार में सपंत्ति आदि को लेकर कोई झंझट न हो, सुचारू रूप से हस्तांतरण हो, इसलिए वसीयत लिखना बेहद जरूरी है. यदि आप मानसिक रूप से स्वस्थ्य हैं और 18 साल की आयु पार कर चुकी हैं तो आप अपनी वसीयत बना सकती हैं. 4- वकील वलीखन्ना के मुताबिक, किसी भी वित्तीय प्रॉडक्ट या प्रॉपर्टी पर व्यक्ति का मालिकाना हक तभी हो सकता है जब वसीयत में नाम हो. इसलिए यदि आप वसीयत कर रही हैं तो यह सब स्पष्ट रूप से लिखना बेहतर है. यह न समझें कि सेविंग अकाउंट या फिक्स्ड डिपॉजिट में नॉमिनी भर होने से काम चल जाएगा. हालांकि आप यह लिख सकती हैं कि आपके वित्तीय एसेट में जो जहां नॉमिनी है, उसे लीगल रूर से उस ऐसेट विशेष का उत्ताराधिकारी भी माना जाए. Know Your Rights: पति के धन पर पत्नी का कितना हक? कानूनी एंगल से आपको जाननी चाहिए यह जरूरी बात 4- प्लानमाईएस्टेट अडवायजर एलएलपी शैलेंद्र दुबे के मुताबिक, जब भी आप वसीयत लिखें, उसके बाद साल में कम से कम एक बार वसीयत में डीटेल अपडेट करवा लें, यदि कुछ बदलाव हुए हों. 5- फिजिकल रूप से यदि शेयर, बॉन्ड या अन्य सिक्यॉरिटीज आपने ली हुई हैं तो वसीयत में अलग से इनके बारे में बताना सभी जरूरी सूचनाओ, व नंबर आदि के साथ बढ़िया रहता है. किसी भी तरह की कोई कंफ्यूजन नहीं होती है और मृत्युपरांत हस्तांतरण स्मूद रहता है. 6- ध्यान रखें कि आपकी वसीयत में वसीयतकर्ता यानी आपके व्यक्तिगत और उन लोगों के ताजातरीन औऱ सही विवरण शामिल होने चाहिए जिनके नाम आप इसमें शामिल कर रही हैं. जैसे कि पता और यूनीक आइडेंटिफिकेशन नंबर. यदि किसी संस्था को आप वसीयत के तहत हिस्सा दे रही हैं तो संस्था का विवरण देना होगा. Tags: Marriage Law, Property dispute, Successful businesswoman, Trending news, Women's FinanceFIRST PUBLISHED : May 23, 2024, 12:29 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed