महिलाएं एफडी के बढ़े रेट्स के बाद हड़बड़ी न दिखाएं अपने लिए चुनें सही विकल्प

Fixed depositoptions in india: पैसे रखने के लिए बचत खाते के बाद फिक्स्ड डिपॉजिट पारंपरिक रूप से आम मिडिल क्लास परिवार की पहली पसंद रहा है. साविधि जमा के कई लाभ हैं तो कई नुकसान भी हैं. बावजूद इसके लोगों का मोह इससे पूरी तरह से खत्म नहीं होता. खासतौर से महिलाओं का मोह... आप भी एफडी करवाना चाहती हैं तो जानें कुछ जरूरी बातें...

महिलाएं एफडी के बढ़े रेट्स के बाद हड़बड़ी न दिखाएं अपने लिए चुनें सही विकल्प
Investment tips for women: शेयर बाजार में पैसा लगाकर करोड़पति बनने की बातें आपने खूब सुनी होंगी. यह बात आकर्षित भी करती रही होगी लेकिन फिर भी जब अपना गाढ़ा पैसा निवेश करने की बात आती है तो महिलाएं पुरुषों के मुकाबले अधिक सोच विचार करती हैं. पिछले कुछ समय से साविधि जमा यानी फिक्स्ड डिपॉजिट पर मिलने वाले ब्याज की दरें भी पहले के कुछ सालों के मुकाबले अधिक हो गई हैं. एफडी के कई लाभ हैं तो कुछ नुकसान भी हैं जैसे कि इसमें इक्विटीज के मुकाबले रिटर्न हाई नहीं होता लेकिन यह कम जोखिमकारक है यानी इसका रिटर्न गांरटीड है. इसी कारण यह लोगों की खास पसंद बना रहने वाला ऑप्शन है. यदि आप एफडी करवा चुकी हैं या फिर निकट भविष्य में पैसा जमा करने की सोच रही हैं तो इस बार कुछ खास बिन्दुओं पर गौर करें ताकि आप जिस भी बैंक की एफडी चुनें, जिस भी मियाद का चुनाव करें, आप नफे में रहें-  कौन सा बैंक दे रहा हाई रिटर्न- विभिन्न बैंकों द्वारा दी जाने वाली ब्याज दरों की तुलना करें. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, निजी बैंक और छोटे वित्त बैंक अलग-अलग दरों की पेशकश करते पाए जाते हैं. ऐसे में आप यदि उच्च ब्याज दर को टारगेट कर रही हैं तो पहले इन्हें कंपेयर करें. एसबीआई, एक्सिस, बैंक ऑफ बड़ौदा से लेकर अन्य कई बैंकों ने अधिक ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए बेहतर रिटर्न की पेशकश करते हुए अपनी एफडी दरों में इजाफा किया है. छोटे वित्त बैंक या अन्य वित्तीय संस्थान हो सकता है, बेहतर ब्याज दर दे रहे हों लेकिन रेप्युटेड बैंक चुनना बेहतर होगा. वर्किंग वीमन स्पेशल: मां बनने की प्लानिंग कर रही हैं? 6 काम जो करने जरूरी एफडी लैडरिंग- सीढ़ियों की तरह एफडी चुनने का ऑप्शन भी है आपके पास. नहीं समझीं? दरअसल एफडी लैडरिंग में अलग-अलग टाइम पीरियड में मच्योर होने वाली कई एफडी आप ले सकती हैं. जितने पैसे को जमा करना चाहती हैं, उसे चार-पांच भागों में बांट लें और निवेश करें. अलग टाइम पीरियड के लिए अलग-अलग अमाउंट जमा करती हैं तो इससे ये लाभ होगा कि एफडी की सीढ़ी जैसी बन जाएगी, जब जरूरत होगी एक या दो को ही तोड़ेंगी बाकी को निवेश किया हुआ रहने देंगी- यह विकल्प आपके पास हो सकता है. पेनल्टी लगेगी अगर- जी हां, यदि आप तयशुदा समय से पहले एफडी तुड़वाती हैं तो आपको एक निश्चित फीसद पेनल्टी देनी होगी. समय से पहले निकासी की शर्तों को जांच लें. वहीं अगर आप एक साथ कई एफडी करवाती है एफडी लैडरिंग के तहत, तब आप केवल जरूरतानुसार एफडी तुड़वाकर बाकी रकम को निवेशित रहने दे सकती हैं और ऐसे में अपेक्षाकृत कम रकम पर पेनल्टी लगेगी. घर में रहने वाली महिलाएं ऐसे कमाना शुरू करें, कम लागत के 10 काम एफडी पर मिलते हैं लाभ कई- जी हां, एफडी केवस पैसा रखकर भूल जाना नहीं है. कुछ बैंक स्वीप-इन सुविधा देते हैं जबकि कुछ बैंक एफडी पर लोन भी देते हैं जो कि वक्त जरूरत पर आपके लिए बेहद काम का हो सकता है. जब भी एफडी के लिए समय और बैंक चुनें, इस प्रकार के मसलों पर बात करके ही फिक्स करें. कॉरपोरेट एफडी के बारे में सुना है- हो सकता है आपने सुना हो. ये गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) होते हैं जो आपके पैसे को सावधि जमा करवाते हैं और बैंकों की तुलना में अच्छी ब्याज दर देते हैं. लेकिन इनमें जोखिम होता है ये याद रखें. जिस भी कंपनी में आप निवेश करने जा रही हैं, उनके बारे अच्छी तरह से जांच पड़ताल कर लें. बता दें कि कंपनी एफडी में जमा रकम इंश्योर्ड नहीं होती है. Tags: Bank FD, Business news, Fixed deposits, Investment tips, Women's FinanceFIRST PUBLISHED : May 29, 2024, 15:04 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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