जब सुअर बनता है गाय का शिकारी पूजा नहीं ये परंपरा है जानिए गाय पहुर की कहानी

यादव समुदाय काली पूजा के अगले दिन गाय पहुर और सूअर वध का आयोजन करते हैं. इस पारंपरिक खेल में सभी लोग शामिल होते हैं, जिससे पुरानी परंपराएँ जीवित रहती हैं और सभी आनंद लेते हैं.

जब सुअर बनता है गाय का शिकारी पूजा नहीं ये परंपरा है जानिए गाय पहुर की कहानी
नॉर्थ बंगाल: काली पूजा के अगले दिन इसी तरह से गाय पहुर कार्यक्रम का आयोजन यादव समुदाय के लोग करते आ रहे हैं. इस दिन यादव समुदाय के लोग गाय की पूजा करते हैं. इसके बाद वे इस पारंपरिक खेल में भाग लेते हैं. साथ ही इस दिन लाठी खेल में भी यादव समुदाय के बच्चे से लेकर वयस्क सभी शामिल होते हैं. पूर्वजों की परंपरा के अनुसार, काली पूजा के अगले दिन शाम को गाय और भैंस की पूजा की जाती है. फिर अशुभ शक्तियों का नाश करने के लिए गाय से एक सूअर मारा जाता है. खेल में भागीदारी मालदा के विभिन्न हिस्सों में यादव समुदाय के लोग इस खेल में अपने गाय और भैंस के साथ भाग लेते हैं. इस खेल में गाय और भैंस सूअर का वध करने के लिए अपने सींग का इस्तेमाल करती हैं. यादव समुदाय के सदस्य उज्ज्वल घोष कहते हैं, “यह खेल पूर्वजों से चला आ रहा है. काली पूजा के अगले दिन ही इसका आयोजन होता है. हम सभी इस खेल के जरिए आनंद लेते हैं.” मालदा के हबीबपुर ब्लॉक के अनंतपुर और अंग्रेज बाजार ब्लॉक के महदीपुर में सैकड़ों यादव समुदाय के लोग इस खेल में अपने पशुओं के साथ भाग लेते हैं. भीड़ और लाठी खेल इस खेल को देखने के लिए बहुत से लोग जुटते हैं. सूअर का वध करने के बाद सभी लोग एक-दूसरे के साथ लाठी खेल में भाग लेते हैं. यह लाठी खेल की प्रतियोगिता लंबे समय तक चलती है. गाय पहुर या सूअर वध प्राचीन काल से चला आ रहा है, ऐसा वर्तमान पीढ़ी का दावा है. जो गाय सूअर का वध करेगी, वही विजेता होगी. अब जिस गाय की जीत होती है, वह सभी को मिठाई खिलाती है. अनुभव साझा करना काजल घोष कहते हैं, “यह खेल पूर्वजों से चल रहा है. हम इस दिन गाय की पूजा करते हैं. फिर हम इस खेल में भाग लेते हैं. हम आपस में लाठी खेल की प्रतियोगिता भी करते हैं.” रिवाज के अनुसार, काली पूजा के बाद के दिन इस आयोजन के चारों ओर जबरदस्त उत्साह देखा जाता है. आज भी यह प्राचीन परंपरा मालदा जिले के विभिन्न हिस्सों में बनी हुई है. Tags: Bengal news, Local18, Special ProjectFIRST PUBLISHED : November 3, 2024, 12:45 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed