पति के सामने चुनाव लड़ती है ये पत्नी वोट खुद के लिए नहीं उनके लिए मांगती है
पति के सामने चुनाव लड़ती है ये पत्नी वोट खुद के लिए नहीं उनके लिए मांगती है
Jhunjhunu Upchunav : झुंझुनूं विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी पूर्व मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा की पत्नी निशा कंवर भी चुनाव मैदान में डटी हुई हैं. लेकिन वे वोट अपने लिए नहीं बल्कि पति राजेन्द्र गुढ़ा के लिए मांग रही हैं. पति पत्नी के एक साथ चुनाव मैदान में होने से उनके समर्थक कन्फ्यूज हो रहे हैं.
झुंझुनूं. राजस्थान की सात विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनावों का प्रचार अब गति पकड़ने लग गया है. उपचुनाव वाली इन सात सीटों में शामिल झुंझुनूं विधानसभा सीट का चुनाव थोड़ा अलग है. इसकी वजह है यहां से चुनाव लड़ रहे पूर्व मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा और उनकी पत्नी निशा कंवर. ये दोनों चुनाव मैदान में डटे हैं. लेकिन यहां भी कहानी कुछ अलग है. चुनाव मैदान में भले ही पति और पत्नी दोनों खड़े हैं. लेकिन वोट एक के लिए ही मांग रहे हैं.
ऐसा पहली बार नहीं हुआ है. पिछले विधानसभा चुनाव में भी राजेन्द्र गुढ़ा और उनकी पत्नी निशा कंवर उदयपुरवाटी विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में थे. लेकिन दोनों ने वोट एक के लिए ही मांगे. पूर्व मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा की पत्नी निशा कंवर लगातार दूसरी बार चुनाव मैदान में उतरी है. लेकिन पिछली बार की तरह इस बार भी वे अपने लिए नहीं बल्कि पति राजेन्द्र गुढ़ा के लिए वोट मांग रही हैं. पिछली बार निशा कंवर को 197 वोट मिले थे.
समर्थकों में हो जाता है कन्फ्यूजन
इन दोनों पति पत्नी का एक साथ एक ही सीट से चुनाव मैदान में उतरना और वोट एक के लिए मांगना चर्चा का विषय बना हुआ है. राजनीति के जानकार इसे गुढ़ा की रणनीति का अहम पार्ट मानते हैं. वहीं उनके कई समर्थक दोनों के चुनाव मैदान में खड़े रहने से कन्फ्यूज हो जाते हैं कि किसे वोट दें. इसी कन्फ्यूजन के चलते बीती बार राजेन्द्र गुढ़ा के मिलने वाले 197 वोट निशा कंवर के खाते में आ गए. लेकिन गुढ़ा की इस रणनीति को राजनीति के जानकार भी भांप नहीं पाए हैं. राजेन्द्र गुढ़ा ने इस बार झुंझुनूं सीट से उतरकर यहां चुनावी मुकाबला त्रिकोणीय बना दिया है.
गुढ़ा ने झुंझुनूं में बढ़ाई कांग्रेस की टेंशन
मुस्लिम समुदाय में दिन प्रतिदिन बढ़ रही गुढ़ा की पैठ से यहां कांग्रेस तनाव में है. राजेन्द्र गुढ़ा दो बार उदयपुरवाटी विधानसभा सीट से विधायक रह चुके हैं. वे दोनों बार वहां बसपा चुनाव जीते थे. लेकिन जीतने के बाद दोनों ही बार उन्होंने कांग्रेस की तत्कालीन गहलोत सरकार को समर्थन दे दिया था. बाद में वे गहलोत के दोनों कार्यकाल में राज्यमंत्री भी रहे. लेकिन इस बार विधानसभा चुनाव से पहले वे गहलोत के खिलाफ ‘लाल डायरी’ लेकर मैदान में कूद पड़े. इस पर उन्हें कांग्रेस से निष्कासित कर दिया गया था. गुढ़ा अपनी बेबाक बयानबाजी के लिए जाने जाते हैं. वे अक्सर अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में बने रहते हैं.
Tags: Assembly by election, Big news, Political newsFIRST PUBLISHED : November 3, 2024, 12:14 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed