ईमानदारी और लगन से शुरू किया बिजनेस अब सालाना 1 करोड़ का टर्नओवर
ईमानदारी और लगन से शुरू किया बिजनेस अब सालाना 1 करोड़ का टर्नओवर
Success Story: वासुदेवराव सुरजुसे ने कठिन हालात में भी मेहनत और ईमानदारी से किराना व्यवसाय में सफलता पाई. अमरावती से शुरू हुआ उनका सफर आज करोड़ों रुपये के कारोबार तक पहुंचा है, जो युवाओं के लिए प्रेरणादायी है.
गुजरात: कोई भी व्यवसाय छोटा या बड़ा नहीं होता. यदि व्यक्ति अपने जिद्द को बनाकर रखे और लगातार मेहनत करता रहे, तो एक दिन वह निश्चित रूप से सफल होता है. यह बात अमरावती के वासुदेवराव सुरजुसे ने सिद्ध की है, जिनकी आज सालाना कमाई एक करोड़ रुपये से अधिक है. आइए जानते हैं उनके इस सफर की कहानी. अमरावती जिले के वरूड तालुका में स्थित राजुरा बाजार गाँव वासुदेवराव सुरजुसे का है. उनका संघर्ष आज के युवाओं के लिए बेहद प्रेरणादायी है. उन्होंने मेहनत, जिद्द और ईमानदारी के बल पर किराना व्यवसाय में अपनी एक खास पहचान बनाई है.
संघर्षों से भरी शुरुआती जिंदगी
लोकल18 से बातचीत के दौरान वासुदेवराव बताते हैं, “मेरे पिता चौकीदारी का काम करते थे, और इसके साथ ही मछली पकड़ने का भी काम करते थे. हम पाँच भाई-बहन थे, और घर की आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर थी. इसलिए मेरी पढ़ाई केवल पाँचवीं कक्षा तक ही हो पाई. मुझे व्यवसाय में रुचि तीसरी कक्षा से ही होने लगी थी. दिवाली के त्योहार से कुछ दिन पहले आने वाले ‘आठवी’ त्यौहार पर मैं पूजा का सामान बेचता था, जिससे मुझे दस-बीस पैसे मिलते थे.”
छोटे-छोटे कामों से शुरूआत
इसके बाद मैंने ब्रेड बेचना शुरू किया. जो पैसे इससे मिलते, उन्हें मैं जमा करता और फिर नए-नए व्यवसाय में लगाता. एक समय नौकरी का मौका भी मिला, जिसके लिए नागपुर जाना था, लेकिन माता-पिता के अकेले होने के कारण मैं नहीं जा सका. इसके बाद मैंने बकरियां चराना शुरू किया, जिनमें से कुछ अपने घर की और कुछ दूसरों की बकरियां थीं. इससे मुझे दो रुपये प्रति माह मिलता था. बाद में उन पैसों से मैंने एक बकरी का बच्चा खरीदा, और यह सिलसिला जारी रहा.
किराना व्यवसाय की शुरुआत
कुछ समय बाद, मैंने कुछ बकरियां बेचीं और उनसे दस से पंद्रह हजार रुपये अर्जित किए. इन पैसों से मैंने एक छोटा सा गोला-बिस्किट का दुकान खोला. कुछ समय बकरियां चराता और फिर चौक में दुकान लगाता. धीरे-धीरे मेरा व्यवसाय बढ़ता गया, और मैंने गोला-बिस्किट का थोक व्यापार भी शुरू किया, जो और भी बढ़ता गया.
व्यवसाय में आने वाली चुनौतियां और समाधान
किराना दुकान शुरू की, लेकिन यह दुकान हफ्ते के बाजार में होने के कारण उस पर कब्जा आ गया. इसलिए मुझे यह दुकान उठानी पड़ी. नए स्थान पर दुकान शुरू करने के लिए जमा पैसों से गाँव में जगह खरीदी और वहीं से व्यवसाय जारी रखा. बैंक से लोन लेकर उसे समय पर चुकाना, फिर उससे लाभ कमाना और व्यवसाय को बढ़ाना, यही मेरी आगे बढ़ने की प्रक्रिया रही. एक समय जब मुझे जरूरत थी, तो मैंने सेंट्रल बैंक से तीन हजार रुपये का लोन लिया था. तब बैंक ने मुझसे बंधक लिखवाकर कई हस्ताक्षर लिए थे. आज वही बैंक मेरे किराना दुकान के ऊपर मौजूद है और मुझे हर माह बीस हजार रुपये किराया देती है.
Tags: Gujarat, Local18, Special ProjectFIRST PUBLISHED : November 3, 2024, 12:08 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed