IAS कोचिंग में 3 छात्रों की मौत का जिम्मेदार कौन News18 पूछ रहा 6 अहम सवाल
IAS कोचिंग में 3 छात्रों की मौत का जिम्मेदार कौन News18 पूछ रहा 6 अहम सवाल
हद है... बेसमेंट में भरे 12 फीट पानी में बच्चे जिंदगी के लिए संघर्ष कर रहे होते हैं और किसी को पता नहीं चलता. इस हादसे ने कई ऐसे सवाल खड़े कर दिए हैं, जो प्रशासन से लेकर इंस्टीट्यूट प्रबंधन के गैर जिम्मेदाराना रवैए की पोल खोल रहे हैं..
हद है… ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके की राव आईएएस स्टडी सर्किल में 12 फीट पानी भर जाता है और इंस्टीट्यूट प्रबंधन को इसके बारे में पता भी नहीं चलता. हालात यहां तक बिगड़ जाते हैं कि इंस्टीट्यूट की लाइब्रेरी में पढ़ाई कर रहे करीब एक दर्जन से अधिक छात्र-छात्राओं की जान पर बन आती है और किसी को पता नहीं चलता. और जब तक पता चलता है, तब तक तीन छात्र-छात्राओं की मौत हो जाती है और करीब दस छात्र-छात्राएं मौत की दहलीज तक पहुंच जाते हैं.
ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके की राव आईएएस स्टडी सर्किल में हुए इस हादसे के बाबत आप जितना सोचना शुरू करेंगे, लापरवाही और गैरजिम्मेराना रवैए की उतनी ही परतें आपके सामने खुलती चली जाएंगी. सबसे पहले, इस बात का बार-बार जिक्र हो रहा है कि ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके में हल्की सी बारिश के बाद जल भराव हो जाता है. साथ ही, जिक्र इस बात का भी हो रहा है कि इस इंस्टीट्यूट के बेसमेंट में पहले भी जल भराव होता रहा है.
क्यों बंद नहीं की गई बेसमेंट में चल रही लाइब्रेरी?
अब ऐसा तो नहीं है कि कल दिल्ली में पहली बारिश हुई थी. दिल्ली में इससे पहले भी कल से अधिक मूसलाधार बारिश हो चुकी है. ऐसे में, सवाल है कि क्या कल से पहले हुई बारिश में भी इंस्टीट्यूट के बेसमेंट में पानी भरा था? यदि हां, तो राव इंस्टीट्यूट के प्रबंधन ने अस्थाई तौर पर बेसमेंट में लाइब्रेरी बंद क्यों नहीं किया? साथ ही, सवाल यह भी है कि जल भराव का नाम आते ही सबसे पहले पहले जहन में करेंट का डर कौंधता है.
क्या पावर ब्रेकडाउन की स्थिति को लेकर थे इंतजाम?
यदि इंस्टीट्यूट के बेसमेंट में जल भराव होता था, तो करेंट फैलने का खतरा भी हमेशा बना रहता होगा. ऐसी स्थिति से बचने के लिए क्या इंस्टीट्यूट प्रबंधन की तरफ से कोई प्रबंध किए गए थे? बताया जा रहा है कि लाइब्रेरी में इंट्री-एग्जिट के गेट पर बायोमैट्रिक लॉक लगा हुआ था. अब यह बात बेहद सामान्य सी है और सबको पता है कि जल भराव की स्थिति में सबसे पहले पॉवर ब्रेक डाउन होता है. क्या पॉवर ब्रेक डाउन होने की स्थिति में बेसमेंट से बाहर निकलने के लिए कोई ऐसा मैनुअल तरीका था, जिसका आपात स्थिति में इस्तेमाल किया जा सके.
हादसे के समय कहां थे इंस्टीट्यूट के गार्ड्स?
शायद नहीं था. यदि होता तो शायद इस हादसे में दो छात्राओं और एक छात्र को अपनी जान न गवानी पड़ती. लापरवाही की फेहरिस्त यहां पर खत्म नहीं होती है. सवाल तो यह भी है कि इतना बड़ा इंस्टीट्यूट है तो बहुत सारे गार्ड्स भी होंगे. बीती शाम इंस्टीट्यूट के बेसमेंट में करीब 12 फीट पानी भर जाता है और इतनी तेजी से भरता है कि बच्चों को बचने का मौका भी नहीं मिलता. साथ ही, यह बात भी सबको पता है कि तेजी से बहता पानी तेज आवाज भी करता है, ऐसे में इंस्टीट्यूट के गार्ड्स इस हादसे के दौरान कहां थे? जिन्हें न ही बेसमेंट भरते पानी की आवाज सुनाई दी और न ही वहां के जल भराव के बारे में पता चलता है.
सवाल सीसीटीवी कैमरों को लेकर भी हैं..
सवाल सीसीटीवी को लेकर भी है. बताया जा रहा है कि पूरे इंस्टीट्यूट में सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं. ऐसी स्थिति में, सवाल यह है कि सीसीटीवी फुटेज देखने की जिम्मेदारी किसके पास थी. क्या सीसीटीवी में भी यह नहीं देखा जा सका कि एक दर्जन से अधिक बच्चे बेसमेंट में बनी लाइब्रेरी में फंसे हुए हैं और उनको बचाया जाना चाहिए. सवाल तो दमकल विभाग पर भी खड़ा होता है. क्योंकि नियम तो यही कहता है कि किसी भी व्यावसायिक केंद्र के लिए फायर की क्लियरेंस जरूरी है. क्या फायर विभाग के अधिकारियों ने कभी इस इंस्टीट्यूट के भीतर कदम रखा.
क्यों न दमकल को भी माना जाए हादसे का जिम्मेदार
यदि रखा तो क्या इमरजेंसी एग्जिट को लेकर कोई आपत्ति दर्ज कराई गई. नहीं तो इस हादसे के लिए दमकल विभाग के जिम्मेदार अधिकारी भी बराबरी से जिम्मेदार नहीं है. अभी भी सवाल बहुत से हैं. देखते हैं आगे क्या होता है, जांच किसी निष्कर्ष तक पहुंचती है या फिर…
Tags: Delhi news, IAS examFIRST PUBLISHED : July 28, 2024, 13:19 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed