Exclusive: परियोजनाओं को दी गति राज्य भी हुए राजी 11 माह में PM गतिशक्ति योजना ने बाधाओं को कैसे किया दूर

PM GatiShakti Yojna: अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए गेमचेंजर इस योजना के लॉन्चिंग के 11 महीने बाद केंद्रीय मंत्रालयों के डेटा की 900 से अधिक परतें और राज्यों के डेटा की 654 परतें एक बटन के क्लिक पर उपलब्ध हैं. परियोजनाओं में तेजी से कार्यान्वयन के लिए करीब 1300 मुद्दों का समाधान किया गया है और लगभग 200 महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को गति दी जा रही है और सभी राज्य पीएम गतिशक्ति एनएमपी में शामिल हो गए हैं.

Exclusive: परियोजनाओं को दी गति राज्य भी हुए राजी 11 माह में PM गतिशक्ति योजना ने बाधाओं को कैसे किया दूर
नई दिल्ली: पीएम गतिशक्ति योजना को लॉन्च किए हुए 11 महीने हो गए. जब पिछले साल महत्वाकांक्षी पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान (एनएमपी) परियोजना की कल्पना की गई थी तो माना जाता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एनएमपी की कोर टीम से पूछा था कि वे इस परियोजना को जमीन पर कब तक कार्यात्मक (फंक्शनल) बना सकते हैं. अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए गेमचेंजर इस योजना के लॉन्चिंग के 11 महीने बाद केंद्रीय मंत्रालयों के डेटा की 900 से अधिक परतें और राज्यों के डेटा की 654 परतें एक बटन के क्लिक पर उपलब्ध हैं. परियोजनाओं में तेजी से कार्यान्वयन के लिए करीब 1300 मुद्दों का समाधान किया गया है और लगभग 200 महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को गति दी जा रही है और सभी राज्य पीएम गतिशक्ति एनएमपी में शामिल हो गए हैं. एक सीनियर अधिकारी ने न्यूज18 को बताया, ‘एक प्रोजेक्ट की योजना बनाते समय देश के किसी भी हिस्से में जमीनी स्थिति पर एक बटन के क्लिक करने पर हमें पूरी दृश्यता दिखाई है. यही चीच पहले मिसिंग थी.’ पीएम गतिशक्ति के आधार पर सरकार ने अपने सभी बंदरगाहों को परिवहन के विभिन्न तरीकों से जोड़ने के लिए कुछ दिन पहले एक व्यापक देशव्यापी बंदरगाह कनेक्टिविटी योजना को अंतिम रूप दिया है, जिसमें 60 सड़क और 42 रेल परियोजनाएं शामिल हैं, जिससे 84 भारतीय बंदरगाहों को बेहतर कार्गो कनेक्टिविटी के साथ लाभ होगा. अधिकारियों ने up24x7news.com को बताया कि पीएम गतिशक्ति योजना के तहत तेजी से रोलआउट के लिए कोयला, स्टील और खाद्य उत्पादों की आवाजाही के लिए 94 नई बुनियादी परियोजनाओं की पहचान की गई है. इनमें कोयला मंत्रालय की 25439 करोड़ रुपये की 13 परियोजनाएं, उर्वरक विभाग की 13 परियोजनाएं, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग की 30 परियोजनाएं और इस्पात मंत्रालय की 38 परियोजनाएं शामिल हैं. इतना ही नहीं, इनमें नई रेलवे लाइनों के माध्यम से देश के मध्य और पूर्वी बेल्ट में कोयला खदानों से कनेक्टिविटी में सुधार के लिए परियोजनाएं शामिल हैं और परियोजनाओं को 2023 और 2026 तक पीएम गतिशक्ति एनएमपी के तहत क्लोज मॉनिटरिंग के माध्यम से पूरा होने की उम्मीद है. नई रेल लाइनों और एयरपोर्ट कनेक्टिविटी के माध्यम से भारत के उत्तरी और मध्य बेल्ट में स्थित इस्पात योजनाओं के लिए इसी तरह की कनेक्टिविटी परियोजनाएं तैयार की गई हैं. पिछले आठ महीनों में 1228 मुद्दों को हल करने के साथ परियोजनाओं के समयबद्ध कार्यान्वयन के मुद्दों के समाधान में भी एक बड़ा बदलाव आया है. एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि इसी अवधि में पहले औसतन केवल 400-विषम मुद्दों को हल किया जा सकता था और यही वजह है कि अब मुद्दों के समाधान में लगभग तीन गुना उछाल आया है. इन मुद्दों में मुख्य रूप से भूमि अधिग्रहण और वन मंजूरी के मुद्दे शामिल हैं, जो राज्यों के डोमेन हैं. प्रधानमंत्री गतिशक्ति योजना कैसे अपने लक्ष्य को पा रहा? एक सीनियर अधिकारी ने न्यूज18 को बताया कि सात प्रमुख मंत्रालयों और विभागों- दूरसंचार, रेलवे, सड़क परिवहन और राजमार्ग, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, बंदरगाह और शिपिंग, कृषि, और खाद्य और सार्वजनिक वितरण- ने बुनियादी ढांचे की योजना और निर्णय लेने के लिए पीएम गतिशक्ति प्लेटफॉर्म का उपयोग करना शुरू कर दिया है. शीर्ष सरकारी अधिकारियों ने कहा कि राजमार्ग मंत्रालय ने भारतमाला योजना के तहत 11 ग्रीनफील्ड परियोजनाओं के प्री-अलाइनमेंट करने के लिए पोर्टल का उपयोग किया था और 113 से अधिक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की थी. केंद्र और राज्यों द्वारा अब पीएम गतिशक्ति एनएमपी पर डेटा की लगभग 1569 लेयर्स को अपलोड करने के साथ देश के किसी भी हिस्से में मौजूदा और प्रस्तावित परियोजनाओं पर कंपलीट सैटेलाइट स्केल विजिबिलिटी अब एक बटन के क्लिक पर ही सरकार के लिए उपलब्ध है. एक अन्य टॉप अफसर ने कहा कि पाइपलाइन, रेलवे लाइन, सड़कें – सभी डिजिटल रूप से दिखाई दे रहे हैं. इस प्रोजेक्ट से बुनियादी ढांचे के लिए, विशेष रूप से मंजूरी के लिए योजना बनाना बहुत आसान है. जैसे अगर हम रक्षा भूमि के पास सड़क बना रहे हैं तो हमें आवश्यक मंजूरी लेने के बारे में पहले से पता है. पहले यह विजिबिलिटी उपलब्ध नहीं थी. इस परियोजना से दूसरा बदलाव क्षमता निर्माण में हुआ है, जिसमें 1100 से अधिक अधिकारियों को पीएम गतिशक्ति प्लेटफॉर्म पर प्रशिक्षित किया जा रहा है. एक अधिकारी ने कहा कि क्योंकि यह तकनीकी मसला है, जब तक हम क्षमता विकसित नहीं करते, इसे अपनाना संभव नहीं होगा. प्रशिक्षण पर व्यापक अभ्यास किया जाएगा. एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर पीएम गतिशक्ति पर एक नया कोर्स आ रहा है ताकि कोई भी सरकारी कर्मचारी इसे कर सके. एक प्रस्ताव है कि उप सचिव स्तर और उससे ऊपर के किसी भी अधिकारी को यह कोर्स करना चाहिए ताकि वह भविष्य में जो भी काम करता है वह पीएम गतिशक्ति योजना से परिचित हो सके. पीएम गतिशक्ति को लेकर IGOT प्लेटफॉर्म पर 10000 और अधिकारियों को प्रशिक्षित करने के लिए प्रशिक्षण पाठ्यक्रम तैयार किए जा रहे हैं. राज्यों को इसमें शामिल करना इस परियजोना के शुरुआत से ही केंद्र के लिए एक बड़ा काम योजना के संस्थागत ढांचे के लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को शामिल करना था, जिसमें यह सफल रहा है. अब नया फोकस राज्यों की लॉजिस्टिक्स पॉलिसी पर है. एक अधिकारी ने कहा कि हमने सभी राज्यों को एक लॉजिस्टिक्स पॉलिसी बनाने के लिए प्रोत्साहित किया. चौदह राज्यों ने इसका गठन किया है और 11 और इसे जल्द ही करेंगे. यह यूजर मिनिस्ट्रीज यानी उपभोग्ता मंत्रालयों मसलन जैसे उर्वरक, कोयला और बंदरगाहों को बिना भीड़भाड़ के माल की तेज आवाजाही में मदद कर रहा है. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: India news, PM ModiFIRST PUBLISHED : September 09, 2022, 09:41 IST