क्या होता है Circadian Rhythm इसे क्यों कहा जाता है बॉडी का इंटर्नल क्लॉक
क्या होता है Circadian Rhythm इसे क्यों कहा जाता है बॉडी का इंटर्नल क्लॉक
What is Circadian Rhythm? आपने भोजन के साप्ताहिक कोटे में हरी-भरी सब्जियों को रखा है. जरूरी विटामिन डी के लिए आपने अपने आप को सूरज की रोशनी में भी तपाया है. जिम में भी खूब पसीना बहाया है. इसके बावजूद आप अभी भी अपने आदर्श वजन या स्वास्थ्य संबंधी लक्ष्यों से दूर हैं. हेल्दी फूड खाने के बावजूद आपकी मंथली हेल्थ रिपोर्ट में कमियां दिखाई देती हैं.
काकोली मुखर्जी
What is Circadian Rhythm? क्या आपने कभी सोचा है कि क्या कोई अन्य कारक भी है जो हमारे शरीर के भोजन को पचाता है और पोषक तत्वों को अवशोषित (absorbs) करता है, या इसे प्रभावित करता है? निश्चित ही कोई कारक है जिसका पता वैज्ञानिकों ने लगाया है और यह है हमारी सर्कैडियन रिदम (लय) (circadian rhythm).
क्या है सर्कैडियन रिदम?
सर्कैडियन रिदम के बारे में बताते हुए पीडी हिंदुजा नेशनल हॉस्पिटल एंड मेडिकल रिसर्च सेंटर मुंबई के सीनियर डाइटिक्स साइंस ऑफिसर स्वीडल त्रिनिदादे कहते हैं, सर्कैडियन शब्द लैटिन फ्रेज ‘सर्का दीम’ (circa diem) से लिया गया है जिसका अर्थ है ‘लगभग एक दिन में’. सर्कैडियन रिदम या बॉडी क्लॉक बाहरी वातावरण की प्रतिक्रिया में किसी जीव के सोने-जागने के चक्र, अंतःस्रावी और चयापचय मार्गों (मेटाबॉलिक पाथवे) को नियंत्रित करने वाली एक आंतरिक प्रक्रिया है. यह एक पूर्ण समस्थापन (homeostatic) संतुलन बनाए रखता है. मस्तिष्क में हाइपोथैलेमस में स्थित सुपर कॉस्मेटिक न्यूक्लियस (एससीएन) इसे नियंत्रित करता है.
हमारे द्वारा खाए जाने वाले भोजन से प्राप्त ऊर्जा का उपयोग प्रोटीन, डीएनए, कोशिका झिल्ली घटकों, पोलीसैकेराइड आदि को संश्लेषित (synthesise) करने के लिए किया जाता है. हमारा बॉडी क्लॉक भोजन, पाचन, नींद और अन्य क्रियाओं का समय जानता है.
रैट रेस
क्या सर्कैडियन रिदम और पोषक तत्वों के अवशोषण के बीच कोई संबंध है? बेंगलुरु के सेंट जॉन्स मेडिकल कॉलेज में फिजियोलॉजी और न्यूट्रिशन विभाग की प्रोफेसर अनुरा कुरपड़ कहते हैं इसे लेकर चूहों में स्पष्ट संबंध स्थापित किया गया है.
प्रोफेसर अनुरा आगे कहते हैं पोषक तत्वों के अवशोषण पर सर्कैडियन रिदम के प्रभाव पर हमारे पास रैट बेस्ड लिटरेचर है. यह पेट और अग्न्याशय यानी पैंक्रियाज द्वारा एंजाइम स्राव में पैटर्न के कारण हो सकता है. या आंतों की कोशिकाओं में शर्करा जैसे पचने वाले अणुओं के वास्तविक अवशोषण के कारण हो सकता है. पू्र्व में ग्लूकोज, फलों के रस से बना शर्करा और डाइपेप्टाइड्स के लिए ट्रांसपोर्टरों की सर्कैडियन बदलाव (circadian variability) चूहों में बहुत ही सुंदर ढंग से प्रदर्शित की गई है.
इसके कारण के बारे में बात करते हुए प्रोफेसर कहते हैं कि जानवरों के सोने जागने का चक्र होता है. और यह समझ में आता है कि जब भोजन का कार्य चल रहा होता है तो आंत का काम पीक (peak) पर होता है. हम एक समयानुरूप भोजन करते हैं. मनुष्यों पर हुए कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि भोजन के समय के पैटर्न को बदलने से खून में ग्लूकोज चक्र बदल सकता है. जिन जानवरों में जीन क्लॉक में म्यूटेशन होता है, ग्लूकोज अवशोषण (absorption) की सर्कैडियन रिदम कमजोर हो जाती है. यह उन कारणों में से एक हो सकता है जो अलग-अलग शिफ्ट के कार्य करते हैं या जो एक समय में फील्ड में बहुत अधिक यात्रा करते हैं, उनका वजन बढ़ने का खतरा होता है.
ब्रेन कलॉक और हर्ट एक्टिविटी
फिजियोथेरेपिस्ट और डायटीशियन डॉ रेबेका पिंटो कहती हैं, सर्कैडियन रिदम और हृदय की गतिविधि (heart activity) के बीच भी एक संबंध है. वर्षों से डॉक्टरों और शोधकर्ताओं ने देखा है कि दिन के निश्चित समय में घातक असामान्यता (fatal arrhythmias) जैसी हृदय की समस्याएं होने की संभावना अधिक होती है. शाम को रक्तचाप (blood pressure) की दवा लेने से इसकी प्रभावशीलता में सुधार होता है. क्योंकि यह शरीर के सर्कैडियन रिदम के साथ काम करता है. इसका कारण हाल ही में स्पष्ट हुआ है: ब्रेन कलॉक की रिदम में शामिल एक आनुवंशिक कारक भी हृदय में विद्युतीय (electrical) गतिविधि को नियंत्रित करता है.
डॉ रेबेका आगे कहते हैं इसी तरह जिस समय आप अपना खाना खाते हैं. वह आपके वजन कम करने के तरीके को प्रभावित करता है. जब आपका शरीर नियमित व्यायाम (regular exercise) करने के लिए अभ्यस्त हो जाता है. तो उसे दिन के अलग-अलग समय में फैट घटने और फैट बढ़ने की आदत हो जाती है. गलत समय पर गलत खाना खाने से जिम में आपको परेशानी आ सकती है.
सर्कैडियन रिदम को प्रभावित करने वाले फैक्टर
स्वीडल त्रिनिदादे ने सर्कैडियन रिदम को प्रभावित करने वाले कारकों को कुछ इस प्रकार सूचीबद्ध किया है: जेनेटिक म्यूटेशन शिफ्ट या जेट लैग में काम करना देर रात में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से नीली रोशनी या रोशनी लाइफस्टाइल में बदलाव (पार्टी करना या देर तक काम करना)
त्रिनिदादे कहते हैं सोने-जागने के साइकल में व्यवधान (disruption) आजकल हृदय संबंधी विकारों के बढ़ने का एक कारण है. अन्य कारणों में डेन्स कैलोरी (calorie-dense) या प्रोसेस्ड फूड की आसान उपलब्धता और एक गतिहीन जीवन शैली है.
अपर्याप्त नींद और विटामिन की कमी
पैराफिट के संस्थापक और सर्टिफाइड न्यूट्रिशनिस्ट पराज प्रिमलानी का कहना है कि जो लोग औसतन सात घंटे से कम सोते हैं उनमें आमतौर पर विटामिन ए, डी और बी1 के साथ-साथ मैग्नीशियम, नियासिन, कैल्शियम, जिंक और फास्फोरस की कमी होती है. बॉडी कलॉक सोने और जागने से ज्यादा जिम्मेदार होती है. भूख, मानसिक सतर्कता, हृदय नियंत्रण और इम्यूनिटी जैसे अन्य कार्य भी दैनिक रिदम पर काम करते हैं. उन्होंने कहा कि शरीर के प्राकृतिक सामान्य चक्र को बाधित करने से विभिन्न स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं.
पराज प्रिमलानी आगे कहते हैं डाइजेशन के अलावा हमने नींद संबंधी समस्याओं और चिंता में लगातार वृद्धि देखी है. इन सभी समस्याओं का सीधा संबंध हमारे सर्कैडियन रिदम से है. आज हम शायद ही धूप में बाहर जाते हैं और इससे हमारी बायोलॉजिकल कलॉक प्रभावित होती है. इसके अलावा हर जगह कृत्रिम प्रकाश व्यवस्था बॉडी कलॉक को और कन्फ्यूज (confuses) करती है. एक अशांत बायोलॉजिकल कलॉक डाइजेशन सिस्टम को डाइजेशन एंजाइमों के स्राव के बारे में कन्फ्यूज करती है.
कैसे ठीक करें सर्कैडियन रिदम को लगातार आठ घंटे बिस्तर पर रहने की कोशिश करें जब आप बिस्तर से उठें तो तुरंत नाश्ता न करे हर दिन एक ही समय पर भोजन करें हर दिन 30 मिनट की धूप लें और उस दौरान एक्टिव रहने की कोशिश करें अपने अंतिम भोजन और अपने सोने के समय के बीच कम से कम दो घंटे का अंतर रखें इस दौरान सभी तरह के स्क्रीन जैसे नेटफ्लिक्स आदि देखने से बचें.
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Tags: Effect on your life, Gym, Health, Heart Disease, Life styleFIRST PUBLISHED : July 06, 2022, 14:31 IST