3 बार से अधिक करा चुके हैं गाय-भैंस में कृत्रिम गर्भाधान लेकिन नहीं रुका गर्भ
3 बार से अधिक करा चुके हैं गाय-भैंस में कृत्रिम गर्भाधान लेकिन नहीं रुका गर्भ
डॉ. एस.डी द्विवेदी ने बताया कि अगर आपने तीन बार कृत्रिम गर्भाधान करा दिया है और गर्भ नहीं रुक रहा है तो यह समझ जाइए की आपका पशु रिपीट ब्रीडर का शिकार हो चुका है, जो प्रजनन (Breeding) के लिए एक बड़ी बाधा है
बलिया: पशुओं में बांझपन की समस्याएं बेहद गंभीर होती है. कुछ पशुपालक तो जानकारी न होने के कारण पशु को बेकार समझ हार मान लेते हैं, लेकिन हकीकत में कुछ शरीर से जुड़ी समस्याओं के कारण यह दिक्कत पशुओं में आती है. जिसका समाधान बेहद आसान है. पशुओं की कई गतिविधियां हैं जिससे बांझपन की पहचान कर समय रहते एक्सपर्ट से मिलकर समाधान पाया जा सकता है. कृत्रिम गर्भाधान न रुकने का कारण कहीं रिपीट ब्रीडर या बांझपन तो नहीं. यह स्थिति पशु मालिकों के लिए एक जटिल समस्या होती है. कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखकर इस गंभीर समस्या से निजात पाया जा सकता है. आइए विस्तार से जानते हैं…
राजकीय पशु चिकित्सालय नगर बलिया के उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. एस.डी द्विवेदी ने लोकल 18 को बताया कि वर्तमान में ज्यादातर पशु मालिक परेशान है क्योंकि पशुओं में बांझपन की समस्या धीरे-धीरे बढ़ रही है. पशुओं में जब प्रजनन की क्षमता घटने लगती है तो उस स्थिति को बांझपन (Infertility) कहते हैं. तमाम पशुपालक बताते हैं कि 6, 7 या 8 बार कृत्रिम गर्भाधान करा चुके हैं लेकिन गर्भ रुक नहीं रहा है.
कृत्रिम गर्भाधान के लिए ये समय है बेस्ट
डॉ. एस.डी द्विवेदी ने बताया कि सबसे ध्यान देने वाली बात यह है कि पशु गर्मी में आया है या नहीं यह कैसे पहचान करें ?, तो जब भी पशु पीछे से स्राव करने लगे तो समझ जाइए की पशु गर्मी में आ गया है. अगर गाय जिस दिन गर्मी में आई है उसके अगले दिन ही वीर्य (Semen) डाला जाता है. भैंस चुकी कम समय (18घंटे ) के लिए गर्मी में आती है तो लगभग 9 घंटे के अंतराल में कृत्रिम गर्भाधान कर देना चाहिए.
रिपीट ब्रीडर की ऐसे करें पहचान
डॉ. एस.डी द्विवेदी ने बताया कि अगर आपने तीन बार कृत्रिम गर्भाधान करा दिया है और गर्भ नहीं रुक रहा है तो यह समझ जाइए की आपका पशु रिपीट ब्रीडर का शिकार हो चुका है, जो प्रजनन (Breeding) के लिए एक बड़ी बाधा है. इस स्थिति में पशु के बांझपन की दवा करानी पड़ती है. या तो पशु के बच्चेदानी में या अंडाशय में कुछ कमी होती है. इस स्थिति में तुरंत पशु चिकित्सक से मिलना चाहिए. पशु एक्सपर्ट जरूरत के अनुसार बच्चेदानी में दवा डालना या अंडाशय सक्रिय न होने की दशा में उसका सही इलाज करते हैं.
Tags: Agriculture, Ballia news, Local18, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : August 23, 2024, 15:37 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा. Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed