नए फ्रॉड का ऐसा किस्सा आप भी हो सकते हैं शिकार घबराइये नहीं जान लीजिए
नए फ्रॉड का ऐसा किस्सा आप भी हो सकते हैं शिकार घबराइये नहीं जान लीजिए
वाराणसी की रहने वाली शम्पा रक्षित के साथ जो हुआ वो आपके साथ भी हो सकता है. जालसाज या तो वीडियो कॉल या व्हाट्सएप कॉल कर रहे हैं और खुद को सीबीआई अधिकारी या पुलिस/कस्टम अधिकारी होने का नाटक कर रहे हैं और निम्न बातें पूछ रहे हैं... आइये जानते हैं विस्तार से.
वाराणसी : ‘हेल्लो… आपके द्वारा सिम कार्ड के माध्यम से अवैध कार्य और पैसों का लेनदेन किया जा रहा है. आपके खिलाफ अरेस्ट वॉरंट जारी हुआ है. आपको पूछताछ के लिए थाने आना होगा..’ क्या आपको भी कोई ऐसा फोन आया है? अगर नहीं आया तो गनीमत है, लेकिन आपको भी ऐसा फोन आ सकता है.. लिहाजा, बहुत सावधान रहने की जरूरत है, क्योंकि वाराणसी की रहने वाली शम्पा रक्षित के साथ जो हुआ वो आपके साथ भी हो सकता है. उनके खाते से दो-चार लाख नहीं, बल्कि 3 करोड़ 55 लाख की धोखाधड़ी कर ली गईं. जब हकीकत पता चली तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई. यह मामला हर किसी को साइबर/ऑनलाइन फ्रॉड के नए तौर तरीकों के प्रति सचेत करने का बड़ा उदाहरण है. आइये जानते हैं…
दरअसल, वाराणसी की रहने वाली शम्पा रक्षित को 3 मार्च 2024 को एक अज्ञात मोबाइल नंबर से कॉल आया. सामने वाले शख्स ने कहा कि वह टेलीकॉम रेगुलेट्री अथॉरिटी से बोल रहा है और दो घंटे में उनका फोन बंद हो जाएगा. कहा गया कि आपके पास अब पुलिस का फोन आएगा. फोन आया भी.. उसने खुद को विनय चौबे, विले पार्ले पुलिस स्टेशन, महाराष्ट्र से बताया. कहा कि फलां मोबाइल नंबर आपका है, जिसे घाटकोपर से लिया गया है और इससे आप अवैध काम कर रही हैं. शम्पा ने बताया कि यह नंबर उसका नहीं है तो उनसे कहा गया कि आपके नाम अरेस्ट वॉरंट है, लिहाजा पूछताछ के लिए विले पार्ले पुलिस स्टेशन आना होगा.
शम्पा ने उसे बताया कि वह मुंबई नहीं रहती, इसलिए नहीं आ सकती. उस शख्स ने उनकी बात अपने सीनियर से करवाने की बात कही. शम्पा से एक वीडियो कॉलिंग ऐप, स्काईप डाउनलोड कराई गई और सीनियर शख्स उनसे बात करने लगा. उनसे कहा गया कि आपको अरेस्ट कर लिया जाएगा और अपने घर के अंदर रहें व ये बात किसी को न बताएं. उनकी पूरी फैमिली का भी विवरण लिया गया. बैंक खाते की भी पूरी डिटेल ले ली गई. आगे कहा कि आपके खाते में जितने भी पैसे आए हैं, उन्हें जांच हेतु तथाकथित RBI के खाते में डालना होगा. आश्वासन भी दिया कि जांच के बाद पैसा वापस खाते में भेज दिया जाएगा और अरेस्ट नहीं किया जाएगा. इस तरह उनसे 3 करोड़ 55 लाख की धोखाधड़ी कर ली गईं.
वाराणसी पुलिस को जब इसका पता चला तो केस दर्ज कर जांच शुरू की गई. पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने तीन टीमें बनाईं. साइबर क्राइम थाने के इंस्पेक्टर विजय नारायण मिश्र की अगुवाई में तमाम इलेक्ट्रोनिक विश्लेषण किए गए और सर्विलांस लगाई गई. 8 लोगों को गिरफ्तार किया गया. ये हैं दिल्ली निवासी महेंद्र सोलंकी, टीटू कश्यप, सुशील कुमार यादव एवं गुडगांव निवासी आकाश गुप्ता, साहिल कटारिया, तरुण सहरावत मयंक भगेरिया और बीकानेर निवासी सुनील विश्नोई.
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इन 8 अभियुक्तों ने बताया कि ये लोग योजनापूर्वक पहले हासिल हुए मोबाइल नंबरों पर कॉल करते हैं. सामने वाले को बताते हैं कि ट्राई से बोल रहे हैं और आपने इस नंबर से अवैध, गलत काम किए हैं, इसलिए नंबर को बंद किया जा रहा है. तुरंत बाद ये लोग पुलिसवाले बनकर उससे बात करते हैं और बिल्कुल वैसी ही मॉडस ऑपरेंडी यानि अपराध करने का तरीका अपनाते हैं, जैसा शिम्पा के साथ किया गया. लोगों को गिरफ्तारी का डर दिखाया जाता है. लोग बेबस होकर झांस में आ जाते हैं और सारी डिटेल दे देते हैं. ऐसी ही शिम्पा रक्षित से धोखाधड़ी गई. उनसे ठगे गए 3 करोड़ 55 लाख रुपये देशभर में अलग अलग खातों से चेक व एटीएम के माध्यम से निकाल लेते हैं.
पुलिस ने इनके कब्जे से दो मोबाइल, एक एटीएम कार्ड, चेकबुक, आधार कार्ड, पैन कार्ड, दो इंटरनेट बैंकिंग स्लिप, एक फिंगर प्रिंट स्कैनर मेगा डिवाइस और 3 लाख 70 हजार रुपये बरामद किए हैं.
अब ध्यान रखने वाली कुछ बातें भी जान लीजिए.. पैसे की धोखाधड़ी/प्रतिरूपण धोखाधड़ी कैसे होती है
जालसाज या तो वीडियो कॉल या व्हाट्सएप कॉल कर रहे हैं और खुद को सीबीआई अधिकारी या पुलिस/कस्टम अधिकारी होने का नाटक कर रहे हैं और निम्न बातें पूछ रहे हैं:
पहला है पार्सल घोटाला – जहां धोखेबाज कहते हैं कि आपके नाम पर एक पार्सल है, जिसमें ड्रग्स या अवैध हथियार आदि हैं. उन्होंने इसे पकड़ लिया है और आपको लंबे समय के लिए जेल भेजा जाएगा, क्योंकि यह आपके नाम और पते पर है और इस मामले से छुटकारा पाने के लिए पैसे मांगे जाएंगे.
दूसरा- वे आपके परिवार के किसी सदस्य के बारे में बताते हैं, जो शहर से बाहर है ताकि वे यह कह सकें कि आपके भाई/बेटे/बेटी/पति आदि को उनके द्वारा xyz यानि कोई अपराध बता दिया जाएगा और उसे कहा जाएगा कि उन्हें गिरफ्तार किया गया है, जो पैसे, सेक्स रैकेट, ड्रग्स से संबंधित हो सकता है. उन्हें तुरंत राहत देने के लिए पैसे मांगे जाएंगे.
तीसरा- या ये आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का उपयोग कर रहे होंगे. वे आपके परिवार के सदस्य की आवाज में मदद मांगते हुए ऑडियो चलाएंगे और कहेंगे कि उन्हें किसी स्थिति या किसी अपराध से बाहर निकालने/बचाने के लिए पैसे चाहिए.
अपने शिकार को धमकाने के बाद, वे उसे ‘डिजिटल गिरफ्तारी’ के तहत भी डराते धमकाते हैं. यानी पीड़ित लगातार स्काइप या किसी अन्य वीडियो कॉलिंग एप्लिकेशन के माध्यम से वेबकैम के सामने ही बैठा रहता है. उनकी धमकियां लगातार बेबस होकर सुन रहा होता है.
वे व्हाट्सएप डीपी में असली पुलिस की तस्वीर का भी उपयोग कर रहे हैं. अपराध +91 और +92 नंबरों के साथ-साथ बाहरी नंबरों से भी किए जाते हैं.
Tags: Cyber Fraud, Fraud, Online fraud, UP police, Uttar Pradesh Police, Varanasi newsFIRST PUBLISHED : May 10, 2024, 13:26 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed