जब 90 रुपये के कुर्ते पर अटक गई थी राष्ट्रपति की नजर हो गए थे दीवाने!
जब 90 रुपये के कुर्ते पर अटक गई थी राष्ट्रपति की नजर हो गए थे दीवाने!
Interesting Story: कहानी है मोहन स्वरूप भाटिया की. उन्हें पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है. लेकिन जब वो अपना पुरस्कार लेने पहुंचे, तो कुछ दिलचस्प हुआ.
निर्मल कुमार राजपूत/मथुरा: कहानी है यूपी के मथुरा के एक शख्स की. उन्हें पद्मश्री पुरस्कार के लिए बुलावा आया था. पद्मश्री मिलने की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. परिवार के मुखिया दिल्ली राज भवन पद्मश्री पुरस्कार लेने पहुंचे, तो राष्ट्रपति को उनका कुर्ता भा गया. पद्मश्री ने कुर्ते की कहानी खुद लोकल18 के साथ शेयर की.
जब 90 रुपये का कुर्ता आ गया था पसंद
शहर के जाने माने पत्रकार मोहन स्वरुप भाटिया पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित हो चुके हैं. इसी बीच मोहन स्वरूप भाटिया का कुर्ता बेहद चर्चाओं में रहा. पद्मश्री मोहन स्वरुप भाटिया ने अपने ही कुर्ते की कहानी को अपनी ही जुबानी सुनाया. उन्होंने बताया कि ₹90 का कुर्ता लखनऊ से खरीदा गया था. यह कुर्ता बहुत ही पुराना था.
राष्ट्रपति महोदय ने भी कुर्ते को देखकर एक बार अपनी मुस्कुराहट छोड़ दी और वह भी इस कुर्ते के दीवाने हो गए. उन्होंने कहा कि खादी का यह कुर्ता लोगों को बेहद ही पसंद आता है. ₹90 की कुर्ते को पहनकर पद्मश्री लेने के लिए राष्ट्रपति भवन मोहन स्वरूप भाटिया पहुंच गए थे.
5000 से अधिक लोकगीतों को संजो कर रखे हुए हैं भाटिया
स्वरूप भाटिया से जब ब्रज की संस्कृति लोकगीतों के बारे में बात की गई, तो उन्होंने बहुत कुछ बताया. उन्होंने बताया कि ब्रज की संस्कृति को लुप्त होते हुए उनकी कोशिश लगातार जारी है, लेकिन शरीर काम नहीं कर रहा है, इसलिए वह लोगों को ब्रज की संस्कृति को बचाने की अपील करते हैं. पद्मश्री ने बताया कि उनके पास 5000 ऐसे लोकगीत हैं, जो की ब्रज की संस्कृति को एक अलग ही पहचान देते हैं. पद्मश्री मोहन स्वरूप भाटिया ने लोकगीत गुनगुना ना शुरू किया, तो वह अपने रसीले अंदाज में आ गए.
बता दें कि ब्रज की संस्कृति और ब्रज की धरोहर लोकगीतों को माना गया है. यहां पर लोकगीतों के बिना ब्रज की संस्कृति बेरंग लगती है. ब्रज के लोकगीत यहां सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण आयोजनों में लगातार गुनगुनाए जाते हैं, लेकिन अब इन लोकगीतों का धीरे-धीरे प्रचलन कम होता जा रहा है.
Tags: Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : September 10, 2024, 10:24 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed