जानिए ट्रेन से एक पशु के कटने पर रेलवे को कितने रुपये का होता है नुकसान
जानिए ट्रेन से एक पशु के कटने पर रेलवे को कितने रुपये का होता है नुकसान
हाल ही में पशुपालान और डेयरी विभाग (Dairy Department) ने एक रिपोर्ट जारी की है. रिपोर्ट के मुताबिक 20वीं पशुधन गणना (Livestock Census) से पता चला है कि 50.21 लाख छुट्टा गोपशु देश की सड़कों पर घूम रहे हैं. इसमे पहले नंबर पर राजस्थान 12.72 लाख तो दूसरे नंबर पर यूपी में 11.84 लाख गोपशु सड़कों पर छुट्टा घूम रहे हैं. आंकड़ों के मताबिक देश के 50 फीसद गोपशु तो सिर्फ यूपी (UP) और राजस्थान (Rajasthan) की सड़कों पर ही घूम रहे हैं.
नई दिल्ली. ट्रेन (Train) से एक पशु के कटने या टकराने की घटना बेशक बहुत ही आम समझी जाती हो, लेकिन इसे लेकर भारतीय रेलवे (Indian Railway) में हलचल मच जाती है. पशु कटने या टकराने (Cattle Accident) से ट्रेन तो लेट होती ही है, साथ में रेलवे को लाखों रुपये का नुकसान भी होता है. कई बार तो ट्रेन के डिरेल होने का खतरा भी बना रहता है. 18 अप्रैल 2022 की रात पंजाब (Punjab) में एक मालगाड़ी के कई डिब्बे इसलिए पटरी से उतर गए थे क्योंकि ट्रेन के सामने सांड का झुंड आ गया था. वैसे पैसेंजर और गुड्स ट्रेन से जानवर कटने का नुकसान अलग-अलग होता है. चार-पांच साल से देश में ट्रेन से पशु कटने की घटनाएं बढ़ गई हैं. इसके चलते 15-15 मिनट तक ट्रेन लेट हो रही हैं. कुछ खास ट्रेन के लेट होने पर तो रेलवे यात्रियों को भी हर्जाने का भुगतान करता है. इतना ही नहीं अगर कोई पैसेंजर बिना वजह चलती हुई ट्रेन में चेन पुलिंग कर दे या फिर प्रदर्शनकारी कहीं पर दो-चार ट्रेन रोक दें इससे भी रेलवे को बड़ा नुकसान होता है.
एक मिनट ट्रेन रुकने पर 13 से 20 हजार रुपये तक का होता है नुकसान
रेलवे से आरटीआई में मिली एक जानकारी के मुताबिक अगर डीजल से चलने वाली पैसेंजर ट्रेन एक मिनट रुकती है तो उसे 20401 रुपये का नुकसान होता है. वहीं इलेक्ट्रिक ट्रेन के रुकने पर 20459 रुपये का नुकसान होता है. इसी तरह डीजल से चलने वाली गुड्स ट्रेन को एक मिनट रुकने पर 13334 रुपये और इलेक्ट्रिक ट्रेन को 13392 रुपये का नुकसान होता है. यह वो नुकसान है जो सीधे तौर पर रेलवे को होता है. अब ट्रेन में बैठे यात्रियों को कितना नुकसान उठाना पड़ता है इसका अनुमान भी आराम से लगाया जा सकता है.
एक ट्रेन के रुकते ही पीछे लग जाती है लाइन
रेलवे से जुड़े जानकारों की मानें तो अगर कहीं पर बिना वजह कोई एक ट्रेन रुक जाती है तो सुरक्षा की द्रष्टि और ट्रैफिक को देखते हुए पीछे से आने वाली दूसरे ट्रेनों को भी रोक दिया जाता है. इस तरह एक पशु के कटने या टकराने के चलते सिर्फ एक ट्रेन ही नहीं रुकती है, बल्कि कई और ट्रेन को भी जगह-जगह रोकना पड़ता है. अब ऐसे में अगर वो ट्रेन लेट होती हैं जहां रेलवे हर यात्री को 100 से 200 रुपये का भुगतान करता है तो रेलवे को होने वाला यह नुकसान करोड़ों रुपये में पहुंच जाता है.
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कहां, कितने पशु कटे और कितनी ट्रेन लेट हुईं
रेलवे ने आरटीआई के तहत दी जानकारी में बताया है कि ट्रेन से पशुओं के कटने की घटनाएं यूपी में बहुत होती है. पश्चिम बंगाल के कई खास इलाकों में भी पशुओं के ट्रेन से कटने की बहुत ज्यादा घटनाएं हो रही हैं. नॉर्थ-ईस्ट में तो ट्रेन से टकराकर हाथी भी मर रहे हैं. अगर रेलवे के मुरादाबाद मंडल की बात करें तो 2016 से लेकर 2019 तक चार साल में 3090 ट्रेन पशु के कटने के बाद 15 मिनट तक लेट हो गईं थी.
वहीं आगरा मंडल में 2014-15 से लेकर 2018-19 तक 3360 पशु ट्रेन से कट चुके हैं. दूसरी ओर झांसी में भी इस समय अवधि में करीब 4300 पशु ट्रेन से कटे थे. भोपाल मंडल में करीब 3900 पशु कटे थे. इलाहबाद मंडल की ओर से जारी एक प्रेस नोट के मुताबिक एक अप्रैल 2018 से 30 नवंबर 2018 तक 1685 घटनाएं पशु टकराने की हुईं थीं और एक अप्रैल 2019 से 30 नवंबर 2019 में 2819 घटनाएं पशुओं के ट्रेन से टकराने की हुईं थी. दानापुर मंडल में पशु कटने पर जिन ट्रेनों को 15 मिनट से ज़्यादा रोकना पड़ा उनकी संख्या 5 साल में 600 है और भोपाल मंडल में 603 है.
देश की सड़कों पर घूम रहे हैं 50 लाख छुट्टा गोपशु
हाल ही में पशुपालान और डेयरी विभाग ने एक रिपोर्ट जारी की है. रिपोर्ट के मुताबिक 20वीं पशुधन गणना से पता चला है कि 50.21 लाख छुट्टा गोपशु देश की सड़कों पर घूम रहे हैं. इसमे पहले नंबर पर राजस्थान 12.72 लाख तो दूसरे नंबर पर यूपी में 11.84 लाख गोपशु सड़कों पर छुट्टा घूम रहे हैं. आंकड़ों के मताबिक देश के 50 फीसद गोपशु तो सिर्फ यूपी और राजस्थान की सड़कों पर ही घूम रहे हैं.
7 राज्यों में सड़क पर ना के बराबर हैं गोपशु
अगर पशुपालान और डेयरी विभाग की रिपोर्ट पर गौर करें तो देश के 7 राज्य ऐसे भी हैं जहां सड़कों पर ना के बराबर गोपशु घूम रहे हैं. ऐसे 7 राज्यों में नॉर्थ-ईस्ट के मणिपुर में 2, मेघालय 2344, मिजोरम 70, नागालैंड 115, अरुणाचल प्रदेश 659, सिक्किम में 57 और त्रिपुरा में 3361 गोपशु ही सड़क पर आवारा घूम रहे हैं.
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Tags: Cattle death, Indian Railway news, Train accidentFIRST PUBLISHED : October 31, 2022, 08:47 IST