इंडियन अंटार्कटिक बिल लोकसभा से पारित पर्यावरण और हमारे लिए क्या मायने रखता है ये बिल जानें सब कुछ
इंडियन अंटार्कटिक बिल लोकसभा से पारित पर्यावरण और हमारे लिए क्या मायने रखता है ये बिल जानें सब कुछ
Indian Antarctic Bill, 2022: इंडियन अंटार्कटिक बिल, 2022 लोकसभा से पास हो गया है. इस विधेयक का उद्देश्य भारत द्वारा अंटार्कटिक पर्यावरण और इस पर आश्रित व संबद्ध पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा के लिए राष्ट्रीय उपाय करना है. इस विधेयक में अंटार्कटिका के वातावण के संरक्षण और इस क्षेत्र में गतिविधियों का नियमन किया जाएगा. दरअसल भारत ने अंटार्कटिका में 3 रिसर्च सेंटर स्थापित किए हैं, जिनमें से 2 अभी काम कर रहे हैं.
हाइलाइट्सबिल के जरिए भारत सरकार अंटार्कटिका शासन और पर्यावरण संरक्षण समिति बनाएगी बिल में परमिट जारी करने और कई काम पर रोक लगाने के प्रावधान हैंअंटार्कटिका में खुदाई, ड्रेजिंग या खनिज संसाधनों के संग्रह पर पूरी तरह से रोक होगी
नई दिल्ली: पर्यावरण से संबंधित इंडियन अंटार्कटिक बिल, 2022 लोकसभा से पारित हो गया है. इस विधेयक का उद्देश्य भारत द्वारा अंटार्कटिक पर्यावरण और इस पर आश्रित व संबद्ध पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा के लिए राष्ट्रीय उपाय करना है. यह बिल इस साल अप्रैल में भी लोकसभा में पेश किया गया था लेकिन पारित नहीं हो सका. मानसून सत्र में इंडियन अंटार्कटिक बिल को पारित कराने के लिए लिस्ट किया गया.
अंटार्कटिका में भारतीय मिशन पर गए लोगों की अनियमितता और अपराध जैसे मामलों पर भारत की अदालतों में फैसला करने के लिए यह बिल लाया जा रहा है. दरअसल अभी तक अंटार्कटिका में भारतीय अभियानों पर अंतरराष्ट्रीय कानून चलता था. वहीं पर्यावरण के हितों से जुड़ा यह बिल बेहद अहम है. आइये जानते हैं आखिर इस विधेयक में क्या प्रावधान हैं. यह बिल अंटार्कटिका संधि, अंटार्कटिका समुद्री जीव संसाधन और पर्यावरण संरक्षण पर प्रोटोकॉल को प्रभावी बनाने का प्रयास करता है. यह बिल वातावरण संरक्षण और इस इलाके में होने वाली गतिविधियों को नियंत्रित करने का प्रयास भी करता है. यह विधेयक उन लोगों पर लागू होगा जो बिल के तहत जारी परमिट के तहत, अंटार्कटिक के लिए भारतीय अभियान का हिस्सा हैं. इस बिल के माध्यम से भारत सरकार एक अंटार्कटिक शासन और पर्यावरण संरक्षण समिति बनाएगी. पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव इस समिति के अध्यक्ष होंगे. इस बिल में परमिट जारी करने और कई काम पर रोक लगाने के प्रावधान हैं. बिल में अंटार्कटिका अभियान का हिस्सा बने लोगों के परमाणु कचरे के निष्पादन से संबंधित दिशा-निर्देश हैं. इस विधेयक में तय नियमों को तोड़ने पर सजा और जुर्माने का भी प्रावधान है. इस बिल के तहत अंटार्कटिका में खुदाई, ड्रेजिंग या खनिज संसाधनों के संग्रह पर पूरी तरह से रोक होगी. ये सभी कार्य केवल वैज्ञानिक शोध के लिए की जा सकेंगी. हालांकि इसके लिए अनुमति लेनी होगी. इसके अलावा इस इलाके में स्थित पौधे, पशु-पक्षियों और सील मछलियों को नुकसान पहुंचाने या परेशान करने पर रोक होगी.
बता दें कि अंटार्कटिक पृथ्वी के दक्षिणी ध्रुव पर स्थित एक महाद्वीप है. यह बर्फ से ढका एक निर्जन क्षेत्र है. यह साफ पानी का दुनिया का सबसे बड़ा साधन है और यहां कई दुर्लभ जीव-जंतु पाए जाते हैं. इस इलाके में इंसान नहीं रहते हैं लेकिन दुनियाभर के वैज्ञानिक और पर्यावरणविद यहां रिसर्च के लिए पहुंचते हैं.
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Tags: Antarctica, Parliament sessionFIRST PUBLISHED : July 22, 2022, 16:05 IST